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नवगछिया रेल रैक प्वाइंट पर बेरोकटोक ओवरलोडिंग, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

नवगछिया रेल रैक प्वाइंट (Railway Rack Point) पर एक ट्रैक्टर के टेलर पर 8 टन से अधिक माल लोड किया जा रहा है. वाहनों पर कितनी लोडिंग की जा रही है, इसे मापने की कोई व्यवस्था नहीं है.

वाहनों पर बेरोक-टोक ओवरलोडिंग
वाहनों पर बेरोक-टोक ओवरलोडिंग
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Published : Dec 18, 2021, 9:07 PM IST

Updated : Dec 18, 2021, 9:22 PM IST

भागलपुर (नवगछिया): भागलपुर में नवगछिया रेल रैक प्वाइंट (Navagachhiya Railway Rack Point) पर मालवाहक वाहनों पर बेरोक-टोक ओवरलोडिंग का धंधा जारी है. नवगछिया रेल रैक प्वाइंट पर लोडिंग और अनलोडिंग का काम रेल प्रशासन की मौजूदगी में होता है.

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स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों की भी इस पर नजर होती है लेकिन ना तो कोई कहने वाला है और ना ही कोई टोकने वाला है. खराब सड़कों के बावजूद ओवरलोड वाहन खतरनाक स्थिति से गुजारते हैं. बुधवार को एक ओवरलोड गेहूं लदा ट्रैक्टर का टेलर नवगछिया पूर्वी चंपारण केबिन के पास पलट गया. जिस वक्त यह हादसा हुआ. ट्रैक्टर के आस-पास कई छोटे-छोटे यात्री वाहन खड़े थे और उस पर यात्री बैठे थे. गनीमत थी कि टेलर किसी यात्री वाहन पर नहीं गिरी, नहीं तो एक बड़ी घटना घट सकती थी.

ये भी पढ़ें- पटना के दो छात्रों ने थर्माकोल और प्लास्टिक से बनाया टाइल्स, छत से लेकर सड़क तक में हो सकता है यूज

नवगछिया के कई स्थानीय लोगों ने बताया कि ओवरलोडिंग पर रेल प्रशासन और स्थानीय प्रशासन को तुरंत लगाम लगाना चाहिए. क्योंकि, इस कदर ओवरलोडिंग से लोगों को जान-माल का खतरा है. एक ट्रैक्टर के टेलर पर 8 टन से अधिक माल लोड किया जा रहा है. रेल रैक प्वाइंट पर जहां पर लोडिंग और अनलोडिंग की जाती है, वहां पर वाहनों पर कितनी लोडिंग की जा रही है. इसे मापने की कोई व्यवस्था नहीं है.

एक ट्रैक्टर के टेलर पर 160 बोरी लोड कर दी जाती है. प्रत्येक बोरी का वजन 50 केजी के करीब रहता है. टेलर से दोगुनी से भी अधिक ऊंचाई तक बोरियों को लोड किया जाता है और फिर उसे रस्सियों से बांधा जाता है. मौके पर ही रेलवे द्वारा ट्रैक्टर चालक को विधिवत चालान दिया जाता है.

मालूम हो कि यहां से ट्रैक्टर के माध्यम से माल की ढुलाई नवगछिया बाजार समिति स्थित एफसीआई गोदाम तक की जाती है. रेल रैक पॉइंट से एफसीआई गोदाम तक लोडिंग, अनलोडिंग में किसी भी मानक का पालन नहीं किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- अचानक गर्दनीबाग धरनास्थल पहुंचे तेजस्वी, वार्ड सचिवों से मिलकर कहा- आपके साथ खड़ा हूं मैं

लोडिंग, अनलोडिंग के कार्य में लगे कर्मियों ने बताया कि रेलवे के रैक प्वाइंट पर आने वाली मालगाड़ी नियत समय के लिए रूकती है. काफी कम समय में माल को अनलोड करना होता है. ऐसी स्थिति में कम समय में माल को अनलोड करने के लिए वे लोग ओवरलोडिंग कर जल्दी जल्दी माल को गोदाम तक पहुंचा देते हैं.

