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छपरा: दारोगा-सिपाही हत्याकांड में इस्तेमाल स्कॉर्पियो बरामद, FSL के हाथ लगे अहम सबूत

एफएसएल की टीम स्कॉर्पियो पर पड़े गोलियों के निशान और उसकी सीट से कारतूस के अवशेष को जब्त कर जांच के लिए अपने साथ ले गई है. स्कॉर्पियो के आगे वाले शीशे पर गोलियों के सात निशान बने हुए हैं, जबकि पिछले भाग के सभी शीशे टूटे हुए हैं.

हत्याकांड में प्रयुक्त स्कॉर्पियो
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Published : Aug 22, 2019, 10:54 PM IST

छपरा: मढ़ौरा में एसआईटी के दारोगा और सिपाही की हत्या में प्रयुक्त स्कॉर्पियो बनियापुर के भखुरा गांव के एक गैरेज से बरामद हुई है. ये स्कॉर्पियो हत्याकांड में नामजद अभियुक्त के संबंधी का बताया जा रहा है. पटना से आई एफएसएल की टीम इसकी जांच में जुट गई है.

नमूने को जांच के लिए ले गई FSL
एफएसएल की टीम स्कॉर्पियो पर पड़े गोलियों के निशान और उसकी सीट से कारतूस के अवशेष को जब्त कर जांच के लिए अपने साथ ले गई है. स्कॉर्पियो के आगे वाले शीशे पर गोलियों के सात निशान बने हुए हैं, जबकि पिछले भाग के सभी शिशे टूटे हुए हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

सुबोध सिंह खिलाफ मिले सबूत
मालूम हो कि घटना के बाद पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. इसी क्रम में पुलिस ने घटना में प्रयुक्त स्कॉर्पियो बरामद की है. घटनास्थल पर सुबोध सिंह द्वारा मुख्य भूमिका निभाने के स्पष्ट प्रमाण भी पुलिस को मिले हैं. साथ ही जांच में यह भी स्पष्ट हो गया है कि बरामद स्कॉपियो सुबोध सिंह के द्वारा ही इस्तेमाल की जाती थी.

chhapra
स्कॉर्पियो पर गोलियों के निशान

कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट
मढ़ौरा में दारोगा और सिपाही हत्याकांड में बनाये गए अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर सारण पुलिस ने न्यायालय में वारंट निर्गत करने को लेकर आवेदन दिया है. मढ़ौरा थाना कांड संख्या-569/2019 के अनुसंधान कर्ता ने मामले के सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नूर सुल्ताना के कोर्ट में आवेदन दिया है. उक्त आवेदन को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए इश्तिहार चस्पा करने का भी आदेश दे दिया है.

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हत्याकांड में प्रयुक्त स्कॉर्पियो

कौन है हत्याकंड में शामिल
बता दें कि दरोगा और सिपाही हत्याकंड के मामले में सारण जिला परिषद के अध्यक्ष मीना अरुण, पति सह सलिमापुर पंचायत के मुखिया और वर्तमान में यूपी के बलिया जिले में दोहरे हत्याकांड के आरोप में बलिया मंडल कारा में बंद अरुण सिंह और भतीजा सुबोध सिंह सहित सात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है.

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जिला अभियोजन कार्यालय

अभिषेक सिंह, तरैया थाना क्षेत्र के गलिमापुर गांव निवासी रोहित सिंह, मढ़ौरा थाना क्षेत्र के नवादा गांव निवासी राजू सिंह और इसुआपुर थाना क्षेत्र के चनचौरा गांव निवासी पवन सिंह के साथ ही कई अज्ञात को आरोपित बनाया गया है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. घटना में प्रयुक्त गाड़ी तो बरामद कर ली गई है, लेकिन आरोपी अबतक फरार हैं.

छपरा: मढ़ौरा में एसआईटी के दारोगा और सिपाही की हत्या में प्रयुक्त स्कॉर्पियो बनियापुर के भखुरा गांव के एक गैरेज से बरामद हुई है. ये स्कॉर्पियो हत्याकांड में नामजद अभियुक्त के संबंधी का बताया जा रहा है. पटना से आई एफएसएल की टीम इसकी जांच में जुट गई है.

