ETV Bharat / briefs

ग्राउंड रिपोर्ट: एक तरफ बूंद-बूंद के लिए तरसते लोग, दूसरी तरफ हजारों लीटर पानी की हो रही बर्बादी - District Magistrate

पूरे जिले में पानी के लिये हाहाकार मचा है. इधर दरभंगा में प्रशासन की लापरवाही के कारण प्रतिदिन हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है.

प्रशासनिक लापरवाही से हो रही हजारों लीटर पानी की बर्बादी
author img

By

Published : Jun 15, 2019, 9:48 AM IST

दरभंगा: गर्मी की बढ़ती तपिश के कारण बिहार के दरभंगा में जल संकट की समस्या उत्पन्न हो गई है. दूसरी तरफ शहर में क्षतिग्रस्त पाइप और नलों से बहते पानी को देखने वाला कोई नहीं है. समाहरणालय से चंद कदमों की दूरी पर लहेरियासराय टावर व कृषि कार्यालय के समीप कई जगहों पर महीनों से हर रोज हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है.

पानी की हो रही बर्बादी
दरअसल, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए जो पाइप लाइन बिछाई गई थी, उनमें से कई जगहों पर पाइप क्षतिग्रस्त है. जल मीनारों से जब भी पानी की सप्लाई की जाती है, फूटे और क्षतिग्रस्त पाइपों से सड़कों पर बहने लगता है. एक तरफ जिले की बड़ी आबादी इस प्रचंड गर्मी में भूमिगत जल स्तर नीचे चले जाने से पानी के लिए तरस रही है. दूसरी तरफ क्षतिग्रस्त पाइपों से दिन-रात पानी की बर्बादी हो रही है.

पेश है रिपोर्ट

जल संकट से जूझ रहे लोग
स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां पूरा दरभंगा जिला जल संकट से जूझ रहा है, लोग पानी के लिए तरस रहे हैं, वहीं जिला प्रशासन और सरकार के बेहतर जल प्रबंधन के अभाव में पानी सड़कों पर बह कर बर्बाद हो रहा है. लहेरियासराय टावर और कृषि कार्यालय के सामने जहां प्रशासनिक महकमा पूरे दिन-रात घूमते रहती है, वहां पानी की बर्बादी हो रही है. लेकिन कोई देखने वाला नहीं है.

क्या कहते हैं जिलाधिकारी
मामले पर दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने कहा कि दरभंगा शहर में जो लीकेज की समस्या है, वह आज की नहीं है, तीन-चार साल से ये चल रहा है. इसकी मरम्मती का कार्य भी लगातार चल रहा है. लहेरियासराय टावर के पास जो लीकेज है, उसके मरम्मती के लिए निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि पानी नहीं चलाएंगे तो पाइप के माध्यम से लोगों के घर-घर पानी कैसे पहुंचेगा. लिकेज के बावजूद भी पानी चलाना पड़ रहा है ताकि लोगों को पानी की आपूर्ति हो सके.

सरकार के करनी होगी पहल
बरहाल जिले में भूमिगत जल स्तर नीचे जाने के कारण दिन-ब-दिन जल संकट बढ़ता ही जा रहा है. अगर समय रहते इसे नहीं रोकी गया तो आने वाले दिनों में लोगों को पानी के लिए त्राहिमाम करेंगे. इसीलिए अभी से ही लोगों को बूंद-बूंद का महत्व समझना होगा और सरकार को भी इसके लिए ठोस कदम उठाने पड़ेंगे.

दरभंगा: गर्मी की बढ़ती तपिश के कारण बिहार के दरभंगा में जल संकट की समस्या उत्पन्न हो गई है. दूसरी तरफ शहर में क्षतिग्रस्त पाइप और नलों से बहते पानी को देखने वाला कोई नहीं है. समाहरणालय से चंद कदमों की दूरी पर लहेरियासराय टावर व कृषि कार्यालय के समीप कई जगहों पर महीनों से हर रोज हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है.

पानी की हो रही बर्बादी
दरअसल, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए जो पाइप लाइन बिछाई गई थी, उनमें से कई जगहों पर पाइप क्षतिग्रस्त है. जल मीनारों से जब भी पानी की सप्लाई की जाती है, फूटे और क्षतिग्रस्त पाइपों से सड़कों पर बहने लगता है. एक तरफ जिले की बड़ी आबादी इस प्रचंड गर्मी में भूमिगत जल स्तर नीचे चले जाने से पानी के लिए तरस रही है. दूसरी तरफ क्षतिग्रस्त पाइपों से दिन-रात पानी की बर्बादी हो रही है.

पेश है रिपोर्ट

जल संकट से जूझ रहे लोग
स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां पूरा दरभंगा जिला जल संकट से जूझ रहा है, लोग पानी के लिए तरस रहे हैं, वहीं जिला प्रशासन और सरकार के बेहतर जल प्रबंधन के अभाव में पानी सड़कों पर बह कर बर्बाद हो रहा है. लहेरियासराय टावर और कृषि कार्यालय के सामने जहां प्रशासनिक महकमा पूरे दिन-रात घूमते रहती है, वहां पानी की बर्बादी हो रही है. लेकिन कोई देखने वाला नहीं है.

