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वैशाली: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, कई स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर लटका है ताला - government

कई सालों से यहां स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद पड़ा है. लोगों को काफी परेशानी होती है. इलाज के लिए उन्हें सोनपुर, हाजीपुर और पटना जाना पड़ता है.

कई स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर लटका ताला
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Published : Jun 25, 2019, 11:10 PM IST

Updated : Jun 25, 2019, 11:46 PM IST

वैशाली: सूबे की सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा की लाख दावे करती है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इसकी बानगी दिखीं सोनपुर प्रखंड क्षेत्र के जहांगीरपुर पंचायत के एक स्वास्थ्य उपकेंद्र पर. कुछ दिनों पहले करोड़ों की लागत से ये स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाये गए थे. आज यहां ताला लटका हुआ है.

स्वास्थ्य उपकेंद्र पर लटका ताला
ये तस्वीर हैं सारण जिले के सोनपुर प्रखंड क्षेत्र स्थित जहांगीरपुर पंचायत के एक स्वास्थ्य उपकेंद्र की. लाखों की लागत से बनी यह स्वास्थ्य केंद्र में कुछ वर्ष पहले डॉक्टर, एएनएम और नर्से सिर्फ बैठती ही नहीं थी बल्कि यहा पर्याप्त मात्रा में दवाईयां भी मौजूद हुआ करती थी.

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स्वास्थ्य उपकेंद्र पर लटका ताला

लोगों को हो रही परेशानी
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र होने से यहां के लोगों को काफी सहुलियत थी. छोटे -छोटे बच्चों का यहां इलाज होता था. यहां गर्भवती महिलाएं भी प्रसव कराने आती थीं. पर इनदिनों यह सरकारी स्वास्थ्य उपकेंद्र बन्द पड़ा है. इस कारण यहां के लोगों को इलाज कराने को लिए सोनपुर, हाजीपुर और पटना जाना पड़ता है.

पेश है रिपोर्ट

सरकार के रवैये से लोग नाराज
चमकी बीमारी को लेकर क्षेत्र की जनता में दहशत का माहौल है. लोगों का कहना है कि सरकार जनता के बेहतर स्वास्थ्य के लिये लाख दावे करती है पर ये सब बकवास है. स्थानीय लोगों के मुताबिक पंचायत में बने स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थिति बदतर है. सरकार को सबसे पहले इससे सुधार करना चाहिए.

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कई सालों से यहां स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद पड़ा है

ड्यूटी से स्वास्थ्य कर्मी नदारद
उन्होंने बताया कि डॉक्टर, एएनम भी नियमित समय पर नहीं आते हैं. कई बार तो वो उपकेंद्र में ड्यूटी पर पहुंचते ही नहीं है. इस स्थिति में बदलाव होना जरूरी है. साथ ही मरीजों को उपकेंद्रों में दवाइयां भी मिलनी चाहिए. लेकिन, यहां किसी भी मरीज को दवाई नहीं दी जाती है. साधारण सी बीमारी के लिए भी लोगों को सदर अस्पताल का रूख करना पड़ता है.

स्वास्थ्य विभाग मौन
आपको बता दें कि सोनपुर प्रखंड में कुल 23 पंचायत है. यहां को सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर ताले लटके नजर आएंगे. हालांकि स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी लंबे अर्सो से हैं, इसके बावजूद भी स्वास्थ्य महकमा कुंभकर्ण की नींद सोई हुई है.

वैशाली: सूबे की सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा की लाख दावे करती है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इसकी बानगी दिखीं सोनपुर प्रखंड क्षेत्र के जहांगीरपुर पंचायत के एक स्वास्थ्य उपकेंद्र पर. कुछ दिनों पहले करोड़ों की लागत से ये स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाये गए थे. आज यहां ताला लटका हुआ है.

स्वास्थ्य उपकेंद्र पर लटका ताला
ये तस्वीर हैं सारण जिले के सोनपुर प्रखंड क्षेत्र स्थित जहांगीरपुर पंचायत के एक स्वास्थ्य उपकेंद्र की. लाखों की लागत से बनी यह स्वास्थ्य केंद्र में कुछ वर्ष पहले डॉक्टर, एएनएम और नर्से सिर्फ बैठती ही नहीं थी बल्कि यहा पर्याप्त मात्रा में दवाईयां भी मौजूद हुआ करती थी.

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स्वास्थ्य उपकेंद्र पर लटका ताला

लोगों को हो रही परेशानी
स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य उपकेंद्र होने से यहां के लोगों को काफी सहुलियत थी. छोटे -छोटे बच्चों का यहां इलाज होता था. यहां गर्भवती महिलाएं भी प्रसव कराने आती थीं. पर इनदिनों यह सरकारी स्वास्थ्य उपकेंद्र बन्द पड़ा है. इस कारण यहां के लोगों को इलाज कराने को लिए सोनपुर, हाजीपुर और पटना जाना पड़ता है.

पेश है रिपोर्ट

सरकार के रवैये से लोग नाराज
चमकी बीमारी को लेकर क्षेत्र की जनता में दहशत का माहौल है. लोगों का कहना है कि सरकार जनता के बेहतर स्वास्थ्य के लिये लाख दावे करती है पर ये सब बकवास है. स्थानीय लोगों के मुताबिक पंचायत में बने स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थिति बदतर है. सरकार को सबसे पहले इससे सुधार करना चाहिए.

