दरभंगा: गर्मी की बढ़ती तपिश के कारण बिहार के दरभंगा में जल संकट की समस्या उत्पन्न हो गई है. दूसरी तरफ शहर में क्षतिग्रस्त पाइप और नलों से बहते पानी को देखने वाला कोई नहीं है. समाहरणालय से चंद कदमों की दूरी पर लहेरियासराय टावर व कृषि कार्यालय के समीप कई जगहों पर महीनों से हर रोज हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है.
पानी की हो रही बर्बादी
दरअसल, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए जो पाइप लाइन बिछाई गई थी, उनमें से कई जगहों पर पाइप क्षतिग्रस्त है. जल मीनारों से जब भी पानी की सप्लाई की जाती है, फूटे और क्षतिग्रस्त पाइपों से सड़कों पर बहने लगता है. एक तरफ जिले की बड़ी आबादी इस प्रचंड गर्मी में भूमिगत जल स्तर नीचे चले जाने से पानी के लिए तरस रही है. दूसरी तरफ क्षतिग्रस्त पाइपों से दिन-रात पानी की बर्बादी हो रही है.
जल संकट से जूझ रहे लोग
स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां पूरा दरभंगा जिला जल संकट से जूझ रहा है, लोग पानी के लिए तरस रहे हैं, वहीं जिला प्रशासन और सरकार के बेहतर जल प्रबंधन के अभाव में पानी सड़कों पर बह कर बर्बाद हो रहा है. लहेरियासराय टावर और कृषि कार्यालय के सामने जहां प्रशासनिक महकमा पूरे दिन-रात घूमते रहती है, वहां पानी की बर्बादी हो रही है. लेकिन कोई देखने वाला नहीं है.
क्या कहते हैं जिलाधिकारी
मामले पर दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने कहा कि दरभंगा शहर में जो लीकेज की समस्या है, वह आज की नहीं है, तीन-चार साल से ये चल रहा है. इसकी मरम्मती का कार्य भी लगातार चल रहा है. लहेरियासराय टावर के पास जो लीकेज है, उसके मरम्मती के लिए निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि पानी नहीं चलाएंगे तो पाइप के माध्यम से लोगों के घर-घर पानी कैसे पहुंचेगा. लिकेज के बावजूद भी पानी चलाना पड़ रहा है ताकि लोगों को पानी की आपूर्ति हो सके.
सरकार के करनी होगी पहल
बरहाल जिले में भूमिगत जल स्तर नीचे जाने के कारण दिन-ब-दिन जल संकट बढ़ता ही जा रहा है. अगर समय रहते इसे नहीं रोकी गया तो आने वाले दिनों में लोगों को पानी के लिए त्राहिमाम करेंगे. इसीलिए अभी से ही लोगों को बूंद-बूंद का महत्व समझना होगा और सरकार को भी इसके लिए ठोस कदम उठाने पड़ेंगे.