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भागलपुर RTC के ड्राइवर और कंडक्टर यूनिफॉर्म में चला रहे हैं बस, लेकिन आ रही एक परेशानी

भागलपुर जिला परिवहन निगम ने सरकारी बसों के चालकों और कंडक्टरों के लिए ड्रेस कोड जारी किया है. उन्हें वर्दी भी दी गई है. ड्राइवर अब खाकी पैंट-शर्ट पहनकर बस चला रहे हैं, वहीं कंडक्टरों को सफेद रंग की वर्दी दी गई है. साथ में सिटी भी, जिसे जरूरत पड़ने पर वे बजाया करते हैं.

यूनिफॉर्म
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Published : Aug 27, 2021, 9:39 AM IST

भागलपुर: जिला पथ परिवहन निगम (Transport Corporation) की पहल पर अब सरकारी बसों के चालकों और कंडक्टरों के लिए ड्रेस कोड (Uniform Code) जारी किया गया है. अब ड्राइवर जहां वर्दी में ही बस चला रहे हैं, वहीं कंडक्टर सफेद रंग के यूनिफॉर्म में यात्रियों का टिकट काट रहे हैं. कंडक्टर की वर्दी में सिटी भी दिया गया है, जिसे वे जरूरत पड़ने पर बजा भी सकते हैं.

इसे भी पढ़ें- बिहार राज्य पथ परिवहन निगम नए साल में भागलपुर को देगी 14 से अधिक बसों की सौगात

इसके साथ ही वर्कशॉप के कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है. इसके लिए भी डिपो में अधिकारी काम कर रहे हैं. आए दिन बस में कंडक्टरों की पहचान करना यात्रियों के लिए मुश्किल होता था, जिससे यात्रियों को टिकट कटाने में काफी परेशानी होती थी, लेकिन ड्रेस कोड के लागू हो जाने से यह बुनियादी समस्याएं नहीं आएंगी.

देखें वीडियो

मुख्यालय ने ड्यूटी के दौरान चालक और परिचालक को वर्दी के साथ-साथ और लाइसेंस रखना भी अनिवार्य कर दिया है. चालक और परिचालक को मुख्यालय ने वर्दी पहनकर कार्य करने का आदेश भी जारी किया है, जिससे कि रोडवेज की भी विशेष पहचान बन सके.

"हम कंडक्टर हैं. यूनिफॉर्म से यात्री हमें दूर से ही पहचान लेते हैं. वर्दी में सिटी लगी है, जिसे जरूरत पड़ने पर हम बजाते हैं. हालांकि, एक ड्रेस मिलने से उन्हें काफी परेशानी हो रही है. एक ड्रेस अक्सर गंदा हो जाता है. अभी बारिश का मौसम है तो भींग भी जाता है."- संतोष कुमार चौधरी, कंडक्टर

"एक ड्रेस मिलने से काफी परेशानी हो रही है. गंदा हो जाने के कारण इसे रोजाना पहनना संभव नहीं है. कम से कम एक और ड्रेस मिलना चाहिए, जिससे हम रोज पहनें और यात्रियों को असुविधा न हो." - सुनील कुमार सिंह, ड्राइवर

इसे भी पढ़ें- भागलपुर सरकारी बस स्टैंड में पड़ी पुरानी बसें होंगी नीलाम

"भागलपुर में 20 चालक और संवाहकों को ड्रेस दिया जाना है, अब तक 16 को दिया जा चुका है. सभी चालक और संवाहक को दो-दो ड्रेस दिया जाना है, लेकिन साइज नहीं होने के कारण सभी ड्रेस को पटना भेजा गया है. वहां से ड्रेस आने के बाद सभी को दो-दो ड्रेस दिया जाएगा. ड्रेस पहनकर ड्राइवर और कंडक्टर को बस में चलने का निर्देश दिया है. जिससे कि यात्री परेशान न हों. आने वाले दिनों में डीपो और कार्यालय में भी कर्मी ड्रेस में नजर आएंगे, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है."-राम नारायण दुबे, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, भागलपुर पथ परिवहन निगम

बता दें कि ड्रेस कोड के तौर पर चालक को खाकी पैंट-शर्ट, टोपी और कोरोना से बचाव के लिए मास्क दिया गया है, वहीं कंडक्टर को सफेद रंग की शर्ट और नीले रंग की पेंट, सफेद मास्क और टोपी दिया गया है. कंडक्टर को सिटी भी दी गई है ताकि बस में चलते समय जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके.

