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बिहार: बकरीद की कुर्बानी के लिए तैयार है 80 हजार का 'मल्लू' बकरा - Bihar mallu bakra news

बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बान का दिन होता है. इस्लाम में गरीबों और मजलूमों का खास ध्यान रखने की परंपरा है. इसी वजह से बकरीद पर भी गरीबों का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस दिन कुर्बानी के बाद गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं.

बकरीद
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Published : Aug 10, 2019, 6:37 PM IST

दरभंगा: सोमवार को बकरीद है. ऐसे में कुर्बानी के लिए बाजारों में तरह-तरह के बकरों की खरीद-फरोख्त का दौर तेज है. बिहार के दरभंगा जिले में एक बकरा सबके आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसकी कीमत 80 हजार और वजन 80 किलो है.

Darbhanga Bihar
बकरे खरीदते लोग

बाजारों में बढ़ी चहल-पहल
दरभंगा के लहेरियासराय के बाकरगंज बाजार और दरभंगा टावर के सामने जामा मस्जिद के पास बकरों के बाजार से चहल-पहल काफी बढ़ गई है. दरअसल बकरीद के अवसर पर कुर्बानी देने की प्रथा काफी प्राचीन है. लोग अपनी हैसियत के हिसाब से बाजारों में खरीदारी कर रहे हैं.

बकरीद की कुर्बानी के लिए तैयार 'मल्लू' बकरा

महंगे बकरे बढ़ा रहे शोभा
वैसे तो बाजार में 8 हजार से लेकर 30 हजार तक के बकरे उपलब्ध हैं. लेकिन महंगे दाम वाले बकरे सिर्फ बाजार की शोभा बढ़ा रहे हैं. ज्यादातर ग्राहक 8 हजार से 15 हजार तक के बकरे की खरीदारी कर रहे हैं. इस बार बाजार में देसी नस्ल के अलावा कई अन्य नस्ल के बकरे भी उपलब्ध हैं.

Darbhanga Bihar
मल्लू बकरा देखते लोग

80 हजार का 'मल्लू' बकरा
बाजार की शोभा बढ़ा रहे मल्लू बकरे के मालिक फूल हसन ने कहा कि उन्होंने इस बकरे को कोलकाता से दो साल पहले लाया था. जिस समय इन्होंने इस बकरे की खरीदारी की थी, उस वक्त इसका वजन 17 किलो था. 500 रुपये प्रति किलो के हिसाब से इसकी खरीदारी की थी. मल्लू तोतापरी नस्ल का बकरा है, दो सालों में इसका वजन 80 किलो हो गया है. अब मल्लू की कीमत 80 हजार रुपये है. लेकिन खरीदार इसकी कीमत 40 से 45 हजार रुपये ही लगा रहे हैं.

Darbhanga Bihar
80 हजार का मल्लू बकरा

बाजार में खरीदारों की उमड़ी भीड़
बकरे की खरीदारी करने पहुंचे मोहम्मद मोइन ने कहा कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल बकरे की कीमत ज्यादा है. उन्होंने कहा कि बकरीद में कुर्बानी करना फर्ज है, फिर महंगा हो या सस्ता बकरा तो लेना ही है. वैसे तो बाजार में 40 हजार से लेकर 60 हजार रुपये तक के बकरे भी उपलब्ध हैं. मोहम्मद मोइन ने कहा कि कल इसी मंडी में 70 हजार के बकरे की बिक्री हुई है.

Darbhanga Bihar
बकरे खरीदते लोग

बकरीद का महत्‍व
बता दें कि बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बान का दिन होता है. इस्लाम में गरीबों और मजलूमों का खास ध्यान रखने की परंपरा है. इसी वजह से बकरीद पर भी गरीबों का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस दिन कुर्बानी के बाद गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं.

दरभंगा: सोमवार को बकरीद है. ऐसे में कुर्बानी के लिए बाजारों में तरह-तरह के बकरों की खरीद-फरोख्त का दौर तेज है. बिहार के दरभंगा जिले में एक बकरा सबके आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसकी कीमत 80 हजार और वजन 80 किलो है.

Darbhanga Bihar
बकरे खरीदते लोग

बाजारों में बढ़ी चहल-पहल
दरभंगा के लहेरियासराय के बाकरगंज बाजार और दरभंगा टावर के सामने जामा मस्जिद के पास बकरों के बाजार से चहल-पहल काफी बढ़ गई है. दरअसल बकरीद के अवसर पर कुर्बानी देने की प्रथा काफी प्राचीन है. लोग अपनी हैसियत के हिसाब से बाजारों में खरीदारी कर रहे हैं.

बकरीद की कुर्बानी के लिए तैयार 'मल्लू' बकरा

महंगे बकरे बढ़ा रहे शोभा
वैसे तो बाजार में 8 हजार से लेकर 30 हजार तक के बकरे उपलब्ध हैं. लेकिन महंगे दाम वाले बकरे सिर्फ बाजार की शोभा बढ़ा रहे हैं. ज्यादातर ग्राहक 8 हजार से 15 हजार तक के बकरे की खरीदारी कर रहे हैं. इस बार बाजार में देसी नस्ल के अलावा कई अन्य नस्ल के बकरे भी उपलब्ध हैं.

