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मनरेगा की पहल, पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए विशेष योजना की शुरूआत

मनरेगा की ओर से चलाये जा रहे इन योजनाओं से पशुपालकों में काफी खुशी का माहौल है. अब तक करीब दो दर्जन पशु पालक इस योजना से लाभ उठआ चुके हैं.

पशुओं को स्वस्थ रखना के सरकार का उद्देश्य.
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Published : May 30, 2019, 9:07 AM IST

सीतामढ़ी: जिला के कई प्रखंडों में इन दिनों पशु पालकों के लिए एक बेहतर योजना की शुरूआत की गई है. इस योजना के तहत मनरेगा की ओर से पशुओं को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से सरकारी स्तर पर नाद, सेड और यूरिन टैंक का निर्माण कराया जा रहा है. इसका लाभ बेलसंड प्रखंड के कई गांव के पशुपालकों को भी मिला है.

मनरेगा की पहल
अब तक मनरेगा के तहत करीब दो दर्जन पशु पालक लाभान्वित हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्र के पशुपालकों के पास पशुओं की साफ सफाई के लिए कोई भी संसाधन मौजूद नहीं हुआ करता था. नतीजा पशु गंदगी के बीच रहने के कारण अक्सर बीमार हो जाया करता थे.

पशु पालकों को मिल रहा लाभ
इस मामले पर पहल करते हुए सरकार ने यह योजना चलाई है ताकि पशुपालक साफ सफाई के बीच अपने पशुओं का पालन कर सकें. मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अधिक से अधिक पशु पालकों को इस योजना का लाभ दिया जा सके. अब तक प्रखंड के तकरीबन करीब 24 पशुपालकों को इसका लाभ मिला है चुका है.

पशु पालकों के लिए बेहतर योजना की शुरूआत

पशु पालकों के लिए दो तरह की योजना
मनरेगा के तहत पशु पालकों के लिए दो तरह की योजना है. पहली योजना के तहत बिना सेड वाले यूरिन टैंक, नाद और फर्श का निर्माण कराना है. इसके लिए विभाग की ओर से ₹46000 अनुदान पशु पालकों को दिया जाता है.

₹72000 का पशुपालकों को मिलेगा अनुदान
दूसरी योजना के तहत पशुपालकों को ₹72000 का अनुदान दिया जाता है जिसमें सेड वाला सिस्टम नाद, यूरिन टैंक और फर्श का निर्माण कराना पड़ता है.

पशुपालकों में खुशी का माहौल
सरकारी स्तर पर इस योजना के तहत जो लाभ पशु पालकों को दिया जा रहा है उससे पशुपालक बेहद खुश हैं और इस योजना की पूरा प्रशंसा कर रहे हैं.

सीतामढ़ी: जिला के कई प्रखंडों में इन दिनों पशु पालकों के लिए एक बेहतर योजना की शुरूआत की गई है. इस योजना के तहत मनरेगा की ओर से पशुओं को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से सरकारी स्तर पर नाद, सेड और यूरिन टैंक का निर्माण कराया जा रहा है. इसका लाभ बेलसंड प्रखंड के कई गांव के पशुपालकों को भी मिला है.

मनरेगा की पहल
अब तक मनरेगा के तहत करीब दो दर्जन पशु पालक लाभान्वित हुए हैं. ग्रामीण क्षेत्र के पशुपालकों के पास पशुओं की साफ सफाई के लिए कोई भी संसाधन मौजूद नहीं हुआ करता था. नतीजा पशु गंदगी के बीच रहने के कारण अक्सर बीमार हो जाया करता थे.

पशु पालकों को मिल रहा लाभ
इस मामले पर पहल करते हुए सरकार ने यह योजना चलाई है ताकि पशुपालक साफ सफाई के बीच अपने पशुओं का पालन कर सकें. मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अधिक से अधिक पशु पालकों को इस योजना का लाभ दिया जा सके. अब तक प्रखंड के तकरीबन करीब 24 पशुपालकों को इसका लाभ मिला है चुका है.

पशु पालकों के लिए बेहतर योजना की शुरूआत

पशु पालकों के लिए दो तरह की योजना
मनरेगा के तहत पशु पालकों के लिए दो तरह की योजना है. पहली योजना के तहत बिना सेड वाले यूरिन टैंक, नाद और फर्श का निर्माण कराना है. इसके लिए विभाग की ओर से ₹46000 अनुदान पशु पालकों को दिया जाता है.

₹72000 का पशुपालकों को मिलेगा अनुदान
दूसरी योजना के तहत पशुपालकों को ₹72000 का अनुदान दिया जाता है जिसमें सेड वाला सिस्टम नाद, यूरिन टैंक और फर्श का निर्माण कराना पड़ता है.

पशुपालकों में खुशी का माहौल
सरकारी स्तर पर इस योजना के तहत जो लाभ पशु पालकों को दिया जा रहा है उससे पशुपालक बेहद खुश हैं और इस योजना की पूरा प्रशंसा कर रहे हैं.

Intro:जिले में पशु पालकों के पशुओं को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से सरकार चला रही है मनरेगा के तहत योजना। कई प्रखंडों के पशुपालकों को मिल रहा है लाभ।


Body:जिला के कई प्रखंडों में इन दिनों पशु पालकों के लिए एक बेहतर योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के तहत मनरेगा की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों के पशुओं को स्वस्थ रखने के उद्देश्य से सरकारी स्तर पर नाद, सेड और यूरिन टैंक का निर्माण करवाया जा रहा है। और इसका लाभ बेलसंड प्रखंड के कई गांव के पशुपालकों को भी मिला है। अब तक मनरेगा के तहत करीब दो दर्जन पशु पालक लाभान्वित हुए हैं। सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि अब तक ग्रामीण क्षेत्र के पशुपालकों के पास पशुओं को साफ सफाई व्यवस्था में रखने के लिए कोई भी संसाधन मौजूद नहीं हुआ करता था। इसका नतीजा है कि महंगे महंगे पशु गंदगी के बीच रहने के कारण अक्सर बीमार हो जाया करता था। जिसे देखते हुए सरकार ने यह योजना चलाई है ताकि पशुपालक साफ सफाई के बीच अपने पशुओं का पालन कर सकें। मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अधिक से अधिक पशु पालकों को इस योजना से जुड़कर इसका लाभ दिया जा सके इस योजना के तहत इसका लाभ अब तक इस प्रखंड के करीब 24 पशुपालकों को मिला है। दो सिस्टम से पशुपालक कर सकते हैं निर्माण। मनरेगा के तहत पशु पालकों के लिए दो तरह की योजना है।पहला की बिना सेड वाले यूरिन टैंक नाद और फर्श का निर्माण। इसके लिए विभाग की ओर से ₹46000 अनुदान पशु पालकों को दिया जाता है। दूसरी योजना है जिसके तहत पशुपालकों को ₹72000 का अनुदान दिया जाता है। जिसमें सेड वाला सिस्टम नाद, यूरिन टैंक और फर्श का निर्माण कराना पड़ता है। बाइट-1. अमृतेश कुमार कार्यक्रम पदाधिकारी बेलसंड प्रखंड। बाइट-2. दीपक कुमार सिंह और गौरी शंकर सिंह पशु पालक रुपौली सौली पंचायत। विजुअल------------


Conclusion:सरकारी स्तर पर इस योजना के तहत जो लाभ पशु पालकों को दिया जा रहा है। उसे पशुपालक बेहद खुश हैं और इस योजना की भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे हैं।
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