पटना/नई दिल्ली: संसद के पहले सत्र में दोनों सदनों में बिहार में चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौत का मामला गूंजा. लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने बच्चों की मौत का मुद्दा उठाया, जिसके जवाब में स्मृति इरानी ने कहा 'मैं मां हूं, इसलिए जानती हूं कि बच्चों की मौत कितनी दुखद है. कुपोषण की वजह से बच्चों की मौत सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों में हो रही है.'
चमकी बुखार से मरने वालों को श्रद्धांजलि
बिहार में चमकी बुखार यानी अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम की वजह से हो रही बच्चों की मौत पर राज्यसभा में मौन रखा गया. इससे पहले RJD के राज्यसभा सांसद मनोज सिन्हा ने बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार यानी अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम से हो रही बच्चों की मौत पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था.
केरल से सीपीआई के राज्यसभा सांसद बिनॉय बिस्वम ने सदन में बिहार में चमकी बुखार से हो रही मौतों का मुद्दा उठाया.
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चमकी बुखार से 5 और बच्चों की हुई मौत, अब तक 173 की गयी जान
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अब तक 173 की मौत
उत्तर बिहार के मुजफ्फरपुर व इसके आसपास के जिलों में एईएस (चमकी बुखार) से बच्चों की लगातार मौतें हो रही है. बीते 20 दिनों में एईएस के 479 मामले सामने आ चुके है. गुरुवार देर रात तक पांच और बच्चों की मौत एसकेएमसीएच में हो गई. अब मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 173 हो गया है.
वहीं गुरुवार को एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में 18 नए मरीजों को भर्ती कराया गया. एसकेएमसीएच में 13 व केजरीवाल अस्पताल में पांच नए मरीजों को भर्ती किया गया.
मौत का कारण है हाईपोग्लाइसीमिया
मुजफ्फरपुर और इसके आस-पास के इलाकों में भयंकर गर्मी और उमस की वजह से बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानी कि चमकी बुखार का तेजी से शिकार हो रहे हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि अधिकतर मौत का कारण हाईपोग्लाइसीमिया है, यानी लो ब्लड शुगर. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि हाईपोग्लाइसीमिया इस बुखार का ही एक भाग है.
जानिए क्या हैं इसके लक्षण :
- एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है.
- अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है.
- इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं.
- गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है.
- तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.
- साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना.
- अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
- चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.
जानिए क्या हैं इसके उपचार :
- पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें.
- बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें.
- रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें.
- बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.
इन बातों का रखें ध्यान :
- बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.
- मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
- तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.
- बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.
- अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.
- पीएचसी, आशा सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.
- चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.
- ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.