'रैक प्वांइट पर किसी भी सूरत में ओवर लोडिंग नहीं करना है. ओवरलोडिंग करने वाले मालवाहक वाहनों का चालान काटा जाएगा.' - मृणाल कुमार, इंस्पेक्टर, आरपीएफ

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भागलपुर (नवगछिया): भागलपुर में नवगछिया रेल रैक प्वाइंट (Navagachhiya Railway Rack Point) पर मालवाहक वाहनों पर बेरोक-टोक ओवरलोडिंग का धंधा जारी है. नवगछिया रेल रैक प्वाइंट पर लोडिंग और अनलोडिंग का काम रेल प्रशासन की मौजूदगी में होता है.

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स्थानीय पुलिस पदाधिकारियों की भी इस पर नजर होती है लेकिन ना तो कोई कहने वाला है और ना ही कोई टोकने वाला है. खराब सड़कों के बावजूद ओवरलोड वाहन खतरनाक स्थिति से गुजारते हैं. बुधवार को एक ओवरलोड गेहूं लदा ट्रैक्टर का टेलर नवगछिया पूर्वी चंपारण केबिन के पास पलट गया. जिस वक्त यह हादसा हुआ. ट्रैक्टर के आस-पास कई छोटे-छोटे यात्री वाहन खड़े थे और उस पर यात्री बैठे थे. गनीमत थी कि टेलर किसी यात्री वाहन पर नहीं गिरी, नहीं तो एक बड़ी घटना घट सकती थी.

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नवगछिया के कई स्थानीय लोगों ने बताया कि ओवरलोडिंग पर रेल प्रशासन और स्थानीय प्रशासन को तुरंत लगाम लगाना चाहिए. क्योंकि, इस कदर ओवरलोडिंग से लोगों को जान-माल का खतरा है. एक ट्रैक्टर के टेलर पर 8 टन से अधिक माल लोड किया जा रहा है. रेल रैक प्वाइंट पर जहां पर लोडिंग और अनलोडिंग की जाती है, वहां पर वाहनों पर कितनी लोडिंग की जा रही है. इसे मापने की कोई व्यवस्था नहीं है.

एक ट्रैक्टर के टेलर पर 160 बोरी लोड कर दी जाती है. प्रत्येक बोरी का वजन 50 केजी के करीब रहता है. टेलर से दोगुनी से भी अधिक ऊंचाई तक बोरियों को लोड किया जाता है और फिर उसे रस्सियों से बांधा जाता है. मौके पर ही रेलवे द्वारा ट्रैक्टर चालक को विधिवत चालान दिया जाता है.

मालूम हो कि यहां से ट्रैक्टर के माध्यम से माल की ढुलाई नवगछिया बाजार समिति स्थित एफसीआई गोदाम तक की जाती है. रेल रैक पॉइंट से एफसीआई गोदाम तक लोडिंग, अनलोडिंग में किसी भी मानक का पालन नहीं किया जा रहा है.

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लोडिंग, अनलोडिंग के कार्य में लगे कर्मियों ने बताया कि रेलवे के रैक प्वाइंट पर आने वाली मालगाड़ी नियत समय के लिए रूकती है. काफी कम समय में माल को अनलोड करना होता है. ऐसी स्थिति में कम समय में माल को अनलोड करने के लिए वे लोग ओवरलोडिंग कर जल्दी जल्दी माल को गोदाम तक पहुंचा देते हैं.

'रैक प्वांइट पर किसी भी सूरत में ओवर लोडिंग नहीं करना है. ओवरलोडिंग करने वाले मालवाहक वाहनों का चालान काटा जाएगा.' - मृणाल कुमार, इंस्पेक्टर, आरपीएफ

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Last Updated : Dec 18, 2021, 9:22 PM IST
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