भागलपुर: स्मार्ट सिटी की लिस्ट में शामिल भागलपुर के सदर अस्पताल में अव्यवस्था और बदइंतजामी का आलम है. यह अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. यहां कुल 298 डॉक्टर की जरूरत है लेकिन महज 48 डॉक्टर से ही काम चलाया जा रहा है.अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही से मरीजों में भी खासी नाराजगी है.
298 की जगह महज 48 डॉक्टर्स कार्यरत
शहर के बीचों बीच घंटाघर के पास होने से मरीज काफी संख्या में यहां इलाज के लिए आते हैं,लेकिन बीमार मरीजों को डॉक्टर के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है.पूरे जिले में डॉक्टरों की भारी कमी है. 298 डॉक्टर्स की जगह महज 48 डॉक्टर्स ही कार्यरत हैं. इस वजह से इमरजेंसी सेवा के लिए रोस्टर नहीं बनाया जा सकता है.
डॉक्टर निजी क्लिनिक में ही व्यस्त
अस्पताल में आए मरीज के परिजनों का कहना है कि लापरवाही और अव्यवस्था का आलम काफी लंबे वक्त से चला आ रहा है. यहां के डॉक्टर निजी क्लिनिक में ही अधिकतर समय तक व्यस्त रहते हैं. सदर अस्पताल में मरीज डॉक्टर का इंतजार करते रह जाते है. यहां तक कि जरुरतमंद रोगियों और गर्वभती महिलाओं तक को एंबुलेंस की सुविधा नहीं दी जाती, बजाए इसके मरीज को सलाह दी जाती है कि वे ट्रेन से यात्रा करें.
यह है बदइंतजामी का आलम
- सुबह में ओपीडी सेवा का समय 10 बजे से 12 बजे तक तय
- वहीं शाम में ओपीडी सेवा का समय 4 बजे से 6 बजे तक तय
- शाम 4 बजे तक ओपीडी में नहीं पहुंचते डॉक्टर्स
- 298 डॉक्टर्स की जगह महज 48 डॉक्टर्स कार्यरत
- डॉक्टरों की कमी की वजह से इमरजेंसी सेवा के लिए रोस्टर बनाने में असुविधा
- मरीजों को एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं