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रेल विभाग की उदासीनता, जान हथेली पर लेकर यात्रा करते यात्री

बेगूसराय और मुंगेर के बीच रोजाना हजारों की संख्या में लोग यात्रा करते हैं. हैरानी की बात ये है कि बेगूसराय से मुंगेर के लिए मात्र एक जोड़ी ट्रेन चलती है जिस वजह से लोगों को अपनी जान हथेली पर रखकर यात्रा करनी पड़ती है.

रेल विभाग की उदासीनता
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Published : May 29, 2019, 10:06 AM IST

बेगूसराय: वर्षों प्रतीक्षा के बाद बेगूसराय और मुंगेर के बीच गंगा नदी पर रेल पुल का निर्माण कराया गया. रेल प्रशासन ने बेगूसराय से मुंगेर के लिए एक जोड़ी ट्रेन का परिचालन भी शुरू किया, लेकिन हजारों यात्री मात्र इस एक जोड़ी ट्रेन के जरिए कैसे यात्रा करते हैं यह देखकर आप हैरान हो जाएंगे.

ट्रेन पर चढ़ती भीड़

रेल यातायात में लोगों को काफी परेशानी
औद्योगिक जिला होने की कारण बेगूसराय और प्रमंडलीय मुख्यालय होने के कारण मुंगेर के बीच हजारों की संख्या में यात्री मुंगेर से बेगूसराय यात्रा करते हैं. लेकिन एकमात्र ट्रेन होने की वजह से यातायात में लोगों को काफी परेशानी हो रही है. हमेशा अत्यधिक भीड़ होने के कारण जान का भी खतरा मंडराता रहता है.

इंजन पर सवार होकर यात्रा करते हैं लोग
बेगूसराय से मुंगेर के बीच चलने वाली ट्रेन में आम यात्री भेड़ बकरियों की तरह यात्रा करने को मजबूर हैं. हालात यह है कि जब डब्बे में लोगों को जगह नहीं मिलती है तो दरवाजे के पायदान और रेल इंजन पर सवार होकर यात्रा करते हैं. इस कारण कई बार दुर्घटनाएं भी घट चुकी हैं. बावजूद इसके रेल प्रशासन यात्रियों की सुविधा के प्रति उदासीन बना हुआ है.

ट्रेनों में होती है धक्का-मुक्की
न तो रेल प्रशासन इस मसले पर कोई पहल कर रही है और ना ही लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल स्टेशनों पर मौजूद होते हैं. नतीजा लोग धक्का-मुक्की कर ट्रेन में अपनी जगह सुरक्षित करने की जुगत में होते हैं. इस कारण मारपीट की घटनाएं भी कई बार घट चुकी हैं.

रेल विभाग की उदासीनता
रेल इंजन पर सवार होकर यात्रा करना कहीं ना कहीं खुलेआम मौत को आमंत्रण देने जैसा है. लोगों का कहना है कि वैसे यात्री जिन्हें हर दिन मुंगेर जाना होता है और वापस आना होता है उनके पास इस ट्रेन के अलावा कोई और विकल्प ही नहीं है जिससे वह यात्रा कर सकें.

ज्यादा ट्रेनों का परिचालन शुरू करने की मांग

ऐसे में उनकी नई सरकार और प्रशासन से एक ही मांग है कि इस रेलखंड पर और भी ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाए ताकि यात्री सुरक्षित यात्रा कर सकें.

बेगूसराय: वर्षों प्रतीक्षा के बाद बेगूसराय और मुंगेर के बीच गंगा नदी पर रेल पुल का निर्माण कराया गया. रेल प्रशासन ने बेगूसराय से मुंगेर के लिए एक जोड़ी ट्रेन का परिचालन भी शुरू किया, लेकिन हजारों यात्री मात्र इस एक जोड़ी ट्रेन के जरिए कैसे यात्रा करते हैं यह देखकर आप हैरान हो जाएंगे.

ट्रेन पर चढ़ती भीड़

रेल यातायात में लोगों को काफी परेशानी
औद्योगिक जिला होने की कारण बेगूसराय और प्रमंडलीय मुख्यालय होने के कारण मुंगेर के बीच हजारों की संख्या में यात्री मुंगेर से बेगूसराय यात्रा करते हैं. लेकिन एकमात्र ट्रेन होने की वजह से यातायात में लोगों को काफी परेशानी हो रही है. हमेशा अत्यधिक भीड़ होने के कारण जान का भी खतरा मंडराता रहता है.

इंजन पर सवार होकर यात्रा करते हैं लोग
बेगूसराय से मुंगेर के बीच चलने वाली ट्रेन में आम यात्री भेड़ बकरियों की तरह यात्रा करने को मजबूर हैं. हालात यह है कि जब डब्बे में लोगों को जगह नहीं मिलती है तो दरवाजे के पायदान और रेल इंजन पर सवार होकर यात्रा करते हैं. इस कारण कई बार दुर्घटनाएं भी घट चुकी हैं. बावजूद इसके रेल प्रशासन यात्रियों की सुविधा के प्रति उदासीन बना हुआ है.

