भागलपुर: भागलपुर-कहलगांव रेल खंड के बीच सबौर फरका के पास ट्रेन की भीषण टक्कर से एक हाथी की मौत हो गई. मृतक हाथी की पहचान पीरपैंती प्रखंड के सिवानपुर गांव के मुखिया मुकेश कुमार यादव के हाथी लखी प्रसाद के रूप में हुई. वहीं, रेल प्रशासन इस मामले को लेकर मौन है.
कैसे हुआ हादसा?
बता दें कि लखी प्रसाद पूर्वी बिहार का काफी लोकप्रिय हाथी था. हाथी के महावत दिनेश ने बताया कि रात में हाथी को सबौर रेलवे स्टेशन के पास बांधकर रखा गया था. आधी रात में हाथी ने रस्सी तोड़ दिया और वहां से रेलवे पटरी के रास्ते भागने लगा. इसी क्रम में सियालदा-मुगलसराय एक्सप्रेस ने हाथी को भीषण टक्कर मार दी, जिसके बाद मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
रेलवे प्रशासन ने साधी चुप्पी
हाथी के मालिक के संबंधी त्रिपुरारी यादव ने बताया कि सबौर के स्टेशन मास्टर ने पूरी घटना की पुष्टि की है. स्टेशन मास्टर ने यह भी बताया कि इसकी वजह से लगभग 15 मिनट के लिए परिचालन भी बाधित हुआ. इस घटना में रेल प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली है. इस बात को लेकर रेलवे प्रशासन के किसी भी पदाधिकारी ने मीडिया से बातचीत नहीं की.
हाथी लखी प्रसाद को लेकर भावुक हुए मालिक
हाथी के मालिक और सिवानपुर गांव के मुखिया मुकेश कुमार यादव ने हाथी लखी प्रसाद के बारे में बताया कि करीब 20 साल पहले इस हाथी को उनके दादाजी सोनपुर मेले से खरीदकर लाए थे. लखी प्रसाद को पूजा-पाठ के कामों में अक्सर भेजा जाता था. इस बार भी उसे पूजा के काम में ही भेजा गयाा था. लेकिन इस बार वह घर वापस नहीं लौट सका. हालांकि, हाथी के मालिक के परिवार के लोग घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं. हाथी को उठाकर ले जाने के लिए क्रेन मंगाया गया है.