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भागलपुर: बाढ़ में फंसे लोगों को नहीं मिल रहा है सूखा राशन, पानी पीने की भी किल्लत - लोगों को नहीं मिल रहा है सूखा राशन

भागलपुर में बाढ़ पीडि़तों को सुखा राशन जल्द नहीं मिला तो यहां रह रहे लोगों को भूखे ही सोना पड़ेगा. लोग चूड़ा-मुड़ी और सत्तू खाकर समय काट रहे है. अभी यहां के घरों में 7 से 8 फीट पानी भरा है. अब तक कोई भी सरकारी मदद नहीं मिली है.

बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिल रही सरकारी मदद
बाढ़ पीड़ितों को नहीं मिल रही सरकारी मदद
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Published : Aug 22, 2021, 5:08 AM IST

भागलपुर: बिहार के भागलपुर जिले में गंगा का जलस्तर (Water Level of Ganga) धीरे-धीरे कम हो रहा है. लेकिन अब भी जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. दियारा इलाके (Diara Area) में बाढ़ (Flood) जैसे हालात है. जिले के सुल्तानगंज नाथनगर, सबौर, कहलगांव, पीरपैंती सहित करीब 15 प्रखंड के 135 पंचायत के 520 गांव प्रभावित हैं. खासकर दियारा इलाके में लोग अधिक परेशान हैं. वहां सुखा राशन नहीं पहुंच रहा है.

ये भी पढ़ें- कैमूर: गर्रा गांव की मुख्य सड़क क्षतिग्रस्त, जल जमाव भी बढ़ा रही हैं मुश्किलें

हालांकि, राहत शिविर और समुदायिक किचन में प्रभावित लोगों को भरपेट भोजन मिल रहा है. जिला प्रशासन द्वारा जो दावे किए जा रहे हैं कि जिले के सभी प्रभावित घरों तक सूखा राशन पहुंचाया जा रहा है. दावे वो सबौर प्रखंड के बडेर बगीचा, संत नगर, रजंदीपुर, लालूचक में फेल है. जिला प्रशासन द्वारा अब तक यहां एक बार भी सुखा राशन नहीं पहुंचा है. यहां लोगों के पास अब एक-दो दिन का ही राशन बचा है.

देखें वीडियो

यदि सुखा राशन जल्द नहीं मिला तो यहां रह रहे लोगों को भूखे ही सोना पड़ेगा. लोग चूड़ा-मुड़ी और सत्तू खाकर समय काट रहे है. अभी यहां के घरों में 7 से 8 फीट पानी भरा है. संत नगर में बाढ़ के बीचों-बीच रह रही महिला सुषमा देवी ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ बीते 20 दिनों से यहां रह रही है. खाने-पीने के लिए अब राशन-पानी नहीं बचा है. सूखा खाना खाकर रह रही हूं. पानी भी दूषित पी रही हैं. अब तक कोई भी सरकारी मदद नहीं मिली है.

ये भी पढ़ें- भागलपुर: बाढ़ का पानी निकलने के बाद महामारी को रोकने के लिए सारी तैयारी पूरी

कोई भी अधिकारी देखने के लिए गांव में नहीं आया है. लालूचक रजंदीपुर में अपने परिवार के साथ रह रहे श्याम कुमार मंडल ने कहा कि हम लोग किसी तरह से जीवन काट रहे हैं. घर छोड़कर नहीं जा सकते क्योंकि घर में बहुत सारा सामान पड़ा हुआ है. चोरी होने का डर है. घर में दो से 3 फीट पानी भरा हुआ है. खाने के लिए सूखा राशन के अलावा कुछ नहीं है. अब तक जिला प्रशासन द्वारा कोई मदद नहीं मिला है.