ट्रेनों में होती है धक्का-मुक्की
न तो रेल प्रशासन इस मसले पर कोई पहल कर रही है और ना ही लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल स्टेशनों पर मौजूद होते हैं. नतीजा लोग धक्का-मुक्की कर ट्रेन में अपनी जगह सुरक्षित करने की जुगत में होते हैं. इस कारण मारपीट की घटनाएं भी कई बार घट चुकी हैं.

रेल विभाग की उदासीनता
रेल इंजन पर सवार होकर यात्रा करना कहीं ना कहीं खुलेआम मौत को आमंत्रण देने जैसा है. लोगों का कहना है कि वैसे यात्री जिन्हें हर दिन मुंगेर जाना होता है और वापस आना होता है उनके पास इस ट्रेन के अलावा कोई और विकल्प ही नहीं है जिससे वह यात्रा कर सकें.

ज्यादा ट्रेनों का परिचालन शुरू करने की मांग

ऐसे में उनकी नई सरकार और प्रशासन से एक ही मांग है कि इस रेलखंड पर और भी ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाए ताकि यात्री सुरक्षित यात्रा कर सकें.

Intro:डे प्लान स्टोरी
एंकर- वर्षों की प्रतीक्षा के बाद बेगूसराय और मुंगेर के बीच गंगा नदी पर रेल पुल का निर्माण तो पूर्ण हो गया और औपचारिकता के लिए रेल प्रशासन ने बेगूसराय से मुंगेर के लिए एक जोड़ी ट्रेन का परिचालन भी शुरू किया, लेकिन हजारों यात्री मात्र इस एक जोड़ी ट्रेन के जरिए कैसे यात्रा करते हैं यह देखकर आप हैरान और परेशान हो जाएंगे।
एक रिपोर्ट


Body:vo- औद्योगिक जिला होने की कारण बेगूसराय और प्रमंडलीय मुख्यालय होने के कारण मुंगेर के बीच हजारों की संख्या में यात्री मुंगेर से बेगूसराय के बीच यात्रा करते हैं। इनकी सहूलियत के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के पहल पर वर्षों से निर्माणाधीन गंगा नदी पर रेल पुल चालू तो हो गया और रेल प्रशासन ने बेगूसराय से मुंगेर के बीच एक जोड़ी ट्रेन भी शुरू किया, लेकिन एकमात्र ट्रेन होने की वजह से यातायात में तो लोगों को परेशानी हो ही रही है ,हमेशा अत्यधिक भीड़ होने के कारण जान का खतरा भी मंडराते रहता है। बेगूसराय से मुंगेर के बीच चलने वाली ट्रेन में आम यात्री भेड़ बकरी की तरह यात्रा करने को मजबूर हैं। हालात यह है कि जब डब्बे में लोगों को जगह नहीं मिलती है तो दरवाजे के पायदान और रेल इंजन पर सवार होकर यात्रा करने को मजबूर हो जाते हैं ,इस कारण कई बार दुर्घटनाएं भी घट चुकी हैं बावजूद इसके रेल प्रशासन रेल यात्रियों की सुविधा के प्रति उदासीन बना हुआ है ।नहीं रेल प्रशासन के द्वारा इस रेल ट्रैक पर अतिरिक्त ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया है और ना ही लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल संबंधित स्टेशनों पर मौजूद होते हैं ,जिस वजह से जिसकी लाठी उसकी भैंस के तर्ज पर लोग इस ट्रेन में धक्का-मुक्की कर अपना जगह सुरक्षित करने की जुगत में होते हैं, जिस वजह से आपसी मारपीट की घटनाएं कई बार घट चुकी हैं ।वही रेल इंजन पर सवार होकर यात्रा करना कहीं ना कहीं खुलेआम मौत को आमंत्रण देने जैसा है आमयत्री और उपभोक्ता संघर्ष समिति के लोग बताते हैं की वैसे दैनिक यात्री जिनको हर दिन मुंगेर जाना है और वापस आना है उनके पास इस ट्रेन के अलावा कोई विकल्प ही नहीं है जिससे वह यात्रा कर सकें ऐसे में उनकी नई सरकार और प्रशासन से एक ही मांग है कि इस रेलखंड पर और भी ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जाए ताकि रेल को राजस्व देने वाले रेल यात्री सुरक्षित यात्रा कर सकें
बाइट-रामलाल महतो,सदस्य रेल उपभोगता संघर्ष समिति
बाइट-विकास कुमार,रेल यात्री


Conclusion:fvo-इस बाबत रेल विभाग के स्थानीय कर्मी कुछ भी बताने से परहेज करते दिखे। दूरभाष पर उन्होंने कहा कि इस तरीके की जानकारी मंडल कार्यालय से ही दी जा सकती है।बहरहाल जो भी हो इतना तय है कि रेल विभाग की उदासीनता एक बड़े दुर्घटना को खुलेआम आमंत्रण दे रहा है।
नोट-रेल विभाग का कार्यालय नही होने के कारण रेल के वरीय अधिकारियों से इस मामले पर उनका पक्ष नही लिया जा सका।
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