नई दिल्ली: कोलोनियल युग के आपराधिक कानूनों में बदलाव के कारण हिट-एंड-रन मामलों में जेल की सजा बढ़ गई है. इससे देश भर में ट्रक ड्राइवरों का विरोध शुरू हो गया है. इस नए कानून के तहत, भागने और दुर्घटना की सूचना नहीं देने पर ड्राइवरों को 10 साल तक की जेल हो सकती है. बता दें कि इससे पहले, आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत आरोपी को केवल दो साल तक की जेल की सजी हो सकती थी.
भीड़ की पिटाई से डरते है ड्राइवर
वहीं, ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि कोई भी जानबूझकर दुर्घटना नहीं करता है और ड्राइवरों को डर है कि अगर वे घायलों को अस्पताल ले जाने की कोशिश करेंगे तो भीड़ द्वारा उनकी पिटाई कर दी जाएगी, वे काले कानून को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. ट्रांसपोर्टरों ने आशंका जताई कि अगर कोहरे के कारण कोई दुर्घटना होती है तो ड्राइवरों को बिना किसी गलती के 10 साल की सजा हो सकती है.
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Huge Protest against BJP Government All India Driver Protest ! Farmer law now It's Black Law immediately withdraw #TruckDriversProtest pic.twitter.com/lFzjWhEIuO
— Ashish Singh (@AshishSinghKiJi) January 2, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहा प्रदर्शन
देश के अलग-अलग हिस्सों में इस नए कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा. इसमें यूपी से लेकर मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, राजस्थान के साथ कई राज्य शामिल है. हरियाणा में 1 जनवरी से ही प्राइवेट बस ऑपरेटर हड़ताल पर चले गए हैं तो वहीं ऑटो चलाने वालों ने भी नए कानून के खिलाफ नया मोर्चा खोल दिया है. ट्रक ड्राइवरों का आरोप है कि नया कानून ड्राइवरों को उनकी ड्यूटी से हतोत्साहित करेगा और नए लोगों को नौकरी लेने से भी रोकेगा.
इसी तरह का प्रदर्शन यूपी में भी हुआ, जहां बस चालक भी नए कानून के विरोध में ट्रक ड्राइवरों के साथ शामिल हो गए. मध्य प्रदेश में भी ट्रक और टैंकर ड्राइवरों ने विरोध प्रदर्शन किया है. 1 जनवरी कुछ ट्रक चालकों ने नए कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के हुगली जिले में NH-2 को अवरुद्ध कर दिया था.
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The new law has sparked protests from drivers and truckers across various states. One protesting tanker driver said, As per the new law, the hit-&run cases can attract up to 10 years jail term and a fine of Rs 7 lakh. We are drivers, how can we pay such a big fine amount?? #bns pic.twitter.com/oJhxRZ3RZO
— Anuj Pal (@AnujPal0329) January 2, 2024 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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इस वजह से डरते है ड्राइवर
ड्राइवरों को दुर्घटनाओं के बाद स्थानीय लोगों द्वारा परेशान किए जाने का डर रहता है. इसी के वजह से ड्राइवर अधिकारियों को रिपोर्ट किए बिना भागने की कोशिश करते हैं. पुलिस से जुड़ी लंबी प्रोसेस एक और कारण है जो उन्हें कानूनी रास्ता अपनाने से निराश करती है. भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, 2023 ने आपराधिक कानूनों को सरल बनाने और भारतीयकरण करने के प्रयास में पिछले साल ब्रिटिश-युग की भारतीय दंड संहिता की जगह ले ली है. इसी के विरोध में देशभर में प्रदर्शन किया जा रहा है.
इन जगहों पर प्रदर्शन जारी
पश्चिम बंगाल के कुछ जगहों पर अनिश्चित काल के लिए नाकेबंदी जारी है. इस बार पश्चिम बर्दवान जिले के कांकसा में तीन सरकारी तेल कंपनियों के सामने ईंधन तेल परिवहन के ट्रक चालकों ने सरकारी तेल कंपनी का गेट बंद नहीं किया और वे आंदोलन में शामिल हो गए. एक ड्राइवर जियारुल हक ने शिकायत की कि राष्ट्रीय राजमार्ग खराब स्थिति में है. हक ने कहा कि कहीं-कहीं भारी ट्रैफिक जाम है.
इसलिए अलग-अलग समय पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं. यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने अचानक नया परिवहन कानून लागू कर दिया. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे इस गाइडलाइन का पालन नहीं करते कि अगर कहीं दुर्घटना होती है तो वाहन चालकों को लाखों रुपये का जुर्माना देना होगा. उन्होंने इस कानून को वापस लेने की मांग उठाते हुए ईंधन की ढुलाई रोक दी है. जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे आंदोलन जारी रखेंगे. इस आंदोलन के कारण पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में ईंधन तेल की कमी हो सकती है.
तेलंगाना में भी पेट्रोल पंपों पर लगी कतार
तेलंगाना के तेल टैंकर मालिकों की हड़ताल के मद्देनजर पेट्रोल पंपों के सामने वाहन चालकों की बड़ी कतार लग गई है. कई गोदाम मालिकों ने यह सोचकर कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम कम करेगी, उन्हें पेट्रोल-डीजल का पूरा स्टॉक नहीं मिला. टैंकर मालिकों ने पहले घोषणा की थी कि वे बुधवार से हड़ताल पर जायेंगे. इस पृष्ठभूमि में, मोटर चालक यह देखने के लिए दौड़ पड़े कि कल से पेट्रोल और डीजल उपलब्ध होगा या नहीं. इस पृष्ठभूमि में, पेट्रोल और डीजल खत्म हो जाने के कारण, राज्य में कई स्थानों पर चारपाई मालिक 'नो स्टॉक' के बोर्ड लगा रहे हैं.