बेगूसराय: चमकी रोग से बेगूसराय में बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. एक्सपर्ट के मुताबिक इसका प्रमुख कारण गर्मी है. लेकिन जब चमकी के मरीज इलाज के लिए सदर अस्पताल के वार्ड में भर्ती किये जाते हैं तो वहां भी उन्हें भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता है.
सदर अस्पताल में सुविधाओं की खुली पोल
एक तरफ चमकी से हो रहे बच्चों की मौत में लगातार इजाफा होता जा रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं की भी पोल खुलती जा रही है. बेगूसराय के सदर अस्पताल को बिहार के बेहतर अस्पतालों में गिना जाता था. लेकिन अब इसकी हकीकत कुछ और ही है. चमकी रोग से ग्रसित बच्चों को जिन वार्डों में रखा जा रहा है वहां स्वास्थ्य सुविधाओं का घोर अभाव है.
खराब पड़े हैं पंखे और एसी
ईटीवी भारत के संवाददाता ने जब सदर अस्पताल में मरीज के परिजनों से बातचीत की तो हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आए. चमकी से ग्रसित बच्चों को जिन वार्ड में रखा जा रहा है वहां AC खड़ाब पड़े हैं. कई पंखे बंद हैं. ऐसे में शीशे के बने केबिन और 40 डिग्री से ऊपर का तापमान, चमकी रोग से ग्रसित बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है.
डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही
पड़ताल में डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही भी उजागर हुई है. जो मरीज सदर अस्पताल इलाज के लिए पहुंचते हैं उन्हें शुरुआत में डॉक्टर एक बार देख लेते हैं और फिर नर्सों के सहारे उनका इलाज चलता रहता है. कई मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया कि घंटों से कोई स्वास्थ्यकर्मी मरीज का हाल जानने नहीं आए. एक बार पानी चढ़ाने सिस्टर आयी फिर दोबारा देखने तक नहीं आयी. जबकि मरीज की हालत लगातार बिगड़ती जा रही है.
नर्स के सहारे चल रहा अस्पताल
मरीज के परिजनों ने बताया कि इस वार्ड की जिम्मेदारी एक अनुराधा नामक सिस्टर के ऊपर है. जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने वार्ड में सुविधाओं को लेकर सवाल किए तो उन्होंने भी स्वीकार किया की एसी खराब है. नर्स ने कहा कि कुछ तकनीकी खराबी के कारण एसी बंद पड़ा है, जल्द ही उसे चालू कराने का प्रयास किया जाएगा.