वैशाली: सूबे की सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा की लाख दावे करती है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इसकी बानगी दिखीं सोनपुर प्रखंड क्षेत्र के जहांगीरपुर पंचायत के एक स्वास्थ्य उपकेंद्र पर. कुछ दिनों पहले करोड़ों की लागत से ये स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाये गए थे. आज यहां ताला लटका हुआ है.
स्वास्थ्य उपकेंद्र पर लटका ताला
ये तस्वीर हैं सारण जिले के सोनपुर प्रखंड क्षेत्र स्थित जहांगीरपुर पंचायत के एक स्वास्थ्य उपकेंद्र की. लाखों की लागत से बनी यह स्वास्थ्य केंद्र में कुछ वर्ष पहले डॉक्टर, एएनएम और नर्से सिर्फ बैठती ही नहीं थी बल्कि यहा पर्याप्त मात्रा में दवाईयां भी मौजूद हुआ करती थी.
लोगों को हो रही परेशानी
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र होने से यहां के लोगों को काफी सहुलियत थी. छोटे -छोटे बच्चों का यहां इलाज होता था. यहां गर्भवती महिलाएं भी प्रसव कराने आती थीं. पर इनदिनों यह सरकारी स्वास्थ्य उपकेंद्र बन्द पड़ा है. इस कारण यहां के लोगों को इलाज कराने को लिए सोनपुर, हाजीपुर और पटना जाना पड़ता है.
सरकार के रवैये से लोग नाराज
चमकी बीमारी को लेकर क्षेत्र की जनता में दहशत का माहौल है. लोगों का कहना है कि सरकार जनता के बेहतर स्वास्थ्य के लिये लाख दावे करती है पर ये सब बकवास है. स्थानीय लोगों के मुताबिक पंचायत में बने स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थिति बदतर है. सरकार को सबसे पहले इससे सुधार करना चाहिए.
ड्यूटी से स्वास्थ्य कर्मी नदारद
उन्होंने बताया कि डॉक्टर, एएनम भी नियमित समय पर नहीं आते हैं. कई बार तो वो उपकेंद्र में ड्यूटी पर पहुंचते ही नहीं है. इस स्थिति में बदलाव होना जरूरी है. साथ ही मरीजों को उपकेंद्रों में दवाइयां भी मिलनी चाहिए. लेकिन, यहां किसी भी मरीज को दवाई नहीं दी जाती है. साधारण सी बीमारी के लिए भी लोगों को सदर अस्पताल का रूख करना पड़ता है.
स्वास्थ्य विभाग मौन
आपको बता दें कि सोनपुर प्रखंड में कुल 23 पंचायत है. यहां को सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर ताले लटके नजर आएंगे. हालांकि स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी लंबे अर्सो से हैं, इसके बावजूद भी स्वास्थ्य महकमा कुंभकर्ण की नींद सोई हुई है.