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महिलाओं की सरहानीय पहल, चंदा इकट्ठा कर कराई नाले की मरम्मत - पहाड़

गया के वार्ड नं. 41 के शाहमीर तकिया पहाड़ पर बसी महिलाओं ने अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए खुद ही बीड़ा उठाया है. महिलाओं ने मुहल्ले में चंदा इकट्ठा कर गली और नाले की मरम्मती कराई.

महिलाओं की सराहनीय पहल
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Published : May 27, 2019, 1:40 PM IST

गया: कहते हैं कि एकता ही बल है और इस बात को सच साबित कर दिखाया है पहाड़ पर बसी महिलाओं ने. महिलाओं के हित के लिए काम करने वाली वात्सली निर्भया शक्ति संस्था से जुड़ी महिलाओं ने मुहल्ले में चंदा इकट्ठा कर गली और नाले की मरम्मत कराई.

पहाड़ चढ़ने में होती थी परेशानी
शहर के वार्ड नं. 41 के शाहमीर तकिया पहाड़ पर बसे 200 परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. पहाड़ चढ़ने के दौरान उन्हें जर्जर रास्ते से होकर गुजरना पड़ता था.

कई बार वार्ड पार्षद से की थी शिकायत
नाले की भी हालत काफी बदहाल थी. इस बावत स्थानीय लोगों ने कई बार वार्ड पार्षद से शिकायत की, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा.

जानकारी देती स्थानीय निवासी

चंदा इकट्ठा कर कराई मरम्मत
मुहल्ला निवासी सह संस्था संस्थापिका सत्यावती देवी ने बताया कि पहाड़ पर लगभग 200 घर बसे हैं. उनके जाने के लिए महज 2 से 3 फीट चौड़ी एक ही गली है. वॉर्ड पार्षद से कई बार निवेदन किया गया लेकिन सिवाय आश्वासन के और कुछ नहीं मिला. मबूरन हम महिलाओं ने मिलकर मुहल्ले में चंदा इकट्ठा किया और नाले की मरम्मती कराई.

गया: कहते हैं कि एकता ही बल है और इस बात को सच साबित कर दिखाया है पहाड़ पर बसी महिलाओं ने. महिलाओं के हित के लिए काम करने वाली वात्सली निर्भया शक्ति संस्था से जुड़ी महिलाओं ने मुहल्ले में चंदा इकट्ठा कर गली और नाले की मरम्मत कराई.

पहाड़ चढ़ने में होती थी परेशानी
शहर के वार्ड नं. 41 के शाहमीर तकिया पहाड़ पर बसे 200 परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. पहाड़ चढ़ने के दौरान उन्हें जर्जर रास्ते से होकर गुजरना पड़ता था.

कई बार वार्ड पार्षद से की थी शिकायत
नाले की भी हालत काफी बदहाल थी. इस बावत स्थानीय लोगों ने कई बार वार्ड पार्षद से शिकायत की, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा.

जानकारी देती स्थानीय निवासी

चंदा इकट्ठा कर कराई मरम्मत
मुहल्ला निवासी सह संस्था संस्थापिका सत्यावती देवी ने बताया कि पहाड़ पर लगभग 200 घर बसे हैं. उनके जाने के लिए महज 2 से 3 फीट चौड़ी एक ही गली है. वॉर्ड पार्षद से कई बार निवेदन किया गया लेकिन सिवाय आश्वासन के और कुछ नहीं मिला. मबूरन हम महिलाओं ने मिलकर मुहल्ले में चंदा इकट्ठा किया और नाले की मरम्मती कराई.

Intro:देश मे एक ओर स्मृति ईरानी की चर्चा जोरों पर है सामाजिक और राजनीतिक मिथक से ऊपर उठकर अपने सहयोगी के अर्थी का कंधा दी। गया के कुछ महिलाओं ने पुरुषवादी कार्यप्रणाली से उठकर खुद से मुहल्ला में चंदा करके गली- नली का मरम्मत करवाई।


Body:शहर के वार्ड नं 41 के शाहमीर तकिया के पहाड़ पर बसा 200 परिवार टूटी फूटी गली से पहाड़ पर चढ़ते थे। नली की हालत खराब थी। पहाड़ पर बसे लोग पार्षद के बार बार आग्रह किया लेकिन नही बन सका। पहाड़ पर बसी महिलाओं ने अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए खुद ही बीड़ा उठाया है। महिलाओं के हित लिए काम करने वाली वात्सल्य निर्भया शक्ति संस्था से जुड़ी महिलाओं ने मुहल्ला में चंदा कर गली और नली का मरम्मत करवाया।

मुहल्ला के निवासी सह संस्था संस्थापिका सत्यावती देवी ने बताया पहाड़ पर 200 लोग बसे हैं। उनके जाने के लिए 2 से तीन फीट चौड़ी यही एक गली हैं। पार्षद के पास कितने बार जाकर निवेदन किया गया है। आज तक नही सुनी हैं। महिला पार्षद होकर महिलाओं के बात नही सुनती हैं। उनकी पति बस आश्वासन देते रहते हैं लेकिन आज तक काम नही हो सका। मज़बूरन हमलोग महिलाएं मिलकर मुहल्ला में चंदा किये और मजदूर बुलाकर गली और नली का मरम्मत करवाये हैं। हमलोग अब पार्षद और नगर निगम के भरोसे नही हैं। गली टूटी थी मुहल्ला में शादी हुआ दर्जनों लोग घायल होंगे। हमलोग के लिए अब पार्षद लापता होगयी हैं।


Conclusion:
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