नमूने को जांच के लिए ले गई FSL
एफएसएल की टीम स्कॉर्पियो पर पड़े गोलियों के निशान और उसकी सीट से कारतूस के अवशेष को जब्त कर जांच के लिए अपने साथ ले गई है. स्कॉर्पियो के आगे वाले शीशे पर गोलियों के सात निशान बने हुए हैं, जबकि पिछले भाग के सभी शिशे टूटे हुए हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

सुबोध सिंह खिलाफ मिले सबूत
मालूम हो कि घटना के बाद पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. इसी क्रम में पुलिस ने घटना में प्रयुक्त स्कॉर्पियो बरामद की है. घटनास्थल पर सुबोध सिंह द्वारा मुख्य भूमिका निभाने के स्पष्ट प्रमाण भी पुलिस को मिले हैं. साथ ही जांच में यह भी स्पष्ट हो गया है कि बरामद स्कॉपियो सुबोध सिंह के द्वारा ही इस्तेमाल की जाती थी.

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स्कॉर्पियो पर गोलियों के निशान

कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट
मढ़ौरा में दारोगा और सिपाही हत्याकांड में बनाये गए अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर सारण पुलिस ने न्यायालय में वारंट निर्गत करने को लेकर आवेदन दिया है. मढ़ौरा थाना कांड संख्या-569/2019 के अनुसंधान कर्ता ने मामले के सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नूर सुल्ताना के कोर्ट में आवेदन दिया है. उक्त आवेदन को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए इश्तिहार चस्पा करने का भी आदेश दे दिया है.

chhapra
हत्याकांड में प्रयुक्त स्कॉर्पियो

कौन है हत्याकंड में शामिल
बता दें कि दरोगा और सिपाही हत्याकंड के मामले में सारण जिला परिषद के अध्यक्ष मीना अरुण, पति सह सलिमापुर पंचायत के मुखिया और वर्तमान में यूपी के बलिया जिले में दोहरे हत्याकांड के आरोप में बलिया मंडल कारा में बंद अरुण सिंह और भतीजा सुबोध सिंह सहित सात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है.

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जिला अभियोजन कार्यालय

अभिषेक सिंह, तरैया थाना क्षेत्र के गलिमापुर गांव निवासी रोहित सिंह, मढ़ौरा थाना क्षेत्र के नवादा गांव निवासी राजू सिंह और इसुआपुर थाना क्षेत्र के चनचौरा गांव निवासी पवन सिंह के साथ ही कई अज्ञात को आरोपित बनाया गया है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. घटना में प्रयुक्त गाड़ी तो बरामद कर ली गई है, लेकिन आरोपी अबतक फरार हैं.

Intro:डे प्लान वाली ख़बर हैं
SLUG:-HATYAKAND ME PRAYUKT SCORPIO BARAMAD
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/ SARAN/BIHAR

Anchor:-जिले में अपराधियों व पुलिस के बीच तू डाल-डाल तो मैं पात-पात वाली कहावत चरितार्थ साबित हो रही हैं क्योंकि अपराधी घटना को अंजाम देते हैं या फिरक में रहते हैं लेकिन पुलिस भी घटना होने से पहले या बाद में अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता भी हासिल कर लेती हैं लेकिन पुलिस करें तो क्या करें.


चौकीदार से लेकर दारोग़ा तक कि हत्या का गवाह बना सारण

23 दिसंबर 2014 को इसुआपुर के थानाध्यक्ष संजय कुमार तिवारी को स्थानीय थाना क्षेत्र के शाम कौड़ियां रेलवे क्रॉसिंग के नजदीक बाइक सवार तीन अपराधियों ने दिन दहारे गोली मार दी थी जिसमें उनकी मौत घटना स्थल पर ही हो गई थी. शहीद संजय तिवारी 2009 बैच के दारोगा थे जबकि वे नालंदा जिले के रहने वाले थे.


20 मार्च 2018 को परसा थाने के चौकीदार को बेखौफ अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी घटना परसा थाना क्षेत्र के पोझी चौक के समीप शराब के धंधेबाजों ने कर दिया था स्थानीय थाना क्षेत्र के मथुरा गांव निवासी चौकीदार बच्चा राम की मौत घटना स्थल पर ही हो गई थी. घटना उस वक्त थी जब चौकीदार बच्चा राम बाजार से वापस घर लौट रहे थे तभी पोझी चौक के समीप पहले से ही घात लगाए अज्ञात अपराधियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाई जिससे बच्चा राम जख्मी हो गए थे लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा अस्पताल ले जाने के दौरान ही बीच रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया था.


