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छपरा : शवदाह गृह की स्थिति बदहाल, समुचित व्यवस्था का है अभाव - Restoration

अगस्त 2010 में शवदाह गृह का निर्माण कराया गया था. 9 साल बीत जाने के बावजूद भी यहां बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. समुचित व्यवस्था और देखरेख के अभाव में इसका इस्तेमाल कोई नहीं करता हैं.

शवदाह गृह की स्थिति बदहाल
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Published : Jun 8, 2019, 5:58 PM IST

छपरा: प्रमंडलीय मुख्यालय सारण के रिविलगंज नगर पंचायत क्षेत्र का सिमरिया घाट ही एक मात्र शवदाह गृह है. यहां सिवान जिले के बसंतपुर, भगवानपुर हाट, एकमा, जनता बाजार, बनियापुर, जलालपुर सहित दर्जनों प्रखंडों और सैकड़ों गांवों के लोग अंतिम संस्कार करने के लिए आते हैं. लेकिन यहां की स्थिति काफी जर्जर है. ऐसे में मृतकों के परिजनों को नदी घाट, सरोवर या नहरों के नदजीक बने शमशान घाटों पर जाना पड़ता हैं.

शवदाह गृह की स्थिति बदहाल
प्रमंडलीय मुख्यालय सारण के छपरा शहर से 13 किलोमीटर दूर पश्चिम नगर पंचायत है. यहां के सरयू नदी के तट पर स्थित सिमरिया घाट पर लोग शवों के अंतिम संस्कार के लिए आते हैं. लेकिन यहां कोई सुविधा नहीं हैं. मजबूरन लोग नदी तट पर किसी तरह दाह संस्कार कर देते हैं.

पेश है रिपोर्ट

लोगों को होती है परेशानी
बरसात के दिनों में लोगों को शवदाह करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि रिविलगंज नगर पंचायत के सेमरिया घाट के समीप अगस्त 2010 में शवदाह गृह का निर्माण कराया गया था. बिहार सरकार के मंत्री अश्विनी चौबे के द्वारा मुक्तिधाम योजना के तहत शवदाह गृह का निर्माण हुआ था. लेकिन वहां की स्थिति बदतर है.

बुनियादी सुविधाओं का है अभाव
इस शवदाह गृह में शेड के अलावे शौचालय, दुकान और शेड में 6 स्टैंड का निर्माण तो कराया गया है, लेकिन समुचित व्यवस्था और देखरेख के अभाव में इसका इस्तेमाल कोई नहीं करता है.

जल्द होगा जीर्णोद्धार

इस मामले पर रिविलगंज के कनीय अभियंता निरंजन कुमार का कहना है कि 24 लाख रुपये की लागत से इसका जीर्णोद्धार कराना है. लोकसभा चुनाव के कारण काम बाधित था. लेकिन अब मरम्मती की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. बहुत जल्द स्थिति में सुधार होगा.

छपरा: प्रमंडलीय मुख्यालय सारण के रिविलगंज नगर पंचायत क्षेत्र का सिमरिया घाट ही एक मात्र शवदाह गृह है. यहां सिवान जिले के बसंतपुर, भगवानपुर हाट, एकमा, जनता बाजार, बनियापुर, जलालपुर सहित दर्जनों प्रखंडों और सैकड़ों गांवों के लोग अंतिम संस्कार करने के लिए आते हैं. लेकिन यहां की स्थिति काफी जर्जर है. ऐसे में मृतकों के परिजनों को नदी घाट, सरोवर या नहरों के नदजीक बने शमशान घाटों पर जाना पड़ता हैं.

शवदाह गृह की स्थिति बदहाल
प्रमंडलीय मुख्यालय सारण के छपरा शहर से 13 किलोमीटर दूर पश्चिम नगर पंचायत है. यहां के सरयू नदी के तट पर स्थित सिमरिया घाट पर लोग शवों के अंतिम संस्कार के लिए आते हैं. लेकिन यहां कोई सुविधा नहीं हैं. मजबूरन लोग नदी तट पर किसी तरह दाह संस्कार कर देते हैं.

पेश है रिपोर्ट

लोगों को होती है परेशानी
बरसात के दिनों में लोगों को शवदाह करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालांकि रिविलगंज नगर पंचायत के सेमरिया घाट के समीप अगस्त 2010 में शवदाह गृह का निर्माण कराया गया था. बिहार सरकार के मंत्री अश्विनी चौबे के द्वारा मुक्तिधाम योजना के तहत शवदाह गृह का निर्माण हुआ था. लेकिन वहां की स्थिति बदतर है.

