हैदराबाद: भारत तेजी से डिजिटलाइजेशन की तरफ बढ़ रहा है, राजमार्ग और सड़क मंत्रालय ने सभी टोल पर गाड़ियों से डिजिटल तरीके से पेमेंट लिए जाने को मंजूरी दे दी है. यह नियम 1 दिसंबर 2019 से सभी प्राइवेट और कमर्शियल दोनों प्रकार के वाहनों के लिए जरूरी होगा.
आज ईटीवी भारत आपको बताने जा रहा है कि आप फास्ट टैग कहां से लगवा सकते हैं और इसकी प्रक्रिया क्या है और इससे जुड़ें हर सवाल का जवाब दे रहा है जो आपके मन में उठ रहें हैं.
क्या है फास्टैग ?
फास्टैग सुविधा के तहत वाहनों पर एक इलेक्ट्रॉनिक तरह से पढ़ा जाने वाला टैग लगा दिया जाता है. यह रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडिफिकेशन टेक्नोलॉजी पर आधारित एक टैग है. यह गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है.
कैसे काम करेगा फास्टैग ?
वाहन जब किसी टोल प्लाजा से गुजरता है तो वहां लगी मशीन उस टैग के जरिए इलेक्ट्रॉनिक तरीके से शुल्क वसूल कर लेती है. इससे वाहनों को शुल्क गेट पर रुक कर नगद भुगतान नहीं करना होता है.
क्यों लाया गया फास्टैग ?
टोल प्लाजा पर रूकावटों को खत्म करने और यातायात की बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की प्रमुख पहल, राष्ट्रीय इलैक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (फास्टैग) कार्यक्रम को अखिल भारतीय स्तर पर लागू किया गया है.
कहां से खरीद सकते हैं फास्टैग ?
फास्टैग को विभिन्न बैंकों और आईएचएमसीएल/एनएचएआई द्वारा स्थापित 28,500 बिक्री केन्द्रों से खरीदा जा सकता है, जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग के सभी शुल्क प्लाजा, आरटीओ, साझा सेवा केन्द्र, परिवहन केन्द्र, बैंक की शाखाएं, कुछ चुने हुए पेट्रोल पम्प आदि शामिल हैं.
किन-किन बैंकों से खरीद सकते हैं फास्टैग ?
बैंकों जैसे एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, पेटीएम पैमेंट्स बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक आदि की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन खरीदे जा सकते हैं. बैंकों की विस्तृत सूची के लिए www.ihmcl.com देख सकते हैं. फास्टैग कुछ प्रमुख निजी बैंक जैसे आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक की 12,000 बैंक शाखाओं पर भी उपलब्ध हैं.
कितने दाम में मिलेगा फास्टैग ?
फास्टैग खरीदने के लिए आपको 100 रुपये देना होगा. इसे एक तरह से आप जॉइनिंग फीस कह सकते हैं. कार, जीप और वैन के कम से कम 200 रुपये रिफंडेबल सिक्योरिटी डिपॉजिट भी रखना होगा. यहां ये भी बता दें कि इसके साथ ही आपको 100 रुपये का मिनिमम बैंलेस भी रखना होगा. हालांकि रिफंडेबल सिक्योरिटी डिपॉजिट वाहन के आकार के आधार 400 रुपये तक जा सकता है. एक और जरुरी बात ये कि अलग-अलग बैंकों द्वारा सिक्योरिटी डिपॉजिट भिन्न हो सकते हैं.
फास्टैग खरीदने के लिए क्या कागजात चाहिए ?
ग्राहक को फास्टैग के आवेदन के साथ निम्नलिखित दस्तावेजों की एक प्रति जमा करनी होगी:
- वाहन का पंजीकरण प्रमाण पत्र
- वाहन मालिक का पासपोर्ट साइज फोटो
- वाहन मालिक की श्रेणी के अनुसार केवाईसी दस्तावेज (अर्थात व्यक्तिगत / कॉर्पोरेट)
I. व्यक्तिगत के लिए
उपर बताई गई सूची और एक पासपोर्ट आकार का फोटो, आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आई कार्ड, आधार कार्ड (पते के साथ), उदाहरण के लिए वैध ड्राइविंग लाइसेंस एड्रेस और आईडी प्रूफ के लिए पर्याप्त होगा.
II. कॉर्पोरेट ग्राहकों और अन्य के लिए
- फास्टैग जारी करने वाली एजेंसी द्वारा उपर्युक्त मूल दस्तावेज
- फास्टैग वाहन की विंडशील्ड पर केवल जारीकर्ता एजेंसी के प्रतिनिधि द्वारा तय किया जाएगा
- वाहन मालिक का कोई भी प्रतिनिधि उपरोक्त दस्तावेज और जानकारी प्रदान कर सकता है और फास्टैग खरीद सकता है
कैसे रिचार्ज होगा फास्टैग और कैसे करें एक्टिवेट ?
रीचार्ज सुविधा के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण/आईएचएमसीएल ने My FASTag App के जरिए यूपीआई रीचार्ज सुविधा विकसित की है. फास्टैग को नेटबैंकिंग, क्रेडिट/डेबिट कार्ड, यूपीआई और अदायगी के अन्य लोकप्रिय तरीकों के जरिए सम्बद्ध बैंक के पोर्टल पर जाकर भी रीचार्ज कराया जा सकता है. रिचार्ज करने के बाद आपका फास्टैग एक्टिवेट हो जाएगा.
फास्टैग नहीं लगाने पर कितना जुर्माना लगेगा ?
एक दिसंबर से अगर कोई वाहन बिना फास्टैग के फास्टैग वाली लेन से गुजरता है तो उसे दोगुना टोल भरना होगा. हालांकि टोल प्लाजा पर एक लेन ऐसी भी होगी जो बिना फास्टैग वाले वाहनों के लिए होगी और उस लेन से गुजरने पर सामान्य टोल ही वसूला जाएगा.
फास्टैग लगाने से क्या होगा फायदा ?
- भुगतान में आसानी - टोल लेनदेन के लिए नकदी ले जाने की जरूरत नहीं, समय की बचत होती है
- बिना रुके पार हो जाएगी आपकी गाड़ी
- फास्टैग में कम बैलेंस होने पर एसएमएस के जरीए आएगा अलर्ट
- फास्टैग की वैधता 5 साल तक के लिए होगी
- अन्य लाभ:
- पर्यावरणीय लाभ: • कम वायु प्रदूषण • कागज का कम उपयोग
- सामाजिक लाभ: • कम टोल भुगतान संबंधी परेशानियां • बेहतर राजमार्ग प्रबंधन
- आर्थिक लाभ: • टोल प्लाजा पर प्रबंधन में कम प्रयास • केंद्रीय निगरानी में कम प्रयास
टोल फ्री नंबर पर दर्ज कर सकते हैं शिकायत
एनएचएआई के 1033 टोल फ्री नंबर से फास्टैग की जानकारी ली जा सकती है. इस नंबर पर फास्टैग से संबंधित शिकायत भी दर्ज कराई जा सकती है.