'गांव के मुखिया सिर्फ देखने के लिए आए थे लेकिन कोई भी अधिकारी नहीं आए हैं. पीने के पानी की सबसे ज्यादा समस्या है क्योंकि चापाकल बाढ़ के पानी में डूब गया है. लोग दूषित पानी पीने को विवश हैं.' : श्याम कुमार मंडल, बाढ़ पीडि़त

ये भी पढ़ें- भागलपुर में कोसी नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त

भागलपुर में गंगा का जलस्तर बीते 24 घंटे में 24 सेंटीमीटर घटा है. लेकिन अभी खतरे के निशान से 33.68 मीटर से 84 सेंटीमीटर ऊपर 34.52 मीटर पर पानी बह रहा है. जलस्तर घटने की संभावना है. पिछले 20 दिनों में बाढ ने जिले में जो तबाही मचाई है, उससे सबसे ज्यादा दियारा इलाके के परिवार और किसान परेशान हुए हैं.

ये भी पढ़ें- बाढ़ प्रभावित इलाकों में ओवरलोड नाव का परिचालन, हो सकता है बड़ा हादसा

ये भी पढ़ें- बाढ़ पर भारी पड़ी श्रद्धालुओं की आस्था, मंदिर के बाहर नाव पर ही की मां मनसा की पूजा

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हालांकि, राहत शिविर और समुदायिक किचन में प्रभावित लोगों को भरपेट भोजन मिल रहा है. जिला प्रशासन द्वारा जो दावे किए जा रहे हैं कि जिले के सभी प्रभावित घरों तक सूखा राशन पहुंचाया जा रहा है. दावे वो सबौर प्रखंड के बडेर बगीचा, संत नगर, रजंदीपुर, लालूचक में फेल है. जिला प्रशासन द्वारा अब तक यहां एक बार भी सुखा राशन नहीं पहुंचा है. यहां लोगों के पास अब एक-दो दिन का ही राशन बचा है.

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यदि सुखा राशन जल्द नहीं मिला तो यहां रह रहे लोगों को भूखे ही सोना पड़ेगा. लोग चूड़ा-मुड़ी और सत्तू खाकर समय काट रहे है. अभी यहां के घरों में 7 से 8 फीट पानी भरा है. संत नगर में बाढ़ के बीचों-बीच रह रही महिला सुषमा देवी ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ बीते 20 दिनों से यहां रह रही है. खाने-पीने के लिए अब राशन-पानी नहीं बचा है. सूखा खाना खाकर रह रही हूं. पानी भी दूषित पी रही हैं. अब तक कोई भी सरकारी मदद नहीं मिली है.

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कोई भी अधिकारी देखने के लिए गांव में नहीं आया है. लालूचक रजंदीपुर में अपने परिवार के साथ रह रहे श्याम कुमार मंडल ने कहा कि हम लोग किसी तरह से जीवन काट रहे हैं. घर छोड़कर नहीं जा सकते क्योंकि घर में बहुत सारा सामान पड़ा हुआ है. चोरी होने का डर है. घर में दो से 3 फीट पानी भरा हुआ है. खाने के लिए सूखा राशन के अलावा कुछ नहीं है. अब तक जिला प्रशासन द्वारा कोई मदद नहीं मिला है.

'गांव के मुखिया सिर्फ देखने के लिए आए थे लेकिन कोई भी अधिकारी नहीं आए हैं. पीने के पानी की सबसे ज्यादा समस्या है क्योंकि चापाकल बाढ़ के पानी में डूब गया है. लोग दूषित पानी पीने को विवश हैं.' : श्याम कुमार मंडल, बाढ़ पीडि़त

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भागलपुर में गंगा का जलस्तर बीते 24 घंटे में 24 सेंटीमीटर घटा है. लेकिन अभी खतरे के निशान से 33.68 मीटर से 84 सेंटीमीटर ऊपर 34.52 मीटर पर पानी बह रहा है. जलस्तर घटने की संभावना है. पिछले 20 दिनों में बाढ ने जिले में जो तबाही मचाई है, उससे सबसे ज्यादा दियारा इलाके के परिवार और किसान परेशान हुए हैं.

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