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भागलपुर: मुखिया और पंचायत सचिव पर 53 लाख की धांधली का आरोप, कार्रवाई की अनुशंसा

पंचायती राज पदाधिकारी की जांच में अवैध निकासी का खुलासा हुआ. जिसके बाद पंचायती राज पदाधिकारी राजेश कुमार ने डीएम को पत्र लिखकर दोषी मुखिया और पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की है.

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Published : May 27, 2020, 5:42 PM IST

भागलपुर: जिले के सनोखर पंचायत में मुखिया और पंचायत सचिव पर सात निश्चय योजना में धांधली का आरोप लगाकर पंचायतों के सभी वार्ड प्रमुखों ने जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त और जिला पंचायती राज पदाधिकारी को आवेदन देकर जांच करने की मांग की है. वहीं, आवेदन मिलने के बाद जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजेश कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों के साथ पंचायत में जाकर गहनता से जांच की.

पंचायती राज पदाधिकारी की जांच में अवैध निकासी का खुलासा हुआ. जिसके बाद पंचायती राज पदाधिकारी राजेश कुमार ने डीएम को पत्र लिखकर दोषी मुखिया और पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की है. पत्र के साथ जांच रिपोर्ट की प्रति भी भेजी गई है. बता दें कि पत्र में मुखिया और पंचायत सचिव पर सात निश्चय योजना में धांधली कर 53 लाख की अवैध निकासी की बात कही गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'पंचायत में कामों पर पड़ा असर'
वहीं, मामले का खुलासा होने के बाद एक साल बाद उसमें पंचायत सचिव द्वारा 33 लाख रुपया जमा किया गया. पंचायती राज पदाधिकारी के क्षेत्र भ्रमण के दौरान पंचायत में नल जल योजना का कार्य भी गुणवत्तापूर्ण नहीं पाया गया. जांच प्रतिवेदन में जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने लिखा है कि पंचायत में सात निश्चय योजना के तहत हुए काम में गुणवत्तापूर्ण नहीं पाया गया है. अवैध निकासी के चलते पंचायत के वार्डों के कामों पर भी असर पड़ा है.

'एफआईआर दर्ज करने का निर्देश'
जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने जांच प्रतिवेदन के आधार पर दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के अलावा पंचायत सचिव के विरुद्ध आरोप पत्र गठित करने की अनुशंसा की है. जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजेश कुमार ने मामले में बताया कि डीएम से अनुमति मिलने के बाद सनहौला बीडीओ को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाएगा.

भागलपुर: जिले के सनोखर पंचायत में मुखिया और पंचायत सचिव पर सात निश्चय योजना में धांधली का आरोप लगाकर पंचायतों के सभी वार्ड प्रमुखों ने जिलाधिकारी, उप विकास आयुक्त और जिला पंचायती राज पदाधिकारी को आवेदन देकर जांच करने की मांग की है. वहीं, आवेदन मिलने के बाद जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजेश कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों के साथ पंचायत में जाकर गहनता से जांच की.

पंचायती राज पदाधिकारी की जांच में अवैध निकासी का खुलासा हुआ. जिसके बाद पंचायती राज पदाधिकारी राजेश कुमार ने डीएम को पत्र लिखकर दोषी मुखिया और पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की है. पत्र के साथ जांच रिपोर्ट की प्रति भी भेजी गई है. बता दें कि पत्र में मुखिया और पंचायत सचिव पर सात निश्चय योजना में धांधली कर 53 लाख की अवैध निकासी की बात कही गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'पंचायत में कामों पर पड़ा असर'
वहीं, मामले का खुलासा होने के बाद एक साल बाद उसमें पंचायत सचिव द्वारा 33 लाख रुपया जमा किया गया. पंचायती राज पदाधिकारी के क्षेत्र भ्रमण के दौरान पंचायत में नल जल योजना का कार्य भी गुणवत्तापूर्ण नहीं पाया गया. जांच प्रतिवेदन में जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने लिखा है कि पंचायत में सात निश्चय योजना के तहत हुए काम में गुणवत्तापूर्ण नहीं पाया गया है. अवैध निकासी के चलते पंचायत के वार्डों के कामों पर भी असर पड़ा है.

'एफआईआर दर्ज करने का निर्देश'
जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने जांच प्रतिवेदन के आधार पर दोषियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के अलावा पंचायत सचिव के विरुद्ध आरोप पत्र गठित करने की अनुशंसा की है. जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजेश कुमार ने मामले में बताया कि डीएम से अनुमति मिलने के बाद सनहौला बीडीओ को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाएगा.

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