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LNMU को वापस मिला ऑनलाइन एडमिशन की परमिशन, राजभवन ने दी हरी झंडी

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Published : Jun 4, 2019, 11:20 PM IST

एलएन मिथिला विवि को ऑनलाइन नामांकन लेने की छूट मिल गयी है. राजभवन ने विवि को नामांकन लेने की अनुमति दे दी है. अब बिहार विद्यालय परीक्षा समिति राज्य स्तर पर नामांकन नहीं लेगी.

एलएन मिथिला विवि

दरभंगा: इस बार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति राज्यस्तर पर नामांकन नहीं लेगी. पिछले साल ललित नारायण मिथिला विवि के कॉलेजों में स्नातक के नामांकन में हुई गड़बड़ी को देखते हुए राजभवन ने यह अधिकार फिर से विवि को दे दिया है. इससे विवि को स्वयं ऑनलाइन नामांकन लेने की छूट मिल गयी है. विवि ने नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस बार नामांकन के लिये आये छात्रों के आवेदन में 146 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

नामांकन की प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला
विश्व विद्यालय के डीन प्रो. रतन कुमार चौधरी ने बताया कि पिछले साल बिहार के सभी विवि के कॉलेजों में राज्य स्तर पर नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. बिहार विश्वविद्यालय परीक्षा समिति ने राज्य के सभी विवि के कॉलेजों में नामांकन के लिये अपनी वेबसाइट पर आवेदन मांगे थे. समिति की साइट पर छात्रों को काफी दिक्कत हुई थी. जो भी नामांकन लिये गये उनमें कई खामियां थी.

विवि लेगा नामांकन
जिन छात्रों के 45 फीसदी से कम अंक आये थे उन्हें भी ऑनर्स दिया गया था. इन खामियों को सुधारने के लिये न सिर्फ छात्र बल्कि विवि को भी मशक्कत करनी पड़ी थी. इस वजह से विवि ने इस बार खुद राजभवन से नामांकन लेने की अनुमति देने का आग्रह किया था जिसे राजभवन ने मान लिया है.

जानकारी देते प्रो. रतन कुमार चौधरी

'छात्रों की संख्या में हुई बढ़ोतरी'
उन्होंने बताया कि विवि में छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2017 में 85 हजार 674 छात्रों ने स्नातक में नामांकन के लिये आवेदन किया था. वर्ष 2018 में यह संख्या बढ़कर एक लाख 19 हजार 882 हो गयी, जो कि 140 प्रतिशत अधिक थी. वर्ष 2019 में आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या एक लाख 76 हजार 212 है. पिछले साल की तुलना में इसबार146 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढोतरी है. उन्होंने बताया कि इतनी संख्या में आवेदन आने के बावजूद विवि के कॉलेजों में अभी भी 98 हजार सीटें बच जाएंगी.

दरभंगा: इस बार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति राज्यस्तर पर नामांकन नहीं लेगी. पिछले साल ललित नारायण मिथिला विवि के कॉलेजों में स्नातक के नामांकन में हुई गड़बड़ी को देखते हुए राजभवन ने यह अधिकार फिर से विवि को दे दिया है. इससे विवि को स्वयं ऑनलाइन नामांकन लेने की छूट मिल गयी है. विवि ने नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस बार नामांकन के लिये आये छात्रों के आवेदन में 146 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

नामांकन की प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला
विश्व विद्यालय के डीन प्रो. रतन कुमार चौधरी ने बताया कि पिछले साल बिहार के सभी विवि के कॉलेजों में राज्य स्तर पर नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई थी. बिहार विश्वविद्यालय परीक्षा समिति ने राज्य के सभी विवि के कॉलेजों में नामांकन के लिये अपनी वेबसाइट पर आवेदन मांगे थे. समिति की साइट पर छात्रों को काफी दिक्कत हुई थी. जो भी नामांकन लिये गये उनमें कई खामियां थी.

विवि लेगा नामांकन
जिन छात्रों के 45 फीसदी से कम अंक आये थे उन्हें भी ऑनर्स दिया गया था. इन खामियों को सुधारने के लिये न सिर्फ छात्र बल्कि विवि को भी मशक्कत करनी पड़ी थी. इस वजह से विवि ने इस बार खुद राजभवन से नामांकन लेने की अनुमति देने का आग्रह किया था जिसे राजभवन ने मान लिया है.

जानकारी देते प्रो. रतन कुमार चौधरी

'छात्रों की संख्या में हुई बढ़ोतरी'
उन्होंने बताया कि विवि में छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2017 में 85 हजार 674 छात्रों ने स्नातक में नामांकन के लिये आवेदन किया था. वर्ष 2018 में यह संख्या बढ़कर एक लाख 19 हजार 882 हो गयी, जो कि 140 प्रतिशत अधिक थी. वर्ष 2019 में आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या एक लाख 76 हजार 212 है. पिछले साल की तुलना में इसबार146 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढोतरी है. उन्होंने बताया कि इतनी संख्या में आवेदन आने के बावजूद विवि के कॉलेजों में अभी भी 98 हजार सीटें बच जाएंगी.

Intro:दरभंगा। पिछले साल ललित नारायण मिथिला विवि के कॉलेजों में स्नातक के नामांकन में हुई भारी खामियों को देखते हुए इस बार बिहार विद्यालय परीक्षा समिति राज्य स्तर पर नामांकन नहीं लेगी। राजभवन ने यह अधिकार फिर से विवि को दे दिया है। इससे विवि को स्वयं ऑनलाइन नामांकन लेने की छूट मिल गयी है। विवि ने नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बार नामांकन के लिये आये छात्रों के आवेदन में 146 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।


Body:विवि के डीन स्टूडेंट वेलफ़ेयर प्रो. रतन कुमार चौधरी ने बताया कि पिछले साल राजभवन की ओर से बिहार के सभी विवि के कॉलेजों में राज्य स्तर पर नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई थी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने राज्य के सभी विवि के कॉलेजों में नामांकन के लिये अपनी वेबसाइट पर आवेदन मांगे थे। समिति की साइट पर छात्रों को काफी दिक्कत हुई थी। जो नामांकन लिये गये उनमें कई खामियां थीं। जिन छात्रों के 45 फीसदी से कम अंक थे उन्हें भी ऑनर्स दे दिया गया था। इन खामियों के सुधार के लिये न सिर्फ छात्रों बल्कि विवि को भी मशक्कत करनी पड़ी थी। इस वजह से विवि ने इस बार राजभवन से खुद नामांकन लेने की अनुमति देने का आग्रह किया था, जिसे राजभवन ने मान लिया है।


Conclusion:उन्होंने बताया कि विवि में छात्रों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। बर्ष 2017 में 85 हज़ार 674 छात्रों ने स्नातक में नामांकन के लिये आवेदन किया था। वर्ष 2018 में यह संख्या बढ़कर एक लाख 19 हज़ार 882 हो गयी जो 140 प्रतिशत अधिक थी। वर्ष 2019 में आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या एक लाख 76 हज़ार 212 है जो पिछले साल की तुलना में 146 प्रतिशत की रिकॉर्ड वृद्धि है। उन्होंने बताया कि इतनी संख्या में आवेदन आने के बावजूद विवि के कॉलेजों में अभी भी 98 हज़ार सीटें बच जाएंगी।


बाइट 1- प्रो. आरके चौधरी, डीएसडब्ल्यू, एलएनएमयू


विजय कुमार श्रीवास्तव
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