ETV Bharat / business

कश्मीर में पिछले तीन माह में 10,000 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान

व्यापारिक संगठन, कश्मीर वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष शेख आशिक के मुताबिक शहर के लाल चौक इलाके में कुछ दुकानें सुबह के समय और शाम को अंधेरा होते समय खुलती हैं लेकिन मुख्य बाजार बंद हैं.

कश्मीर में पिछले तीन माह में 10,000 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान
author img

By

Published : Oct 28, 2019, 3:15 PM IST

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 को निरस्त कर दिये जाने के बाद सुरक्षा कारणों से लगाई गई विभिन्न पाबंदियों के चलते पिछले तीन माह के दौरान कश्मीर घाटी में व्यावसायिक समुदाय को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है. एक व्यापारिक संगठन ने यह दावा किया है.

केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में लागू धारा 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निष्प्रभावी कर दिया. उसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से राज्य में कई तरह की पाबंदियां लगाई गईं. रविवार को इन पाबंदियों को लागू हुये 84 दिन हो गये. इन पाबंदियों के चलते मुख्य बाजार ज्यादातर समय बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से नदारद रहा.

ये भी पढ़ें- विश्वबैंक का भारत को 6 अरब डॉलर सालाना का ऋण समर्थन जारी रहेगा

व्यापारिक संगठन, कश्मीर वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष शेख आशिक के मुताबिक शहर के लाल चौक इलाके में कुछ दुकानें सुबह के समय और शाम को अंधेरा होते समय खुलती हैं लेकिन मुख्य बाजार बंद हैं.

शेख आशिक ने कहा कि कितना नुकसान हुआ है इसका अनुमान अभी लगाना मुश्किल है क्योंकि स्थिति अभी तक सामान्य नहीं हो पाई है. इस दौरान कारोबारी समुदाय को गंभीर झटका लगा है और उसका इससे उबरना मुश्किल लगता है.

आशिक ने कहा, "कश्मीर क्षेत्र में अब तक कुल कारोबारी नुकसान 10,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है और सभी क्षेत्रों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. करीब तीन माह होने को है और मौजूदा स्थिति को देखते हुये लोग अभी भी कारोबार नहीं कर रहे हैं. हाल के सप्ताहों में कुछ बाजार खुले और कारोबार शुरू किया गया लेकिन हमारे पास उपलब्ध सूचना के मुताबिक कामकाज काफी सुस्त रहा."

उन्होंने कारोबारी नुकसान के लिये इंटरनेट सेवाओं का निलंबित रहना मुख्य वजह बताई. उन्होंने कहा, "आज के समय में किसी भी कारोबार के लिये इंटरनेट सेवाओं का होना जरूरी है इसके बिना काम करना मुश्किल है. हमने इस बारे में राज्यपाल प्रशासन को अवगत करा दिया है. उन्हें बता दिया गया है कि कश्मीर में काम धंधे को नुकसान होगा और अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ जायेगी. आने वाले समय में इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है."

आशिक ने कहा, "यदि हम हस्तशिल्प क्षेत्र की बात करें तो इससे जुड़े लोगों को जुलाई-अगस्त माह में आर्डर मिलते हैं और फिर उन्हें क्रिसमस त्योहार यानी नये साल के आसपास ये आर्डर पूरे करने होते हैं. ये दस्तकार कब अपने आर्डर पूरे कर पायेंगे? यह काम तभी हो पायेगा जब उन्हें कन्नेक्टीविटी मिलेगी. इसके अभाव में 50 हजार के करीब बुनकरों और दस्तकारों को रोजगार का नुकसान हुआ है."

कश्मीर वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को इस पूरे नुकसान की जिम्मेदारी लेनी चाहिये और व्यापारियों और कारीगरों के नुकसान की भरपाई करने के लिये कदम उठाने चाहिये.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 को निरस्त कर दिये जाने के बाद सुरक्षा कारणों से लगाई गई विभिन्न पाबंदियों के चलते पिछले तीन माह के दौरान कश्मीर घाटी में व्यावसायिक समुदाय को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है. एक व्यापारिक संगठन ने यह दावा किया है.

केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में लागू धारा 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निष्प्रभावी कर दिया. उसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से राज्य में कई तरह की पाबंदियां लगाई गईं. रविवार को इन पाबंदियों को लागू हुये 84 दिन हो गये. इन पाबंदियों के चलते मुख्य बाजार ज्यादातर समय बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से नदारद रहा.

ये भी पढ़ें- विश्वबैंक का भारत को 6 अरब डॉलर सालाना का ऋण समर्थन जारी रहेगा

व्यापारिक संगठन, कश्मीर वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष शेख आशिक के मुताबिक शहर के लाल चौक इलाके में कुछ दुकानें सुबह के समय और शाम को अंधेरा होते समय खुलती हैं लेकिन मुख्य बाजार बंद हैं.

शेख आशिक ने कहा कि कितना नुकसान हुआ है इसका अनुमान अभी लगाना मुश्किल है क्योंकि स्थिति अभी तक सामान्य नहीं हो पाई है. इस दौरान कारोबारी समुदाय को गंभीर झटका लगा है और उसका इससे उबरना मुश्किल लगता है.

