दरभंगा: इस बार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति राज्यस्तर पर नामांकन नहीं लेगी. पिछले साल ललित नारायण मिथिला विवि के कॉलेजों में स्नातक के नामांकन में हुई गड़बड़ी को देखते हुए राजभवन ने यह अधिकार फिर से विवि को दे दिया है. इससे विवि को स्वयं ऑनलाइन नामांकन लेने की छूट मिल गयी है. विवि ने नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस बार नामांकन के लिये आये छात्रों के आवेदन में 146 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
नामांकन की प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला
विश्व विद्यालय के डीन प्रो. रतन कुमार चौधरी ने बताया कि पिछले साल बिहार के सभी विवि के कॉलेजों में राज्य स्तर पर नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. बिहार विश्वविद्यालय परीक्षा समिति ने राज्य के सभी विवि के कॉलेजों में नामांकन के लिये अपनी वेबसाइट पर आवेदन मांगे थे. समिति की साइट पर छात्रों को काफी दिक्कत हुई थी. जो भी नामांकन लिये गये उनमें कई खामियां थी.
विवि लेगा नामांकन
जिन छात्रों के 45 फीसदी से कम अंक आये थे उन्हें भी ऑनर्स दिया गया था. इन खामियों को सुधारने के लिये न सिर्फ छात्र बल्कि विवि को भी मशक्कत करनी पड़ी थी. इस वजह से विवि ने इस बार खुद राजभवन से नामांकन लेने की अनुमति देने का आग्रह किया था जिसे राजभवन ने मान लिया है.
'छात्रों की संख्या में हुई बढ़ोतरी'
उन्होंने बताया कि विवि में छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2017 में 85 हजार 674 छात्रों ने स्नातक में नामांकन के लिये आवेदन किया था. वर्ष 2018 में यह संख्या बढ़कर एक लाख 19 हजार 882 हो गयी, जो कि 140 प्रतिशत अधिक थी. वर्ष 2019 में आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या एक लाख 76 हजार 212 है. पिछले साल की तुलना में इसबार146 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढोतरी है. उन्होंने बताया कि इतनी संख्या में आवेदन आने के बावजूद विवि के कॉलेजों में अभी भी 98 हजार सीटें बच जाएंगी.