नई दिल्ली: आकलन वर्ष 2018-19 के लिये अब तक 1.46 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न फाइल किये जा चुके हैं. इसमें 90.8 लाख रिटर्न सालाना 50 लाख रुपये तक की आय वालों के हैं.
राजस्व विभाग के आंकड़े के अनुसार अकेले 16 जुलाई को 7.94 लाख कर रिटर्न भरे गये. इसमें से 5.26 लाख आईटीआर-1 या सहज थे.
आईटीआर-1 देश में रहने वाले वे लोग भर सकते हैं जिनकी वेतन, एक मकान, संपत्ति, अन्य स्रोत (ब्याज) से कुल आय 50 लाख रुपये तथा कृषि आय 5,000 रुपये है. इसमें वे लोग शामिल नहीं हैं जो निदेशक हैं या जिन्होंने गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश कर रखा है.
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इसके अलावा 16 जुलाई तक 9.68 लाख आईटीआर-2 तथा 14.94 आईटीआर-3 भरे गये हैं. आईटीआर-2 उन लोगों और हिंदु अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिये है जिनकी आय लाभ और कारोबार या पेशा लाभ से नहीं है. वहीं अईटीआर-3 उन व्यक्तियों तथा एचयूएफ के लिये जिनकी आय लाभ और व्यापार या पेश से प्राप्त लाभ से है.
अधिकारियों के अनुसार सुविधा के कारण रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या बढ़ी है. इसका मुख्य कारण पहले से भरा आयकर रिटर्न फार्म है. पहले से भरे फार्म को संपादित किया जा सकता है.
विभाग के अनुसार करीब 28 लाख आईटीआर-4 या सुगम भरे गये गये हैं. इसे उन व्यक्तियों, एचयूएफ तथा कंपनियां भरती हैं जिनकी कारोबार तथा पेशेवर से कुल अनुमानित आय 50 लाख रुपये तक है. लेकिन इसमें शर्त है कि आकलनकर्ता न तो निदेशक है और नहीं किसी गैर-सूचीबद्ध कंपनी में निवेश कर रखा हो.
चालू वित्त वर्ष में अबतक 24,000 कंपनियों ने आईटीआर-6 भरा है. कुल मिलाकर 16 जुलाई तक 1.46 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न भरे जा चुके हैं.