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कई सालों से यहां स्वास्थ्य उपकेंद्र बंद पड़ा है

ड्यूटी से स्वास्थ्य कर्मी नदारद
उन्होंने बताया कि डॉक्टर, एएनम भी नियमित समय पर नहीं आते हैं. कई बार तो वो उपकेंद्र में ड्यूटी पर पहुंचते ही नहीं है. इस स्थिति में बदलाव होना जरूरी है. साथ ही मरीजों को उपकेंद्रों में दवाइयां भी मिलनी चाहिए. लेकिन, यहां किसी भी मरीज को दवाई नहीं दी जाती है. साधारण सी बीमारी के लिए भी लोगों को सदर अस्पताल का रूख करना पड़ता है.

स्वास्थ्य विभाग मौन
आपको बता दें कि सोनपुर प्रखंड में कुल 23 पंचायत है. यहां को सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर ताले लटके नजर आएंगे. हालांकि स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी लंबे अर्सो से हैं, इसके बावजूद भी स्वास्थ्य महकमा कुंभकर्ण की नींद सोई हुई है.

Intro:लोकेशन: वैशाली
रिपोर्टर: राजीव कुमार श्रीवास्तवा

प्रदेश भर के सभी पंचायतों में आज से कुछ वर्ष पहले करोडों रुपये की राशि खर्च करके स्वास्थ्य उपकेंद्र बनवाये गए थे जहां इन दिनों ताले लटके आपको मिलेंगे । इसकी बानगी दिखीं सोनपुर प्रखंड क्षेत्र में जहांगीर पुर पंचायत के एक स्वास्थ्य उपकेंद्र पर ।

सरकार के लापरवाही के चलते प्रदेश में भीषण गर्मी के बीच चमकी बीमारी ने अभी तक सैकडों निर्दोष बच्चें की जान लें रहीं हैं ।


Body:ओपन PTC संवाददाता राजीव वैशाली

ये तस्वीर हैं सारण जिले के सोनपुर प्रखंड क्षेत्र में स्थित जहाँगीरपुर पंचायत के एक स्वास्थ उपकेंद्र की । मालूम हो कि लाखों की लागत से बनी यह स्वास्थ्य केंद्र में कुछ वर्ष पहले डॉक्टर, एनम और नर्से सिर्फ बैठती ही नही थी बल्कि यहा पर्याप्त मात्रा में दवाईयां भी मौजूद हुआ करती थी । क्षेत्र के एक बुजुर्ग जनता की मानें तो यह पंचायत में स्वास्थ्य उपकेंद्र से यहा के हजारों जनता का प्राथमिक उपचार होने में आसानी होती थी जबकि छोटे -छोटे बच्चें एवं बच्चियों की पोलियो, उल्टी, पेट चलने जैसे बीमारियों की इलाज हो जाती थी ।यहा गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने में भी काफी सहूलियत होती थी । बीमार मरीज को ड्रेसिंग के लिये हो या फिर किसी तेज धार से कटने छिलने पर दवा मरहम पट्टी और टेटनेस की सुईया भी मिलती थी ।पर इनदिनों यह सरकारी स्वास्थ्य उपकेंद्र बन्द पड़ी हैं ।

दस हजार से ज्यादा आबादी वाला यह पंचायत के लोगों को एक छोटी मोटी इलाज के लिये भी सोनपुर, हाजीपुर और पटना जानें पड़ते हैं ।

चमकी बीमारी को लेकर क्षेत्र के जनता में दहशत बनी हुई हैं । यहा की बुजुर्ग ने बताया कि सरकार की मुखिया प्रदेश के मुख्यमंन्त्री नीतीश कुमार ग्रामीण जनता के बेहतर स्वास्थ्य के लिये प्रदेश के सभी जिलों में सदर अस्पताल, से लेकर अनुमंडलीय , पंचायत क्षेत्र में स्वास्थ्य उपकेंद्र पर पर्याप्त दवाइयां से लेकर डॉक्टर, एनम की व्यवस्था की बात करते हैं पर यह बकवाश की बात हैं ।

जागरूक जनता की मानें तो सरकार को पहले चाहिए कि प्रदेश के सभी पंचायतो में बने बदहाल स्वास्थ्य उपकेंद्रों को दुरुस्त कर पहले जैसे डॉक्टर, एनम और सभी साधने मसलन, दवाइयां रखवाए तब हालात सुधरेंगे ही नहीं बल्कि चमकी जैसी बीमारी हो या फिर कोई भी महामारी उसे रोकने के दिशा में सफलता भी मिलेंगी ।

प्रदेश भर में 8 हजार से ज्यादा पंचायत हैं । विदित हो हरेक पंचायत में एक सरकारी स्वास्थ्य केंद्र आपकों देखने को मिल जाएंगे पर सुचारू रूप से वे कार्यरत नहीं मिलेंगे ।
ETV भारत ने सोनपुर प्रखंड के 23 पंचायतों का पड़ताल कर चुका हैं यहा सभी के सभी स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर ताले लटके अअपको जरूर मिलेंगे । इसमें हैरानी की बात यह हैं कि इस बात की जानकारी भी स्वास्थ्य विभाग को लंबे अर्से से हैं पर वह इसपर अभी तक लापरवाह बनी हुई हैं ।
विदित हो कि इसमें जांच हो तो ज्यादातर स्वास्थ्य केंद्रों बदहाल हालत में पहुँचने की स्थिति पर मिलेंगे ।




Conclusion: बहरहाल, बीमारी चाहे चमकी या महामारी हो इसकी सूचना मिलने पर सरकार कुंभकर्णी नींद से जरूर जगती हैं और आनन- फानन में करोड़ों की राशि खर्च करके पीड़ित परिजनों को दवा करवाती हैं ।पर यहा सवाल उठना लाजिमी हैं कि समय रहते सरकार या उनके सरकारी तंत्र इसके लिये पहले से सुध क्यों नहीं लेती हैं ।
बाइट : स्थानीय जनता
PTC: संवाददाता राजीव वैशाली
Last Updated : Jun 25, 2019, 11:46 PM IST
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