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ट्रेन की टक्कर से पूर्वी बिहार का प्रसिद्ध हाथी 'लखी प्रसाद' की मौत, रेलवे प्रशासन ने साधी चुप्पी

सियालदा-मुगलसराय एक्सप्रेस की भीषण टक्कर से पूर्वी बिहार का प्रसिद्ध हाथी लखी प्रसाद की मौत हो गई. सबौर के स्टेशन मास्टर ने इस घटना की पुष्टि की. हालांकि, इस बात को लेकर रेल प्रशासन के किसी भी पदाधिकारी ने मीडिया से बातचीत नहीं की.

हाथी
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Published : Nov 1, 2019, 6:27 PM IST

भागलपुर: भागलपुर-कहलगांव रेल खंड के बीच सबौर फरका के पास ट्रेन की भीषण टक्कर से एक हाथी की मौत हो गई. मृतक हाथी की पहचान पीरपैंती प्रखंड के सिवानपुर गांव के मुखिया मुकेश कुमार यादव के हाथी लखी प्रसाद के रूप में हुई. वहीं, रेल प्रशासन इस मामले को लेकर मौन है.

कैसे हुआ हादसा?
बता दें कि लखी प्रसाद पूर्वी बिहार का काफी लोकप्रिय हाथी था. हाथी के महावत दिनेश ने बताया कि रात में हाथी को सबौर रेलवे स्टेशन के पास बांधकर रखा गया था. आधी रात में हाथी ने रस्सी तोड़ दिया और वहां से रेलवे पटरी के रास्ते भागने लगा. इसी क्रम में सियालदा-मुगलसराय एक्सप्रेस ने हाथी को भीषण टक्कर मार दी, जिसके बाद मौके पर ही उसकी मौत हो गई.

bhagalpur
मीडिया से बातचीत करते हाथी का मालिक

रेलवे प्रशासन ने साधी चुप्पी
हाथी के मालिक के संबंधी त्रिपुरारी यादव ने बताया कि सबौर के स्टेशन मास्टर ने पूरी घटना की पुष्टि की है. स्टेशन मास्टर ने यह भी बताया कि इसकी वजह से लगभग 15 मिनट के लिए परिचालन भी बाधित हुआ. इस घटना में रेल प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली है. इस बात को लेकर रेलवे प्रशासन के किसी भी पदाधिकारी ने मीडिया से बातचीत नहीं की.

पेश है रिपोर्ट

हाथी लखी प्रसाद को लेकर भावुक हुए मालिक
हाथी के मालिक और सिवानपुर गांव के मुखिया मुकेश कुमार यादव ने हाथी लखी प्रसाद के बारे में बताया कि करीब 20 साल पहले इस हाथी को उनके दादाजी सोनपुर मेले से खरीदकर लाए थे. लखी प्रसाद को पूजा-पाठ के कामों में अक्सर भेजा जाता था. इस बार भी उसे पूजा के काम में ही भेजा गयाा था. लेकिन इस बार वह घर वापस नहीं लौट सका. हालांकि, हाथी के मालिक के परिवार के लोग घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं. हाथी को उठाकर ले जाने के लिए क्रेन मंगाया गया है.

भागलपुर: भागलपुर-कहलगांव रेल खंड के बीच सबौर फरका के पास ट्रेन की भीषण टक्कर से एक हाथी की मौत हो गई. मृतक हाथी की पहचान पीरपैंती प्रखंड के सिवानपुर गांव के मुखिया मुकेश कुमार यादव के हाथी लखी प्रसाद के रूप में हुई. वहीं, रेल प्रशासन इस मामले को लेकर मौन है.

कैसे हुआ हादसा?
बता दें कि लखी प्रसाद पूर्वी बिहार का काफी लोकप्रिय हाथी था. हाथी के महावत दिनेश ने बताया कि रात में हाथी को सबौर रेलवे स्टेशन के पास बांधकर रखा गया था. आधी रात में हाथी ने रस्सी तोड़ दिया और वहां से रेलवे पटरी के रास्ते भागने लगा. इसी क्रम में सियालदा-मुगलसराय एक्सप्रेस ने हाथी को भीषण टक्कर मार दी, जिसके बाद मौके पर ही उसकी मौत हो गई.

