नई दिल्ली: मोदी सरकार 5 जुलाई को अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेगी. इससे पहले इसी साल एक फरवरी को सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था. कई लोगों को अब समझ नहीं आ रहा कि बजट तो साल में एक बार ही आता है लेकिन इस बार सरकार एक साल में दो बजट क्यों पेश कर रही है.
बता दें कि एक साल में दो बजट कोई नई बात नहीं हैं. दरअसल जिस वर्ष आम चुनाव होते हैं उस समय केंद्र सरकार फुल बजट न पेश कर अंतरिम बजट पेश करती हैं. जिसे वोट ऑन अकाउंट बजट भी कहते हैं. यह बजट चुनावी वर्ष में नई सरकार के गठन तक खर्चों का इंतजाम करने की औपचारिकता होती है. अंतरिम बजट में ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया जाता है जिसे पूरा करने के लिए संसद की मंजूरी लेनी पड़े.
ये भी पढ़ें- बजट 2019: किसान संघ की मांग- 6 हजार से बढ़ाकर 24 हजार हो पीएम-किसान निधि की रकम
वहीं, आम बजट में सरकार आने वाले नए वित्त वर्ष का लेखा-जोखा पेश करती है. सरकार संसद को बताती है कि आने वाले एक साल में वह किस काम के लिए कितना पैसा खर्च करेगी. मोदी सरकार ने फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था और पांच जुलाई को सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी.
आम बजट और अंतरिम बजट में अंतर
आम बजट एक पूरे वित्त वर्ष के लिए पेश किया जाता है जबकि अंतरिम बजट कुछ ही महीनों के लिए पेश किया जाता है.
बजट 2019: जानिए! आखिर एक साल में दो बजट क्यों पेश कर रही है मोदी सरकार
लोगों को अब समझ नहीं आ रहा कि बजट तो साल में एक बार ही आता है लेकिन इस बार सरकार एक साल में दो बजट क्यों पेश कर रही है.
नई दिल्ली: मोदी सरकार 5 जुलाई को अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेगी. इससे पहले इसी साल एक फरवरी को सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था. कई लोगों को अब समझ नहीं आ रहा कि बजट तो साल में एक बार ही आता है लेकिन इस बार सरकार एक साल में दो बजट क्यों पेश कर रही है.
बता दें कि एक साल में दो बजट कोई नई बात नहीं हैं. दरअसल जिस वर्ष आम चुनाव होते हैं उस समय केंद्र सरकार फुल बजट न पेश कर अंतरिम बजट पेश करती हैं. जिसे वोट ऑन अकाउंट बजट भी कहते हैं. यह बजट चुनावी वर्ष में नई सरकार के गठन तक खर्चों का इंतजाम करने की औपचारिकता होती है. अंतरिम बजट में ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया जाता है जिसे पूरा करने के लिए संसद की मंजूरी लेनी पड़े.
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वहीं, आम बजट में सरकार आने वाले नए वित्त वर्ष का लेखा-जोखा पेश करती है. सरकार संसद को बताती है कि आने वाले एक साल में वह किस काम के लिए कितना पैसा खर्च करेगी. मोदी सरकार ने फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था और पांच जुलाई को सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी.
आम बजट और अंतरिम बजट में अंतर
आम बजट एक पूरे वित्त वर्ष के लिए पेश किया जाता है जबकि अंतरिम बजट कुछ ही महीनों के लिए पेश किया जाता है.
बजट 2019: जानिए! आखिर एक साल में दो बजट क्यों पेश कर रही है मोदी सरकार
नई दिल्ली: मोदी सरकार 5 जुलाई को अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेगी. इससे पहले इसी साल एक फरवरी को सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया था. कई लोगों को अब समझ नहीं आ रहा कि बजट तो साल में एक बार ही आता है लेकिन इस बार सरकार एक साल में दो बजट क्यों पेश कर रही है.
बता दें कि एक साल में दो बजट कोई नई बात नहीं हैं. दरअसल जिस वर्ष आम चुनाव होते हैं उस समय केंद्र सरकार फुल बजट न पेश कर अंतरिम बजट पेश करती हैं. जिसे वोट ऑन अकाउंट बजट भी कहते हैं. यह बजट चुनावी वर्ष में नई सरकार के गठन तक खर्चों का इंतजाम करने की औपचारिकता होती है. अंतरिम बजट में ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया जाता है जिसे पूरा करने के लिए संसद की मंजूरी लेनी पड़े.
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वहीं, आम बजट में सरकार आने वाले नए वित्त वर्ष का लेखा-जोखा पेश करती है. सरकार संसद को बताती है कि आने वाले एक साल में वह किस काम के लिए कितना पैसा खर्च करेगी. मोदी सरकार ने फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था और पांच जुलाई को सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी.
आम बजट और अंतरिम बजट में अंतर
आम बजट एक पूरे वित्त वर्ष के लिए पेश किया जाता है जबकि अंतरिम बजट कुछ ही महीनों के लिए पेश किया जाता है.
Conclusion: