खगड़िया: बिहार का इकलौता मेगा फ़ूड पार्क लगातार विवादों के घेरे में है. करोड़ों रूपये की लागत से इस फ़ूड पार्क को बनाया गया था. मकसद था जिले के किसानों को फायदा पहुंचाना, लेकिन मेगा फ़ूड पार्क में अब धांधली शुरू हो गई है.
किसानों के हित के लिये बना था मेगा फूड पार्क
बता दें कि पूरे देश में 13 मेगा फूड पार्क बनाने की बात हुई थी. केंद्र सरकार की ओर से ये प्रस्ताव आया था जिसमें बिहार का भी नाम शामिल था. मेगा फ़ूड पार्क बनाने के लिये बिहार सरकार की ओर से खगड़िया को चुना गया था.
मेगा फूड पार्क में कोई भी कंपनी नहीं लगा रही यूनिट
जब फूड पार्क बनने की बात सामने आई तब यहां के किसान खुशी से फूले नहीं समा रहे थे. वो अपने ही जिले में रोजगार और अच्छे पैसे कमाने का ख्वाब देखने लगे. आज मेगा फूड पार्क बन कर तैयार हो गया है, लेकिन विडम्बना ये है कि इस मेगा फूड पार्क में कोई भी कंपनी यूनिट नहीं लगा रही है.
क्या और कैसे हो रही धांधली
प्रेस्टीन कंपनी द्वारा बने मेगा फ़ूड पार्क में 132 तरह के यूनिट लगाने की बात हुई थी. इसमें 132 तरीके के अलग-अलग प्रोडक्ट का उत्पादन होना था वो भी सिर्फ मकई से. मेगा फ़ूड पार्क में बड़े-बड़े गोदाम और कोल्ड स्टोरेज बनाय गए हैं, ताकि जो भी कंपनी अपनी यूनिट लगाये वो अपने सामान का स्टॉक गोदाम में रख सके. लेकिन आज स्थिति ये बनी हुई है कि आसपास के छोटे मोटे व्यपारी इस गोदाम को निजी तरीके से इस्तेमाल कर रहे है. कंपनी के कर्मचारियों द्वारा स्थानीय व्यपारियों को चंद पैसों की लालच में इसे दे दिया गया है.
किसानों के साथ धोखाधड़ी
नियम के मुताबिक इस गोदाम में सिर्फ उसी कंपनी का स्टॉक रखा जा सकता है जिस कंपनी का प्रोडक्शन यूनिट लगा हो. सिर्फ मक्का ही इसमें रखा जा सकता है. लेकिन धान और गेंहू जैसी फसलों को भी यहां रखा जा रहा है.
'मामले पर होगी कार्यवाई'
वहीं, इस मामले पर जिला पार्षद श्वेता कुमारी ने कहा कि ये यहां के किसानों के साथ धोखा हो रहा है. इस पर कार्रवाई होनी चाहिए. बहुत जल्द उच्च अधिकारियों से इसकी लिखित शिकायत की जायेगी.