भागलपुर: जिले के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत ध्रुवगंज गांव के गोपाल जी ने देश और राज्य बिहार का नाम पूरे विश्व में रौशन किया है. यंगेस्ट साइंटिस्ट के नाम से मशहूर गोपाल ने तीन बार नासा और एक बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ऑफर ठुकरा कर देश के लिए ही काम करने का फैसला लिया.
देश प्रेम की वजह से ठुकराया नासा का ऑफर
दरअसल गोपाल के पिता केले की खेती करते थे. बचपन में कई बार खेत में केले के रस का दाग कपड़ों पर लगा देख उनके मन में जिज्ञासा हुई, कि आखिर क्या वजह है कि इसके रस के दाग नहीं जाते. इस तरह की कई घटनाओं ने गोपल को रिसर्च के लिए प्रेरित किया. बचपन में ही उसने केले के तने पर रिसर्च करना शुरू किया था. बाद में जब अपने रिसर्च को उन्होंने नासा के साइंटिस्ट् को भेजा तो नासा ने गोपाल अपने साथ काम करने का आमंत्रण दे दिया. गोपाल जी ने अपने देश प्रेम की वजह से इस ऑफर को ठुकरा दिया. उन्होंने ऐसा तीन बार किया. यहां तक कि डोनल्ड ट्रंप ने भी गोपाल को अमेरिका आने का ऑफर दिया लेकिन उन्होंने उससे भी इंकार कर दिया.
![youngest scientist of bhagalpur gopal ji](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5949286_banana.jpg)
केले के पौधे के विभिन्न हिस्सों पर कर रहे हैं रिसर्च
जब गोपाल जी ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की तो पीएम मोदी ने प्रभावित होकर अहमदाबाद के रिसर्च लैब में भेजा. यहां गोपाल जी ने तकरीबन 6 चीजों पर रिसर्च किया, दो का पेटेंट कराया. फिलहाल वे 'बनाना नैनो क्रिस्टल' और 'बनाना नैनो फाइबर' पर काम कर रहे हैं. केले के पौधे के विभिन्न हिस्से गोपाल की रिसर्च का हिस्सा है. इसके अलावा गोपोनियम अलॉय पर भी उन्होंने रिसर्च किया है, जिससे सूर्य की गर्मी को नापा जा सकता है. इसी रिसर्च के लिए नासा ने गोपाल को आमंत्रित किया था.
'गोपोनियम अलॉय' से नापा जा सकेगा सूर्य का तापमान
गोपाल जी के गांव के ही रहने वाले रिटायर्ड मास्टर अरविंद कुमार ने बताया कि लगभग 3 साल पहले ही गोपाल ने गोपोनियम अलॉय पर अपने रिसर्च की जानकारी दी थी. उसने मुझसे कहा था कि मेरा गोपोनियम ऐलॉय बनने वाला है, जिससे सूर्य की गर्मी को नापा जा सकता है. गोपोनियम ऐलॉय 25 हजार डिग्री सेल्सियस तक की गर्मी को नाप सकता है और इतने ज्यादा तापमान पर भी ये अपने वास्तविक स्वरूप में ही रहेगा. इसका स्वरूप नहीं बदलेगा जबकि सूर्य के आउटर सर्कल का टेंपरेचर 6 हजार डिग्री सेल्सियस होता है. गोपाल जी का यह रिसर्च पेटेंट के प्रोसेस में है.
![youngest scientist of bhagalpur gopal ji](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5949286_family.jpg)
परिवार को है गर्व
साइंटिस्ट गोपाल के बड़े चाचा चितरंजन कुमार का कहना है कि सब भगवान की मर्जी है उन्हीं के आशीर्वाद से हमारे घर के बच्चे ऐसा काम कर पा रहे हैं. शायद ही किसी ने सोचा होगा कि भागलपुर के एक सुदूर गांव का बच्चा नासा जैसे बड़े रिसर्च सेंटर के तीन ऑफर को ठुकरा कर अपने देश के लिए रिसर्च करेगा.
बनाई पानी में तैरने वाली ईंट
गुदड़ी के लाल जैसे कहावत गोपाल जी पर पूरी तरह से सटीक बैठते है. अभाव और मुफलिसी के हालातों में गांव के स्कूल से पढ़ कर गोपाल ने अपने हौसलों की उड़ान जारी रखी और इस मुकाम तक पहुंच गए. गोपाल जी के रिसर्च में केले के तने और रस से हेयर डाई, पैंपर्स, लिथियम बैटरी, बायो सेल, स्यूडो प्लास्टिक जैसी कई चीजें बनाना शामिल है जो कि भारत के साथ साथ पूरी दुनिया के लिए बिल्कुल नई है. गोपाल ऐसी ईंट बनाई है जो पानी में तैर सकती है.
![youngest scientist of bhagalpur gopal ji](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5949286_brick.jpg)
30 स्टार्टअप साइंटिस्ट में शामिल यंगेस्ट साइंटिस्ट गोपाल जी
दुनिया के 30 स्टार्टअप साइंटिस्ट में यंगेस्ट साइंटिस्ट गोपाल जी का नाम भी शामिल हो गया है. अबू धाबी में होने वाले दुनिया के सबसे बड़े साइंस फेयर में स्पीकर के तौर पर भी साइंटिस्ट गोपाल जी का चयन किया गया है. भारत के साथ-साथ बिहार के लिए काफी गर्व की बात है.