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शराबबंदी पर जीतनराम मांझी को अजीत शर्मा का साथ मिला, कहा- कंट्रोल नहीं हो रहा है तो वापस लें फैसला

शराबबंदी पर जीतनराम मांझी को अजीत शर्मा का साथ मिला (Ajit Sharma Supports Jitan Ram Manjhi) है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मांझी ने आइना दिखाने का काम किया है. मैं तो कहता हूं कि अगर सरकार से कंट्रोल नहीं हो रहा है तो फैसले को वापस ले लेना चाहिए.

जीतनराम मांझी को अजीत शर्मा का साथ
जीतनराम मांझी को अजीत शर्मा का साथ
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Published : Dec 19, 2021, 8:07 PM IST

भागलपुर: कांग्रेस नेता अजीत शर्मा (Congress Leader Ajit Sharma) ने शराबबंदी पर जीतनराम मांझी के बयान को हास्यास्पद करार दिया है. साथ ही इसको लेकर सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) लागू है, लेकिन इसके बावजूद हर जिले में शराब मिलती है.

ये भी पढ़ें: गजबे का ज्ञान दे रहे हैं जीतन राम मांझी.. 'शरीफों की तरह रात में पीओ और चुपचाप सो जाओ'

कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि शराबबंदी कानून को सभी दलों ने समर्थन किया था लेकिन अब सरकार में शामिल जीतनराम मांझी ने जो बयान है, वह असल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आइना दिखाना वाला है. उन्होंने कहा कि मांझी कहते हैं कि शराब यदि पीना भी है तो थोड़ी सी पीकर घर में सो जाओ, सड़क पर मत आओ. सड़क पर जाओगे तो पुलिस पकड़ लेगी. बड़े-बड़े लोग शराब पीकर घर में सो जाते हैं. इतना ही नहीं उनके भगवान को शराब का भोग लगता और शराब से पूजा होती है.

कांग्रेस नेता अजीत शर्मा का बयान

अजीत शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जीतन राम मांझी के बयान पर गौर फरमाना चाहिए. उन्होंने जो बात कही है कि बड़े-बड़े डॉक्टर, इंजीनियर, आईपीएस और आईएएस ऑफिसर रात के 10 बजे के बाद शराब पीते हैं और घर में सो जाते हैं. मांझी अपने आदमियों से और गरीब तबके के लोगों से अपील कर रहे हैं कि शराब पीकर सड़क पर ना आएं. थोड़ा पीकर घर में सो जाओ. अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार में सरकार में शामिल पार्टी और नेता किस तरह से शराबबंदी के समर्थन में हैं.

ये भी पढ़ें: बैंक कर्मियों की हड़ताल काे मिला अजीत शर्मा का समर्थन, कहा- निजीकरण का विरोध जरूरी

कांग्रेस विधायक ने कहा कि शराब तो पूरे बिहार में गली, मोहल्ले, शहर, पंचायत में होम डिलीवरी हो रही है. इस धंधे में अब छात्र-छात्राएं और युवा भी शामिल होने लगे हैं. शराबबंदी को लागू करने में पूरी प्रशासनिक व्यवस्था फेल हो रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि यदि शराबबंदी को सही से लागू नहीं कर सकते हैं तो शराब बंदी को हटाएं और पूरे बिहार में शराब को लागू करें. दोगुनी-तिगुनी कीमत पर शराब को बेचकर राजस्व प्राप्त कर बिहार में नए-नए कल कारखाने खोलें, ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके.

जीतनराम मांझी सरकार के पार्ट हैं, वो ऐसी बात कर रहे हैं. अगर शराबबंदी सरकार से कंट्रोल नहीं हो रही है तो टैक्स बढ़ाकर तिगुनी कीमत लीजिए. जो राजस्व आता है, उससे हर जिला में बच्चे-बच्चियों को रोजगार दीजिए. इससे अपराध और पलायन भी कम होगा"- अजीत शर्मा, नेता, कांग्रेस

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भागलपुर: कांग्रेस नेता अजीत शर्मा (Congress Leader Ajit Sharma) ने शराबबंदी पर जीतनराम मांझी के बयान को हास्यास्पद करार दिया है. साथ ही इसको लेकर सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) लागू है, लेकिन इसके बावजूद हर जिले में शराब मिलती है.

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कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि शराबबंदी कानून को सभी दलों ने समर्थन किया था लेकिन अब सरकार में शामिल जीतनराम मांझी ने जो बयान है, वह असल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आइना दिखाना वाला है. उन्होंने कहा कि मांझी कहते हैं कि शराब यदि पीना भी है तो थोड़ी सी पीकर घर में सो जाओ, सड़क पर मत आओ. सड़क पर जाओगे तो पुलिस पकड़ लेगी. बड़े-बड़े लोग शराब पीकर घर में सो जाते हैं. इतना ही नहीं उनके भगवान को शराब का भोग लगता और शराब से पूजा होती है.

कांग्रेस नेता अजीत शर्मा का बयान

अजीत शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जीतन राम मांझी के बयान पर गौर फरमाना चाहिए. उन्होंने जो बात कही है कि बड़े-बड़े डॉक्टर, इंजीनियर, आईपीएस और आईएएस ऑफिसर रात के 10 बजे के बाद शराब पीते हैं और घर में सो जाते हैं. मांझी अपने आदमियों से और गरीब तबके के लोगों से अपील कर रहे हैं कि शराब पीकर सड़क पर ना आएं. थोड़ा पीकर घर में सो जाओ. अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार में सरकार में शामिल पार्टी और नेता किस तरह से शराबबंदी के समर्थन में हैं.

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कांग्रेस विधायक ने कहा कि शराब तो पूरे बिहार में गली, मोहल्ले, शहर, पंचायत में होम डिलीवरी हो रही है. इस धंधे में अब छात्र-छात्राएं और युवा भी शामिल होने लगे हैं. शराबबंदी को लागू करने में पूरी प्रशासनिक व्यवस्था फेल हो रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि यदि शराबबंदी को सही से लागू नहीं कर सकते हैं तो शराब बंदी को हटाएं और पूरे बिहार में शराब को लागू करें. दोगुनी-तिगुनी कीमत पर शराब को बेचकर राजस्व प्राप्त कर बिहार में नए-नए कल कारखाने खोलें, ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके.

जीतनराम मांझी सरकार के पार्ट हैं, वो ऐसी बात कर रहे हैं. अगर शराबबंदी सरकार से कंट्रोल नहीं हो रही है तो टैक्स बढ़ाकर तिगुनी कीमत लीजिए. जो राजस्व आता है, उससे हर जिला में बच्चे-बच्चियों को रोजगार दीजिए. इससे अपराध और पलायन भी कम होगा"- अजीत शर्मा, नेता, कांग्रेस

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