Darbhanga Bihar
मल्लू बकरा देखते लोग

80 हजार का 'मल्लू' बकरा
बाजार की शोभा बढ़ा रहे मल्लू बकरे के मालिक फूल हसन ने कहा कि उन्होंने इस बकरे को कोलकाता से दो साल पहले लाया था. जिस समय इन्होंने इस बकरे की खरीदारी की थी, उस वक्त इसका वजन 17 किलो था. 500 रुपये प्रति किलो के हिसाब से इसकी खरीदारी की थी. मल्लू तोतापरी नस्ल का बकरा है, दो सालों में इसका वजन 80 किलो हो गया है. अब मल्लू की कीमत 80 हजार रुपये है. लेकिन खरीदार इसकी कीमत 40 से 45 हजार रुपये ही लगा रहे हैं.

Darbhanga Bihar
80 हजार का मल्लू बकरा

बाजार में खरीदारों की उमड़ी भीड़
बकरे की खरीदारी करने पहुंचे मोहम्मद मोइन ने कहा कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल बकरे की कीमत ज्यादा है. उन्होंने कहा कि बकरीद में कुर्बानी करना फर्ज है, फिर महंगा हो या सस्ता बकरा तो लेना ही है. वैसे तो बाजार में 40 हजार से लेकर 60 हजार रुपये तक के बकरे भी उपलब्ध हैं. मोहम्मद मोइन ने कहा कि कल इसी मंडी में 70 हजार के बकरे की बिक्री हुई है.

Darbhanga Bihar
बकरे खरीदते लोग

बकरीद का महत्‍व
बता दें कि बकरीद का दिन फर्ज-ए-कुर्बान का दिन होता है. इस्लाम में गरीबों और मजलूमों का खास ध्यान रखने की परंपरा है. इसी वजह से बकरीद पर भी गरीबों का विशेष ध्यान रखा जाता है. इस दिन कुर्बानी के बाद गोश्त के तीन हिस्से किए जाते हैं.

Intro:ईद उल जुहा यानी बकरीद का त्योहार 12 अगस्त को मनाया जाना है। कुर्बानी के लिए शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर बकरे की बाजार सजने के साथ ही मंडी में खरीदारों की भीड़ जुटने लगी है। दरभंगा के लहेरियासराय के बाकरगंज बाजार और दरभंगा टावर के सामने जामा मस्जिद के पास बकरों के बाजार से चहल-पहल काफी बढ़ गई है। वही बाकरगंज स्थित बकरे के बाजार में एक मल्लू नाम का बकरा आया है। जिसकी कीमत बकरे मालिक द्वारा 80 हजार रुपया बताया जा रहा है। जिसे देखने और खरीदारी के लिए हमेशा भीड़ लगी रहती है। लेकिन बकरे का दाम सुनते ही खरीदार, दूसरे बकरे को देखने में लग जाते है।


Body:दरअसल बकरीद के अवसर पर कुर्बानी देने की प्रथा काफी प्राचीन है। जिसको लेकर लोग अपनी हैसियत के हिसाब से बाजारों में खरीदारी कर रहे हैं। वैसे तो बाजार में 8 हजार से लेकर 30 हजार तक के बकरे बाजार में उपलब्ध हैं। लेकिन मंहगे दाम वाले बकरे सिर्फ बाजार के केवल शोभा बढ़ा रही है। ज्यादातर ग्राहक 8 हजार से 15 हजार तक के बकरे की खरीदारी कर रहे है। वही इस बार बकरे की बाजार में देसी नस्ल के अलावा कई अन्य नस्ल के बकरे बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।


Conclusion:वहीं बाजार में बकरे की खरीदारी करने पहुंचे मोहम्मद मोइन ने कहा कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल बकरे की कीमत ज्यादा है। लेकिन मिलाजुला कर देखा जाए तो ठीक ही है। वही उन्होंने कहा कि बकरीद में कुर्बानी करना फर्ज है, महंगा हो या फिर सस्ता बकरा तो लेना ही है । वैसे तो बाजार में 40 हजार से लेकर 60 हजार रुपया तक का बकरा उपलब्ध है। कल इसी मंडी में 70 हजार रुपये का बकरे का बिक्री हुआ है। लोग अपनी हैसियत के हिसाब से यहां खरीदारी कर रहे हैं। हमने 24 हजार रुपया का बकरा लिया है। वहीं उन्होंने कहा कि हर आदमी का इच्छा रहता है कि इस मौके पर अच्छा से अच्छा चीज ले, चाहे पैसा जो भी लगे, लेकिन चीज अच्छी होनी चाहिए।

वही बकरे बाजार का शोभा बढ़ा रहे मल्लू बकरे के मालिक फूल हसन ने कहा कि उन्होंने इस बकरे को कलकत्ता से दो साल पहले लाया था। जिस समय इन्होंने इस बकरे की खरीदारी की थी, उस वक्त इसका वजन 17 किलो था और 500 रुपया प्रति किलो के हिसाब से मैंने इसकी खरदारी की थी। मल्लू तोतापरी नस्ल का बकरा है, दो सालों में इसका वजन 80 किलो हो गया है। मैंने बल्लू का कीमत 80 हजार रुपया रखा है। लेकिन खरीदार इसकी कीमत 40 से 45 हजार रुपया लगा रहे हैं।

Byte --------
मो मोइन, ख़रीदार
फूल हसन, बकरा मालिक

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