क्या कहते हैं जिलाधिकारी
मामले पर दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने कहा कि दरभंगा शहर में जो लीकेज की समस्या है, वह आज की नहीं है, तीन-चार साल से ये चल रहा है. इसकी मरम्मती का कार्य भी लगातार चल रहा है. लहेरियासराय टावर के पास जो लीकेज है, उसके मरम्मती के लिए निर्देश दिया गया है. उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि पानी नहीं चलाएंगे तो पाइप के माध्यम से लोगों के घर-घर पानी कैसे पहुंचेगा. लिकेज के बावजूद भी पानी चलाना पड़ रहा है ताकि लोगों को पानी की आपूर्ति हो सके.

सरकार के करनी होगी पहल
बरहाल जिले में भूमिगत जल स्तर नीचे जाने के कारण दिन-ब-दिन जल संकट बढ़ता ही जा रहा है. अगर समय रहते इसे नहीं रोकी गया तो आने वाले दिनों में लोगों को पानी के लिए त्राहिमाम करेंगे. इसीलिए अभी से ही लोगों को बूंद-बूंद का महत्व समझना होगा और सरकार को भी इसके लिए ठोस कदम उठाने पड़ेंगे.

Intro:गर्मी की तपिश बढ़ते ही भारत के कई प्रदेश सहित बिहार के दरभंगा में भी जल संकट की समस्या उत्पन्न हो गई है। लेकिन जल संरक्षण के प्रति प्रशासन कितना जागरूक है, इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि दरभंगा समाहरणालय से चंद कदमों की दूरी पर लहेरियासराय टावर व कृषि कार्यालय के समीप क्षतिग्रस्त पाइप व नलो से बहता पानी को देखने वाला कोई नही है। इन जगहों पर कई महीनों से हर रोज हजारों लीटर पानी की बर्बादी हो रही है। दूसरी तरफ जलस्तर गिर जाने के कारण लोग जल संकट से जूझ रहे हैं और जिला प्रशासन इस कमी को दूर करने के लिए टैंकर से घर घर पहुंचाने का काम कर रही है। लेकिन आंखो के सामने बहता पानी को देखकर भी पूरा तंत्र अनजान बना हुआ है।



Body:दरअसल लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए जो पाइप लाइन बिछाई गई थी, उनमें से कई जगहों पर पाइप क्षतिग्रस्त है। जिसके चलते जल मीनारों से जब भी पानी की सप्लाई की जाती है, उस दौरान फूटे और क्षतिग्रस्त पाइपों से सड़कों पर निकलते पानी के फव्वारे और अनेक जगहों पर बिना टेप के नलों से पानी बहने लगता है, जिसको रोकने वाला कोई नहीं है। एक तरफ जिले की बड़ी आबादी इस प्रचंड गर्मी में भूमिगत जल स्तर नीचे चले जाने से पानी के लिए तरस रही है, तो दूसरी तरफ विभिन्न मोहल्ले में लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच कर क्षतिग्रस्त पाइपों से दिन-रात पानी बहकर बर्बाद हो रही है।

वहीं स्थानीय संजय का कहना है कि जहां पूरा दरभंगा जिला जल संकट से जूझ रहा है, लोग पानी के लिए तरस रहे हैं। वहीं जिला प्रशासन और सरकार के बेहतर जल प्रबंधन के अभाव में पानी सड़कों पर बह कर बर्बाद हो रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि लहेरियासराय टावर और कृषि कार्यालय के सामने जहां प्रशासनिक महकमा पूरे दिन और रात इधर से उधर घूमते रहती है। वहां पर पानी की बर्बादी हो रही है, लेकिन कोई देखने वाला नहीं है।


Conclusion:वहीं दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने कहा कि दरभंगा शहर में जो लीकेज की समस्या है, वह आज की नहीं है, तीन-चार साल से चल रहा है। जिसकी मरम्मत का कार्य भी लगातार चल रहा है। लहेरियासराय टावर के पास जो लीकेज है, उसके मरम्मती के लिए हमने निर्देश दिए हैं। वहीं उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि पानी नहीं चलाएंगे तो, पाइप के माध्यम से लोगों के घर-घर पानी पहुंचेगा कैसे। इसीलिए लिकेज के बावजूद भी पानी चलाना पड़ रहा है, ताकि लोगों को पानी की आपूर्ति हो सके। लेकिन साथ ही साथ लीकेज को ठीक करने का भी निर्देश दिया गया है।

बरहाल जिले में भूमिगत जल स्तर नीचे गिरते जाने के कारण दिन-ब-दिन जल संकट बढ़ता ही जा रहा है। संकेत साफ है कि अगर समय रहते इस बर्बादी को नहीं रोकी गई, तो आने वाले दिनों में लोगों को पानी के लिए तड़पना होगा। इसीलिए समय रहते जल संरक्षण की पहल शुरू नहीं की गई तो, आने वाले दिनों में समस्या और भी विकट हो जाएगी। इसीलिए अभी से ही लोगों को बूंद बूंद पानी का महत्व समझना होगा और सरकार को भी इसके लिए ठोस कदम उठाने पड़ेंगे।

Byte ------------------

संजय कुमार, स्थानीय लोग
डॉ त्यागराजन, जिलाधिकारी दरभंगा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.