सारण: जिले के विभिन्न क्षेत्रों में ब्रह्मा के काया से उत्पन्न भगवान चित्रगुप्त की पूजा-अर्चना की गई. जिला मुख्यालय छपरा में भी चित्रगुप्त पूजा धूमधाम से मनाया गया. छपरा शहर के प्रभुनाथ नगर स्थित कामता सखी मठ, रामलीली मठिया के अलावा कायस्थ समाज से जुड़े लोगों ने अपने-अपने घरों में कुलदेवता की पूजा की.
मंदिरों में सामूहिक पूजा
छपरा शहर के प्राचीन चित्रगुप्त मंदिरों में सामूहिक पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान कायस्थ समाज से जुड़े पुरुष, महिलाएं और युवतियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कामता सखी मठ में हो रहे चित्रगुप्त भगवान की पूजा में मौजूद श्रीप्रकाश वर्मा ने बताया कि ब्रह्मा जी की काया से चित्रगुप्त भगवान का जन्म हुआ था. चित्रगुप्त भगवान की पूजा के दिन लिखने का काम या कलम और दवात का उपयोग नहीं किया जाता है.
ग्रामीण क्षेत्रों में भी चित्रगुप्त पूजा
जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी कायस्थ समाज के लोगों ने बड़े ही धूमधाम और पूरे विधि-विधान से चित्रगुप्त भगवान की पूजा की. लोगों ने धन और ऐश्वर्य की कामना के साथ एक-दूसरे को बधाईयां दी. वहीं, छपरा शहर में सामूहिक पूजा के अलावा कई समितियों ने शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है.