छपरा: प्रमंडलीय मुख्यालय सारण के रिविलगंज नगर पंचायत क्षेत्र का सिमरिया घाट ही एक मात्र शवदाह गृह है. यहां सिवान जिले के बसंतपुर, भगवानपुर हाट, एकमा, जनता बाजार, बनियापुर, जलालपुर सहित दर्जनों प्रखंडों और सैकड़ों गांवों के लोग अंतिम संस्कार करने के लिए आते हैं. लेकिन यहां की स्थिति काफी जर्जर है. ऐसे में मृतकों के परिजनों को नदी घाट, सरोवर या नहरों के नदजीक बने शमशान घाटों पर जाना पड़ता हैं.
शवदाह गृह की स्थिति बदहाल
प्रमंडलीय मुख्यालय सारण के छपरा शहर से 13 किलोमीटर दूर पश्चिम नगर पंचायत है. यहां के सरयू नदी के तट पर स्थित सिमरिया घाट पर लोग शवों के अंतिम संस्कार के लिए आते हैं. लेकिन यहां कोई सुविधा नहीं हैं. मजबूरन लोग नदी तट पर किसी तरह दाह संस्कार कर देते हैं.
लोगों को होती है परेशानी
बरसात के दिनों में लोगों को शवदाह करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि रिविलगंज नगर पंचायत के सेमरिया घाट के समीप अगस्त 2010 में शवदाह गृह का निर्माण कराया गया था. बिहार सरकार के मंत्री अश्विनी चौबे के द्वारा मुक्तिधाम योजना के तहत शवदाह गृह का निर्माण हुआ था. लेकिन वहां की स्थिति बदतर है.
बुनियादी सुविधाओं का है अभाव
इस शवदाह गृह में शेड के अलावे शौचालय, दुकान और शेड में 6 स्टैंड का निर्माण तो कराया गया है, लेकिन समुचित व्यवस्था और देखरेख के अभाव में इसका इस्तेमाल कोई नहीं करता है.
जल्द होगा जीर्णोद्धार
इस मामले पर रिविलगंज के कनीय अभियंता निरंजन कुमार का कहना है कि 24 लाख रुपये की लागत से इसका जीर्णोद्धार कराना है. लोकसभा चुनाव के कारण काम बाधित था. लेकिन अब मरम्मती की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. बहुत जल्द स्थिति में सुधार होगा.