दरभंगा: खतरनाक बायो मेडिकल कचरे से प्रदूषण फैलाने का दोषी पाये जाने के बाद जिले के 29 निजी नर्सिंग होम पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन्हें बंद करने के निर्देश जारी कर दिए हैं. इस निर्देश के बाद निजी होम संचालको में हड़कंप मच गया.
इनमें कई प्रतिष्ठित चिकित्सकों के नर्सिंग होम शामिल हैं. बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पटना ने दरभंगा डीएम और सिविल सर्जन को यह निर्देश जारी किया है. सिविल सर्जन डॉ. अमरेंद्र नारायण झा ने इसकी पुष्टि की है.
362 निजी नर्सिंग होम की जांच
सिविल सर्जन डॉ. अमरेंद्र नारायण झा ने बताया कि बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिले के 362 निजी नर्सिंग होम की जांच की थी. इनमें से 29 नर्सिंग होम प्रदूषण नियंत्रण के मानक पर खरे नहीं उतरे. इन्हें खतरनाक ढंग से बायो मेडिकल कचरा फैलाने का दोषी पाया गया है. उसके बाद इन्हें नर्सिंग होम बंद करने का नोटिस दिया गया.
आदेश के बाद भी संचालित
इसके बावजूद ये नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं. बोर्ड ने इसे गंभीरता से लिया उसने डीएम और सीएस को कार्रवाई करने का निर्देश दिया. सीएस डॉ. झा ने कहा कि इनके संचालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी. इसके लिए वे डीएम को रिपोर्ट सौंपने रहे हैं.
मानकों को ताक पर रख रहे निजी नर्सिंग होम
बता दें कि दरभंगा उत्तर बिहार का मेडिकल हब माना जाता है. यहां न सिर्फ बिहार बल्कि नेपाल के सीमावर्ती जिलों के मरीज भी इलाज के लिये आते हैं. मरीजों की बढ़ती भीड़ की वजह से पिछले कुछ सालों में यहां धड़ल्ले से मानकों को ताक पर रख कर निजी नर्सिंग होम खुले हैं. ये बड़े पैमाने पर बायो मेडिकल कचरा फैला रहे हैं.
बेहद खतरनाक है बायो मेडिकल कचरा
बायो मेडिकल कचरा कई गुणा तेज़ी से संक्रमण फैलाता है. इसके चलते शहर के लोगों को गंभीर संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो गया है. इसकी जद में आने वाले मरीजों के परिजन और आम लोग टीबी, टिटनेस, हेपेटाइटिस, मूत्र रोग, इंसेफ्लासिटिस जैसी खतरनाक बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. a