छपरा: अमानत में खयानत की कहवात तो आपने सुनी ही होगी. कुछ ऐसा ही मामला छपरा में देखने में आया है जहां एक व्यक्ति ने अपने दोस्त की मौत के बाद उसके गजराज को ही हड़पने (Fraud in Chapra) की साजिश रच डाली. फर्जी पेपर बनवा लिये. बाद में स्थिति ऐसी आ गयी कि मालिक को अपने गजराज को पाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. कोर्ट के फैसले के बाद आखिरकार उसे अपना गजराज (Elephant found back in Chapra) मिला. अब पूरा परिवार काफी खुश है.
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क्या है पूरा मामला: पीड़ित रमेश राय ने बताया कि मित्रवत व्यवहार के चलते मई 2020 में हाथी को शादी में घुमाने के बहाने बक्सर जिले के पुरुषोत्तम तिवारी के पुत्र अनूप तिवारी ने हाथी मांगा था. दोस्ती थी, उसने दे दिया. उसके बाद हर साल की तरह उस साल भी सारण जिले में भीषण बाढ़ (severe flood in saran district) आयी. परसा प्रखंड क्षेत्र पूरा जलमग्न हो गया. काफी दिनों तक यही स्थिति बनी रही. इसके चलते उसने हाथी को बक्सर में ही छोड़ दिया गया. अगस्त 2020 में रमेश के पिता नागेश्वर राय की मृत्यु हो गयी. इसके कुछ समय बाद जब अनूप तिवारी से हाथी को पहुंचाने को कहा तो वह कागज दिखाने लगे. कहने लगे कि नागेश्वर राय ने उन्हें हाथी दान में दे दिया था.
कोर्ट ने दिया हाथी लौटाने का आदेश: इसके बाद रमेश ने न्यायलय का दरवाजा खटखटाया. रमेश की मां शनिचरी देवी ने कांड संख्या 305/21 के तहत कोर्ट परिवाद के परसा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. न्यायालय द्वारा एक साल बाद इस मामले की सुनवाई में हाथी को वापस करने का निर्णय लिया गया. तब जाकर बक्सर से हाथी को अन्याय गांव अपने आवास पर वापस लाया. गौरतलब है कि अन्याय निवासी रमेश राय की मां समाज सेविका शनिचरी देवी ने कोर्ट परिवाद के तहत परसा थाने में कांड संख्या 305/21 के तहत जालसाजी कर हाथी चोरी में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इसमें बक्सर जिले के अधोगिक थाना क्षेत्र के विनय कुमार त्रिपाठी, अनूप तिवारी, धर्मशंकर पांडे सहित पांच लोगों को नामजद किया था.
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