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मीडिया से बातचीत करते हाथी का मालिक

रेलवे प्रशासन ने साधी चुप्पी
हाथी के मालिक के संबंधी त्रिपुरारी यादव ने बताया कि सबौर के स्टेशन मास्टर ने पूरी घटना की पुष्टि की है. स्टेशन मास्टर ने यह भी बताया कि इसकी वजह से लगभग 15 मिनट के लिए परिचालन भी बाधित हुआ. इस घटना में रेल प्रशासन की लापरवाही देखने को मिली है. इस बात को लेकर रेलवे प्रशासन के किसी भी पदाधिकारी ने मीडिया से बातचीत नहीं की.

पेश है रिपोर्ट

हाथी लखी प्रसाद को लेकर भावुक हुए मालिक
हाथी के मालिक और सिवानपुर गांव के मुखिया मुकेश कुमार यादव ने हाथी लखी प्रसाद के बारे में बताया कि करीब 20 साल पहले इस हाथी को उनके दादाजी सोनपुर मेले से खरीदकर लाए थे. लखी प्रसाद को पूजा-पाठ के कामों में अक्सर भेजा जाता था. इस बार भी उसे पूजा के काम में ही भेजा गयाा था. लेकिन इस बार वह घर वापस नहीं लौट सका. हालांकि, हाथी के मालिक के परिवार के लोग घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं. हाथी को उठाकर ले जाने के लिए क्रेन मंगाया गया है.

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पूर्वी बिहार में लक्ष्मी प्रसाद के नाम से प्रसिद्ध हाथी की ट्रेन से दुर्घटना में मौत रेल विभाग में जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा

आज तड़के सुबह भागलपुर कहलगांव रेलखंड के बीच सबौर फरका के पास ट्रेन की भीषण टक्कर से एक हाथी की मौत हो गई बताया जाता है कि हाथी पूर्वी बिहार में काफी लोकप्रिय था और लोग इसे लखी प्रसाद के नाम से बुलाते थे महावत दिनेश के अनुसार रात में हाथी को स्टेशन के पास बांधकर रखा गया था लेकिन किसी तरह से खुद को खुला पाकर हाथी लक्ष्मी प्रसाद रेलवे पटरी पर जाने लगा उसी वक्त सियालदा मुगलसराय एक्सप्रेस डाउन सबौर से खुल चुकी थी एकाएक ट्रेन की भीषण टक्कर से पटरी पर चल रहा हाथी दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसके बाद वहां हाथी लखी प्रसाद की मौत हो गई।


Body:आसपास के लोगों से यह पता चला की हाथी की मौत सियालदा मुगलसराय डाउन ट्रेन से भीषण टक्कर लगने से हुई है हाथी के मालिक के संबंधी त्रिपुरारी यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जब उन्होंने सबौर के स्टेशन मास्टर से बात की स्टेशन मास्टर में पूरे घटनाक्रम की जानकारी उन्हें दी और बताया कि लगभग 15 मिनट के लिए परिसदन भी बाधित हुई थी लेकिन सीधे तौर पर मीडिया से किसी भी रेल प्रशासन के पदाधिकारी ने बात नहीं की हाथी के देखरेख करने वाले महावत दिनेश का कहना है जब हाथी को बांधकर सो गया था जब उसे मालिक का फोन आया कि हाथी खोलकर भाग चुका है लेकिन महावत को लगा की हाथी पश्चिम की ओर चला गया है इसलिए वह हाथी को ढूंढने स्टेशन से पश्चिम की तरफ चला गया।


Conclusion:हाथी के मालिक के परिवार से जुड़े एवं मुखिया के तौर पर काम कर रहे मुकेश कुमार यादव का कहना है कि उक्त हाथी को करीबन 20 वर्ष पूर्ण सोनपुर मेले से उनके दादाजी ने खरीद कर लाया था और हाथी रखी प्रसाद को पूजा-पाठ जैसे चीजों में भेजा जाता था और घटना के पूर्व भी लखी प्रसाद हाथी पूजा से ही लौट रहा था जिसमें यह घटना घट गई । हाथी मालिक के परिवार के लोग घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं और हाथी को उठा कर ले जाने के लिए क्रेन मंगाया जा रहा है इस पूरे मामले में रेल प्रशासन की घोर लापरवाही देखने को मिली और साथ ही साथ किसी भी पदाधिकारी ने मीडिया से बात नहीं की।

बाइट दिनेश पासवान महावत , गले में गमछा लगाए
बाइट त्रिपुरारी यादव हाथी मालिक के रिश्तेदार वाइट कुर्ता एवं दाढ़ी में
बाइट मुकेश कुमार यादव मुखिया पीरपैंती ब्लू हाफ शर्ट में
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