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शाहनवाज हुसैन बोले- 'राज्य भर में सबसे बड़ा होगा भागलपुर आयुर्वेद कॉलेज' - Shahnawaz Hussain In Bhagalpur

बिहार सरकार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन (Industries Minister Shahnawaz Hussain) बुधवार को भागलपुर दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि भागलपुर आयुर्वेद कॉलेज राज्य भर में सबसे बड़ा कॉलेज होगा. इस दिशा में काम चल रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन
उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन
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Published : Jul 20, 2022, 7:41 PM IST

भागलपुरः बिहार सरकार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने बुधवार को भागलपुर गौशाला परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस (Shahnawaz Hussain In Bhagalpur) किया. इस दौरान मंत्री ने राज्य में उद्योगों के विकास के लिए उठाये जा रहे कदमों के बारे में कई जानकारी दी. उद्योग मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आज वे नाथनगर में बन रहे आयुर्वेद महाविद्यालय का निरीक्षण के लिए गये थे. स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयुर्वेद कॉलेज को बेहतर बनाने के लिए कार्य जारी है. आने वाले समय में राज्य भर में यह सबसे बड़ा आयुर्वेद कॉलेज बनेगा.

पढ़ें-बोले शाहनवाजः सरकार बनाने में कोसी, मिथिलांचल और सीमांचल ने की बड़ी मदद, नहीं होगी इन इलाकों की उपेक्षा

"उद्योग के लिए कई लोगों को पूर्व में जमीन आवंटित की गई है. ऐसे आवेदक अगर 6 महीनें तक अपना उद्योग शुरू नहीं कर पाये हैं तो उस आवंटन को कैंसिल कर दिया जाएगा. जिलावार औद्योगिक भूमि की दर में कमी की गई है. भागलपुर के औद्योगिक भूमि की कीमत 5 करोड़ 50 लाख से घटाकर तीन करोड़ 30 लाख कर दी गई है."- सैयद शाहनवाज हुसैन, उद्योग मंत्री, बिहार सरकार

4 एकड़ पीडब्ल्यूडी की जमीन भी कॉलेज में समाहित करने का है प्रस्तावः शाहनवाज हुसैन ने कहा मैं लगातार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आयुर्वेद कॉलेज को बेहतर बनाने की मांग करता था. मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे की ओर से आयुर्वेदिक कॉलेज में कार्य प्रारंभ कराया गया है. आयुर्वेदिक कॉलेज के बगल में 4 एकड़ पीडब्ल्यूडी की जमीन है. उसे भी कॉलेज में समाहित करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है. एक सौ करोड़ का डीपीआर बन के तैयार हो गया है. काम पूरा हो जाने पर यह कॉलेज राज्य भर में सबसे बड़ा आयुर्वेद कॉलेज बनेगा.

औद्योगिक भूमि की दर में कमी से राज्य में बढ़ेंगे उद्योगः कैबिनेट की ओर से लिए गए निर्णय को उद्योग मंत्री ने ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि औद्योगिक भूमि की दर में 20 से 80 फीसदी की कमी की गई है. उन्होंने आगे कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के भूमि की दर में कमी होने से ज्यादा संख्या में बाहरी और राज्य के उद्योग पति निवेश के लिए आगे आयेंगे. इससे राज्य में उद्योगों के विस्तार के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

पढ़ेंः उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन बोले- 'बिहार में औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को लेकर सरकार गंभीर'

भागलपुरः बिहार सरकार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने बुधवार को भागलपुर गौशाला परिसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस (Shahnawaz Hussain In Bhagalpur) किया. इस दौरान मंत्री ने राज्य में उद्योगों के विकास के लिए उठाये जा रहे कदमों के बारे में कई जानकारी दी. उद्योग मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आज वे नाथनगर में बन रहे आयुर्वेद महाविद्यालय का निरीक्षण के लिए गये थे. स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयुर्वेद कॉलेज को बेहतर बनाने के लिए कार्य जारी है. आने वाले समय में राज्य भर में यह सबसे बड़ा आयुर्वेद कॉलेज बनेगा.

पढ़ें-बोले शाहनवाजः सरकार बनाने में कोसी, मिथिलांचल और सीमांचल ने की बड़ी मदद, नहीं होगी इन इलाकों की उपेक्षा

"उद्योग के लिए कई लोगों को पूर्व में जमीन आवंटित की गई है. ऐसे आवेदक अगर 6 महीनें तक अपना उद्योग शुरू नहीं कर पाये हैं तो उस आवंटन को कैंसिल कर दिया जाएगा. जिलावार औद्योगिक भूमि की दर में कमी की गई है. भागलपुर के औद्योगिक भूमि की कीमत 5 करोड़ 50 लाख से घटाकर तीन करोड़ 30 लाख कर दी गई है."- सैयद शाहनवाज हुसैन, उद्योग मंत्री, बिहार सरकार

4 एकड़ पीडब्ल्यूडी की जमीन भी कॉलेज में समाहित करने का है प्रस्तावः शाहनवाज हुसैन ने कहा मैं लगातार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आयुर्वेद कॉलेज को बेहतर बनाने की मांग करता था. मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे की ओर से आयुर्वेदिक कॉलेज में कार्य प्रारंभ कराया गया है. आयुर्वेदिक कॉलेज के बगल में 4 एकड़ पीडब्ल्यूडी की जमीन है. उसे भी कॉलेज में समाहित करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है. एक सौ करोड़ का डीपीआर बन के तैयार हो गया है. काम पूरा हो जाने पर यह कॉलेज राज्य भर में सबसे बड़ा आयुर्वेद कॉलेज बनेगा.

औद्योगिक भूमि की दर में कमी से राज्य में बढ़ेंगे उद्योगः कैबिनेट की ओर से लिए गए निर्णय को उद्योग मंत्री ने ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि औद्योगिक भूमि की दर में 20 से 80 फीसदी की कमी की गई है. उन्होंने आगे कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के भूमि की दर में कमी होने से ज्यादा संख्या में बाहरी और राज्य के उद्योग पति निवेश के लिए आगे आयेंगे. इससे राज्य में उद्योगों के विस्तार के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.

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