बुनियादी सुविधाओं का है अभाव
इस शवदाह गृह में शेड के अलावे शौचालय, दुकान और शेड में 6 स्टैंड का निर्माण तो कराया गया है, लेकिन समुचित व्यवस्था और देखरेख के अभाव में इसका इस्तेमाल कोई नहीं करता है.

जल्द होगा जीर्णोद्धार

इस मामले पर रिविलगंज के कनीय अभियंता निरंजन कुमार का कहना है कि 24 लाख रुपये की लागत से इसका जीर्णोद्धार कराना है. लोकसभा चुनाव के कारण काम बाधित था. लेकिन अब मरम्मती की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. बहुत जल्द स्थिति में सुधार होगा.

Intro:डे प्लान वाली ख़बर हैं
MOJO KIT NUMBER:-577
SLUG:-SHAVDAH GRIH
ETV BHARAT NEWS DESK
F.M:-DHARMENDRA KUMAR RASTOGI/SARAN/BIHAR

Anchor:-प्रमंडलीय मुख्यालय सारण के रिविलगंज नगर पंचायत क्षेत्र के सेमरिया घाट ही एक मात्र शवदाह गृह हैं जहां सिवान जिले के बसन्तपुर, भगवानपुर हाट, एकमा, जनता बाजार, बनियापुर, जलालपुर सहित दर्जनों प्रखंडों व सैकड़ो गांवों के लोग अंतिम संस्कार करने के लिए लाते है लेकिन यहां की स्थिति देख कर लोगों के मन तरह तरह की बातें सामने आती हैं. ऐसे में मृतकों के परिजनों के द्वारा नदी घाट, सरोवरों या नहरों के नदजीक बने शमशान घाटो पर जाना पड़ता हैं.

प्रमंडलीय मुख्यालय सारण के छपरा शहर से 13 किलोमीटर पश्चिम नगर पंचायत के सेमरिया घाट जो सरयू नदी के तट पर अवस्थित हैं वहीं पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए आते हैं सम्पन्न लोग आते है लेकिन यहां आने पर कोई सुविधा नहीं होने के कारण नदी के तट पर किसी तरह दाह संस्कार कर देते हैं. लेकिन गरीब और जरूरतमंद लोग यहां नही आते हैं.



Body:सबसे बड़ी बात यह है कि छपरा नगर निगम का दर्जा प्राप्त छपरा शहर में एक भी शवदाह गृह नही होने के कारण शहर से सटे दक्षिणी छोड़ पर नदी तट पर ही शवों का अंतिम संस्कार कर दिया जाता है. इसके बावजूद रिविलगंज के सेमरिया घाट स्थित मुक्तिधाम के जैसा शवदाह गृह नही है जबकि नगर निगम का दर्जा प्राप्त शहर में कम से कम एक शवदाह गृह होना चाहिए था.


बाढ़ व बरसात के दिनों में शवदाहगृह करने में बहुत ज़्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं हालांकि घाट के समीप अगस्त 2010 में केंद्रीय मंत्री व बिहार सरकार के तत्कालीन लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री अश्विनी चौबे के द्वारा मुक्तिधाम योजना के तहत रिविलगंज नगर पंचायत के सेमरिया घाट पर शवदाह गृह का निर्माण कराया गया था लेकिन अभी की जो स्थिति है बद से बदत्तर हो गई हैं.

इस शवदाह गृह में शेड के अलावे शौचालय, दुकान व शेड में छः स्टैंड का निर्माण कराया गया है लेकिन समुचित व्यवस्था व देखरेख के अभाव में इसका इस्तेमाल कोई नही करता हैं.

byte:-धर्मेन्द्र कुमार रस्तोगी, पीटीसी


Conclusion:शवदाह गृह के मामलें में नगर पंचायत रिविलगंज के कनीय अभियंता निरंजन कुमार का कहना है कि 24 लाख रुपये की लागत से इसका जीर्णोद्धार कार्य कराना है लेकिन लोकसभा आम चुनाव के कारण निविदा नही निकाला गया था लेकिन अब उसकी प्रक्रिया शुरू होने वाली है.

byte:-निरंजन कुमार, कनीय अभियंता, नगर पंचायत, रिविलगंज, सारण
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