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श्रावणी मेला में धड़ल्ले से बिक रहा है गांजा, श्रद्धा की आड़ में जमकर फूंक रहे हैं कांवड़िया - Kanwadiya Is Consuming Ganja

बिहार में शराबबंदी के साथ-साथ अन्य नशा के खिलाफ सरकार बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है. वहीं सुल्तानगंज से दवघर जाने के रास्ते में इन दिनों बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित गांजा की बिक्री और सेवन जारी है.

श्रावणी मेला
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Published : Jul 21, 2022, 10:32 PM IST

भागलपुर: 14 जुलाई विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला 2022 (World Famous Shravani Mela) जारी है. इन दिनों रोजाना सुल्तानगंज से हजारों की संख्या में कांवड़िया पैदल, डॉक बम के रूप में और सड़क मार्ग से अजगैबीनाथ धाम (देवघर) के रवाना होते हैं. इस दौरान कई कावंड़िया थकान मिटाने के नाम पर प्रतिबंधित गांजा का सेवन (Kanwadiya Is Consuming Ganja In Shravani Mela) करते हैं. जबकि बिहार में पूर्ण शराबबंदी (liquor ban In bihar ) है और नशा के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से बड़ा अभियान चलाया जा रहा है.

पढ़ें-'मेरा भोला है भंडारी.. महादेवा तेरा डमरू डम डम', श्रावणी मेले में हंसराज रघुवंशी ने बांधा समां

देवघर के लिए सुल्तानगंज जाते हैं कांवड़ियाः सुल्तानगंज से देवघर तक के 105 किलोमीटर इलाके में कई जगहों पर चोरी झुपे गांजा धड़ल्ले से बिक रहा है. वैशाली से करीब 30 लोगों के कांवरियों की टोली के साथ अजगैबीनाथ से देवघर जा रहे अमन कुमार नामक कांवड़िया ने बताया कि बाबा भोलेनाथ हमलोगों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. थकान मिटाने के लिए हम लोग नशा का सेवन करते हैं. वहीं कई लोगों का आरोप है कि इतने बड़े पैमाने पर गांजा की बिक्री बिना प्रशासन के मिली भगत से संभव नहीं है.

"कई वर्षों से अजगैबीनाथ धाम से बाबा बैधनाथ धाम पैदल यात्रा कर बाबा भोलेनाथ को जल चढ़ाते हैं. रास्ते में थकान नहीं हो इसके लिए बाबा भोलेनाथ का प्रसाद गांजा का सेवन हमलोग करते हैं. इसके सेवन से हम लोगों कि सारी थकान खत्म हो जाती है. "-अमन कुमार, कांवड़िया, वैशाली



105 किमी की पैदल यात्रा : देवघर में बाबा वैद्यनाथ को जो जल अर्पित किया जाता है, उसे शिव भक्त भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में बहने वाली उत्तर वाहिनी गंगा से भरकर 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबा वैद्यनाथ को अर्पित करते हैं. कांवरिया बोल बम का मंत्र जाप करते हुए 86 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर सबसे पहले झारखंड की सीमा दुम्मा में प्रवेश करते हैं. यहां से दस किमी शिवगंगा और नौ करीब नौ किमी की रूट लाइन. इस तरह कुछ 105 किमी की दूरी तय कर कांवरिया बाबा पर जल अर्पण करते हैं.

14 जुलाई से 12 अगस्त तक लगेगा मेला: बता दें कि इस बार श्रावणी मेला 14 जुलाई से 12 अगस्त तक लगेगा. 2019 में आखिरी बार श्रावणी मेला लगा था. 2019 के श्रावणी मेले में एक माह के दौरान करीब 55 लाख श्रद्धालु सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का जल लेकर पैदल बाबाधाम गए थे. ऐसे में इस बार हर साल की तुलना डेढ़ गुना से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ लगने की उम्मीद है. इस कारण दोनों राज्यों के प्रशासन को तैयारी दोगुनी रखनी होगी.

ये भी पढ़ें: बाबा बैद्यनाथ धाम : मोर के मुकुट से होता है भोले का श्रृंगार, इस गांव में होता है तैयार

भागलपुर: 14 जुलाई विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला 2022 (World Famous Shravani Mela) जारी है. इन दिनों रोजाना सुल्तानगंज से हजारों की संख्या में कांवड़िया पैदल, डॉक बम के रूप में और सड़क मार्ग से अजगैबीनाथ धाम (देवघर) के रवाना होते हैं. इस दौरान कई कावंड़िया थकान मिटाने के नाम पर प्रतिबंधित गांजा का सेवन (Kanwadiya Is Consuming Ganja In Shravani Mela) करते हैं. जबकि बिहार में पूर्ण शराबबंदी (liquor ban In bihar ) है और नशा के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से बड़ा अभियान चलाया जा रहा है.

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देवघर के लिए सुल्तानगंज जाते हैं कांवड़ियाः सुल्तानगंज से देवघर तक के 105 किलोमीटर इलाके में कई जगहों पर चोरी झुपे गांजा धड़ल्ले से बिक रहा है. वैशाली से करीब 30 लोगों के कांवरियों की टोली के साथ अजगैबीनाथ से देवघर जा रहे अमन कुमार नामक कांवड़िया ने बताया कि बाबा भोलेनाथ हमलोगों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. थकान मिटाने के लिए हम लोग नशा का सेवन करते हैं. वहीं कई लोगों का आरोप है कि इतने बड़े पैमाने पर गांजा की बिक्री बिना प्रशासन के मिली भगत से संभव नहीं है.

"कई वर्षों से अजगैबीनाथ धाम से बाबा बैधनाथ धाम पैदल यात्रा कर बाबा भोलेनाथ को जल चढ़ाते हैं. रास्ते में थकान नहीं हो इसके लिए बाबा भोलेनाथ का प्रसाद गांजा का सेवन हमलोग करते हैं. इसके सेवन से हम लोगों कि सारी थकान खत्म हो जाती है. "-अमन कुमार, कांवड़िया, वैशाली



105 किमी की पैदल यात्रा : देवघर में बाबा वैद्यनाथ को जो जल अर्पित किया जाता है, उसे शिव भक्त भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में बहने वाली उत्तर वाहिनी गंगा से भरकर 105 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बाबा वैद्यनाथ को अर्पित करते हैं. कांवरिया बोल बम का मंत्र जाप करते हुए 86 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर सबसे पहले झारखंड की सीमा दुम्मा में प्रवेश करते हैं. यहां से दस किमी शिवगंगा और नौ करीब नौ किमी की रूट लाइन. इस तरह कुछ 105 किमी की दूरी तय कर कांवरिया बाबा पर जल अर्पण करते हैं.

14 जुलाई से 12 अगस्त तक लगेगा मेला: बता दें कि इस बार श्रावणी मेला 14 जुलाई से 12 अगस्त तक लगेगा. 2019 में आखिरी बार श्रावणी मेला लगा था. 2019 के श्रावणी मेले में एक माह के दौरान करीब 55 लाख श्रद्धालु सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का जल लेकर पैदल बाबाधाम गए थे. ऐसे में इस बार हर साल की तुलना डेढ़ गुना से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ लगने की उम्मीद है. इस कारण दोनों राज्यों के प्रशासन को तैयारी दोगुनी रखनी होगी.

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