गौरतलब के भागलपुर के तिलकामांझी स्थित पथ परिवहन निगम के बस स्टैंड से पूर्णिया, बेगूसराय, पटना, बांका, कटिहार, तारापुर के लिए बसों का परिचालन होता है. निगम की बसों के अलावा लगभग 35 निजी बसें भी यहां से रवाना होती है जो अंडरटेकिंग है.

भागलपुर: जिला पथ परिवहन निगम (Transport Corporation) की पहल पर अब सरकारी बसों के चालकों और कंडक्टरों के लिए ड्रेस कोड (Uniform Code) जारी किया गया है. अब ड्राइवर जहां वर्दी में ही बस चला रहे हैं, वहीं कंडक्टर सफेद रंग के यूनिफॉर्म में यात्रियों का टिकट काट रहे हैं. कंडक्टर की वर्दी में सिटी भी दिया गया है, जिसे वे जरूरत पड़ने पर बजा भी सकते हैं.

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इसके साथ ही वर्कशॉप के कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जा रहा है. इसके लिए भी डिपो में अधिकारी काम कर रहे हैं. आए दिन बस में कंडक्टरों की पहचान करना यात्रियों के लिए मुश्किल होता था, जिससे यात्रियों को टिकट कटाने में काफी परेशानी होती थी, लेकिन ड्रेस कोड के लागू हो जाने से यह बुनियादी समस्याएं नहीं आएंगी.

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मुख्यालय ने ड्यूटी के दौरान चालक और परिचालक को वर्दी के साथ-साथ और लाइसेंस रखना भी अनिवार्य कर दिया है. चालक और परिचालक को मुख्यालय ने वर्दी पहनकर कार्य करने का आदेश भी जारी किया है, जिससे कि रोडवेज की भी विशेष पहचान बन सके.

"हम कंडक्टर हैं. यूनिफॉर्म से यात्री हमें दूर से ही पहचान लेते हैं. वर्दी में सिटी लगी है, जिसे जरूरत पड़ने पर हम बजाते हैं. हालांकि, एक ड्रेस मिलने से उन्हें काफी परेशानी हो रही है. एक ड्रेस अक्सर गंदा हो जाता है. अभी बारिश का मौसम है तो भींग भी जाता है."- संतोष कुमार चौधरी, कंडक्टर

"एक ड्रेस मिलने से काफी परेशानी हो रही है. गंदा हो जाने के कारण इसे रोजाना पहनना संभव नहीं है. कम से कम एक और ड्रेस मिलना चाहिए, जिससे हम रोज पहनें और यात्रियों को असुविधा न हो." - सुनील कुमार सिंह, ड्राइवर

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"भागलपुर में 20 चालक और संवाहकों को ड्रेस दिया जाना है, अब तक 16 को दिया जा चुका है. सभी चालक और संवाहक को दो-दो ड्रेस दिया जाना है, लेकिन साइज नहीं होने के कारण सभी ड्रेस को पटना भेजा गया है. वहां से ड्रेस आने के बाद सभी को दो-दो ड्रेस दिया जाएगा. ड्रेस पहनकर ड्राइवर और कंडक्टर को बस में चलने का निर्देश दिया है. जिससे कि यात्री परेशान न हों. आने वाले दिनों में डीपो और कार्यालय में भी कर्मी ड्रेस में नजर आएंगे, जिसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है."-राम नारायण दुबे, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, भागलपुर पथ परिवहन निगम

बता दें कि ड्रेस कोड के तौर पर चालक को खाकी पैंट-शर्ट, टोपी और कोरोना से बचाव के लिए मास्क दिया गया है, वहीं कंडक्टर को सफेद रंग की शर्ट और नीले रंग की पेंट, सफेद मास्क और टोपी दिया गया है. कंडक्टर को सिटी भी दी गई है ताकि बस में चलते समय जरूरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके.

गौरतलब के भागलपुर के तिलकामांझी स्थित पथ परिवहन निगम के बस स्टैंड से पूर्णिया, बेगूसराय, पटना, बांका, कटिहार, तारापुर के लिए बसों का परिचालन होता है. निगम की बसों के अलावा लगभग 35 निजी बसें भी यहां से रवाना होती है जो अंडरटेकिंग है.

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