आशिक ने कहा, "कश्मीर क्षेत्र में अब तक कुल कारोबारी नुकसान 10,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है और सभी क्षेत्रों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. करीब तीन माह होने को है और मौजूदा स्थिति को देखते हुये लोग अभी भी कारोबार नहीं कर रहे हैं. हाल के सप्ताहों में कुछ बाजार खुले और कारोबार शुरू किया गया लेकिन हमारे पास उपलब्ध सूचना के मुताबिक कामकाज काफी सुस्त रहा."

उन्होंने कारोबारी नुकसान के लिये इंटरनेट सेवाओं का निलंबित रहना मुख्य वजह बताई. उन्होंने कहा, "आज के समय में किसी भी कारोबार के लिये इंटरनेट सेवाओं का होना जरूरी है इसके बिना काम करना मुश्किल है. हमने इस बारे में राज्यपाल प्रशासन को अवगत करा दिया है. उन्हें बता दिया गया है कि कश्मीर में काम धंधे को नुकसान होगा और अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ जायेगी. आने वाले समय में इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है."

आशिक ने कहा, "यदि हम हस्तशिल्प क्षेत्र की बात करें तो इससे जुड़े लोगों को जुलाई-अगस्त माह में आर्डर मिलते हैं और फिर उन्हें क्रिसमस त्योहार यानी नये साल के आसपास ये आर्डर पूरे करने होते हैं. ये दस्तकार कब अपने आर्डर पूरे कर पायेंगे? यह काम तभी हो पायेगा जब उन्हें कन्नेक्टीविटी मिलेगी. इसके अभाव में 50 हजार के करीब बुनकरों और दस्तकारों को रोजगार का नुकसान हुआ है."

कश्मीर वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को इस पूरे नुकसान की जिम्मेदारी लेनी चाहिये और व्यापारियों और कारीगरों के नुकसान की भरपाई करने के लिये कदम उठाने चाहिये.

Intro:Body:

कश्मीर में पिछले तीन माह में 10,000 करोड़ रुपये के कारोबार का नुकसान

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाली धारा 370 को निरस्त कर दिये जाने के बाद सुरक्षा कारणों से लगाई गई विभिन्न पाबंदियों के चलते पिछले तीन माह के दौरान कश्मीर घाटी में व्यावसायिक समुदाय को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है. एक व्यापारिक संगठन ने यह दावा किया है.

केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर में लागू धारा 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निष्प्रभावी कर दिया. उसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से राज्य में कई तरह की पाबंदियां लगाई गईं. रविवार को इन पाबंदियों को लागू हुये 84 दिन हो गये. इन पाबंदियों के चलते मुख्य बाजार ज्यादातर समय बंद रहे और सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से नदारद रहा.

व्यापारिक संगठन, कश्मीर वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष शेख आशिक के मुताबिक शहर के लाल चौक इलाके में कुछ दुकानें सुबह के समय और शाम को अंधेरा होते समय खुलती हैं लेकिन मुख्य बाजार बंद हैं.

शेख आशिक ने कहा कि कितना नुकसान हुआ है इसका अनुमान अभी लगाना मुश्किल है क्योंकि स्थिति अभी तक सामान्य नहीं हो पाई है. इस दौरान कारोबारी समुदाय को गंभीर झटका लगा है और उसका इससे उबरना मुश्किल लगता है.

आशिक ने कहा, "कश्मीर क्षेत्र में अब तक कुल कारोबारी नुकसान 10,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है और सभी क्षेत्रों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. करीब तीन माह होने को है और मौजूदा स्थिति को देखते हुये लोग अभी भी कारोबार नहीं कर रहे हैं. हाल के सप्ताहों में कुछ बाजार खुले और कारोबार शुरू किया गया लेकिन हमारे पास उपलब्ध सूचना के मुताबिक कामकाज काफी सुस्त रहा."

उन्होंने कारोबारी नुकसान के लिये इंटरनेट सेवाओं का निलंबित रहना मुख्य वजह बताई. उन्होंने कहा, "आज के समय में किसी भी कारोबार के लिये इंटरनेट सेवाओं का होना जरूरी है इसके बिना काम करना मुश्किल है. हमने इस बारे में राज्यपाल प्रशासन को अवगत करा दिया है. उन्हें बता दिया गया है कि कश्मीर में काम धंधे को नुकसान होगा और अर्थव्यवस्था कमजोर पड़ जायेगी. आने वाले समय में इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है."

आशिक ने कहा, "यदि हम हस्तशिल्प क्षेत्र की बात करें तो इससे जुड़े लोगों को जुलाई- अगस्त माह में आर्डर मिलते हैं और फिर उन्हें क्रिसमस त्योहार यानी नये साल के आसपास ये आर्डर पूरे करने होते हैं. ये दस्तकार कब अपने आर्डर पूरे कर पायेंगे? यह काम तभी हो पायेगा जब उन्हें कन्नेक्टीविटी मिलेगी. इसके अभाव में 50 हजार के करीब बुनकरों और दस्तकारों को रोजगार का नुकसान हुआ है."

कश्मीर वाणिज्य एवं उद्योग मंडल के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को इस पूरे नुकसान की जिम्मेदारी लेनी चाहिये और व्यापारियों और कारीगरों के नुकसान की भरपाई करने के लिये कदम उठाने चाहिये.

 


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.