वही 4 सितंबर 2018 की देर शाम को सहाजितपुर थाना क्षेत्र के कोल्हुआ बाजार स्थित सीएसपी संचालक से अज्ञात अपराधियों ने लूट की घटना को अंजाम दे रहे थे तभी चौकीदार रास्ते से गुजर रहा था और जब विरोध किया तो संचालक सहित चौकीदार को गोली मार कर पांच लाख लूट लिए थे और लूट की इस वारदात में गोली लगने से दोनों लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे लेकिन चौकीदार धीरेंद्र साह की मौत घटना स्थल पर ही हो गई थी.


वही 20 अगस्त 2019 को शाम के समय मढ़ौरा थाना क्षेत्र के मुख्य बाजार पर अपराधियों द्वारा एसआईटी के प्रभारी सह 2009 बैच के दारोग़ा मिथिलेश कुमार साह व 2015 बैच का सिपाही फारूक आलम को गोलियों से भून दिया था जबकि एक अन्य सिपाही रजनीश के पैर में गोली मारकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया हैं जिसका ईलाज पटना के पीएमसीएच में चल रहा है.



Byte:-धर्मेन्द्र कुमार रस्तोगी, पीटीसी


Body:हत्याकांड में प्रयुक्त स्कोर्पियों बरामद, एफएसएल की टीम ने किया जांच

मढ़ौरा में एसआईटी के दारोगा और सिपाही की हत्या में प्रयुक्त स्कॉर्पियो बनियापुर के भखुरा गांव से नामजद अभियुक्त के करीबी संबंधी के गैरेज से बरामद हुआ है जिसको जांच करने के लिए पटना से एफएसएल की टीम आई हुई हैं और उसे गहन जांच कर की हैं साथ ही टीम द्वारा स्कोर्पियो पर पड़े गोलियों के निशान व स्कोर्पियो की सीट से कारतूस के अवशेष भी जब्त कर उसका नमूना टीम के द्वारा लिया गया हैं. एफएसएल की टीम ने लगभग एक घण्टे तक जांच की हैं टीम ने एकत्रित नमूने को अपने साथ लेते गई हैं, स्कोर्पियो की आगे वाले सीसे पर गोलियों के सात निशान बने हुए हैं वहीं पिछले भाग के सीसे भी टूटे पाए गये हैं. मालूम हो कि घटना के बाद पुलिस ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही हैं और छापेमारी के दौरान ही बुधवार की देर रात्रि को घटना में प्रयुक्त स्कोर्पियो को बरामद कर लिया गया है. घटना स्थल पर सुबोध सिंह द्वारा मुख्य भूमिका निभाने के स्पष्ट प्रमाण पुलिस को मिली हैं और जांच में यह भी स्पष्ट हो गया है कि बरामद स्कॉपियो सुबोध सिंह के द्वारा हीं इस्तेमाल किया जाता था.

कोर्ट ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट

मढ़ौरा में दारोग़ा व सिपाही हत्याकांड में बनाये गए अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर सारण पुलिस ने न्यायालय में वारंट निर्गत करने को लेकर आवेदन दिया है, मढ़ौरा थाना कांड संख्या-569/2019 के अनुसंधान कर्ता ने मामले के सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी नूर सुल्ताना के कोर्ट में आवेदन दिया है और उक्त आवेदन को कोर्ट ने स्वीकार करते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए इस्तिहार चस्पा करने का भी आदेश दे दिया है.


Conclusion:बता दें कि दरोगा व सिपाही हत्याकंड के मामले में सारण जिला परिषद के अध्यक्ष मीना अरुण, पति सह सलिमापुर पंचायत के मुखिया व वर्तमान में यूपी के बलिया ज़िले में दोहरे हत्याकांड के आरोप में बलिया मंडल कारा में बंद अरुण सिंह व भतीजा सुबोध सिंह सहित सात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. अभिषेक सिंह, तरैया थाना क्षेत्र के गलिमापुर गांव निवासी रोहित सिंह, मढ़ौरा थाना क्षेत्र के नवादा गांव निवासी राजू सिंह और इसुआपुर थाना क्षेत्र के चनचौरा गांव निवासी पवन सिंह के साथ ही कई अज्ञात को आरोपित बनाया गया है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. घटना में प्रयुक्त गाड़ी तो बरामद कर ली गई है लेकिन आरोपी अबतक फरार हैं.


वही पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया देखने से ऐसा प्रतीत होता हैं कि उक्त घटना को मुठभेड़ का रुप देने के लिए हथियार बन्द अपराधियों के द्वारा हीं स्कोर्पियों के आगे व पीछे वाले शीशे पर गोली चलाया गया हैं.
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