दरभंगा: पूरी दुनिया में ऊर्जा के नए-नए साधनों का विकास किया जा रहा है. इसी कड़ी में बिहार सरकार (Bihar Government) सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होते हुए दरभंगा में बिहार का पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant in Bihar) लगाने का काम इसी माह से शुरू हो जाएगा.
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दरअसल, तालाबों के शहर से मशहूर दरभंगा में बिहार का पहला फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने का कार्य इसी माह से शुरू कर दिया गया है. 1.6 मेगावाट बिजली का उत्पादन इससे होगा. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि जिस तालाब में प्लांट स्थापित होगा उसमें मछली पालन के साथ-साथ सौर ऊर्जा से बिजली भी पैदा की जा सकेगी. तैरता हुआ सोलर प्लांट का निर्माण कादिराबाद स्थित तालाब के किनारे किया जा रहा है अगर सभी चीज ठीक रहा तो जल्द ही दरभंगा में पानी में तैरता हुआ बिहार का पहला सोलर प्लांट देखने को मिलेगा.
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वहीं, दरभंगा बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार दास ने बताया कि बिजली के क्षेत्र में तरक्की कर रहे बिहार में अब ब्रेडा की ओर से पानी में तैरता हुआ बिजली घर बनाया जा रहा है. दरभंगा में इस पर काम शुरू कर दिया गया है. फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट से 1.6 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. यह प्लांट पावर सब स्टेशन से कनेक्टेड होगा यानि यहां से उत्पादित बिजली पावर सब स्टेशन से होते हुए उपभोक्ताओं तक पहुंचेगी.
'कोयला आधारित बिजली को छोड़ गैर परम्परागत ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार सोलर बिजली पर काम कर रही है जिससे पर्यावरण सहित लोगों को काफी लाभ मिलेगा.' : सुनील कुमार दास, अधीक्षण अभियंता
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'फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट कादिराबाद स्थित नाका नंबर 1 के पास बिजली विभाग के तालाब पर बनाया जा रहा है. निर्माण कार्य प्रांरभ हो गया है. इस फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट से 1.6 मेगावाट का उत्पादन होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच है की ऊपर बिजली तथा नीचे मछली का पालन हो उसे जल्द पूरा कर लिया जायेगा. फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट को जल्द पूरा कर लिया जायेगा और इस योजना का लाभ भी लोगों को जल्द मिलेगा.' : डॉ त्यागराजन, जिलाधिकारी
गौरलतब है कि फ्लोटिंग सोलर प्लांट, भूमि-आधारित सौर संयंत्रों के लिए एक ऐसा विकल्प है जिसमें जल निकायों की सतह पर फोटोवोल्टिक पैनलों की तैनाती की जाती है. ये फ्लोटिंग सोलर प्लांट्स महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करने में मदद करते हैं जो अक्षय ऊर्जा संयंत्र मालिकों को ग्रिड कनेक्टिविटी, भूमि अधिग्रहण, विनियम के संबंध में झेलनी पड़ती है. इन फ्लोटिंग सोलर प्लांट्स को स्थापित करने का एक अन्य लाभ जल निकायों का शीतलन प्रभाव है जिससे इन सौर पैनलों का प्रदर्शन 5-10 प्रतिशत बढ़ जाता है.
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बता दें कि 2019 में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोलर योजना पर काम करने का निर्देश दिया था. इस परियोजना के प्रथम चरण के तहत सभी सरकारी-निजी कार्यालयों एवं संस्थानों की छतों पर सोलर प्लांट लगाने का काम शुरू किया गया.
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