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DMCH: अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही, बायें की बजाए दायें हाथ का कर दिया प्लास्टर

डीएमसीएच के डॉक्टरों ने 7 वर्षीय फैजान के टूटे हुए बायें हाथ के बदले दाहिने हाथ में प्लास्टर कर दिया. जिसके बाद पीड़ित परिवार अपनी शिकायत लेकर अस्पताल अधीक्षक के पास पहुंचा.

परिवार के साथ फैजान
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Published : Jun 25, 2019, 5:53 PM IST

दरभंगा: दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. डॉक्टरों ने एक मरीज के बाएं हाथ के बजाए दाहिनी हाथ में प्लास्टर चढ़ा दिया. जिसके बाद मरीज के परिजनों ने हंगामा करना शुरू किया. लेकिन, अस्पताल प्रबंधन तब भी अपनी गलती स्वीकार करने को राजी नहीं हुआ.

पीड़ित फैजान की मां और अस्पताल अधीक्षक का बयान

पूरा मामला
डीएमसीएच आए दिन अपने कारनामों को लेकर चर्चा में रहता है. इस बार यहां के डॉक्टरों ने 7 वर्षीय फैजान के टूटे हुए बायें हाथ के बदले दहिने हाथ में प्लास्टर कर दिया. जिसके बाद पीड़ित परिवार अपनी शिकायत लेकर अस्पताल अधीक्षक के पास पहुंचा.

पेड़ पर चढ़ने के क्रम में टूटा हाथ
पीड़ित फैजान जिले के हनुमान नगर प्रखंड के गोदाईपट्टी का निवासी है. तीन दिन पहले आम के पेड़ पर चढ़ने के क्रम में वह गिर गया और उसका हाथ टूट गया. जिसके बाद परिजनों ने इलाज के लिए उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया. जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया गया. लेकिन, रविवार होने के कारण फैजान का इलाज नहीं हो पाया और वह सोमवार को अस्पताल पहुंचा. जहां लगभग पूरे दिन की भागदौड़ के बाद फैजान के हाथ पर प्लास्टर चढ़ाया गया. वह भी गलत हाथ पर लगा.

darbhanga
बच्चे को देखते अस्पताल अधीक्षक

परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
फैजान की मां ने अस्पताल पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्लास्टर के लिए रुई और दवा भी बाहर से खरीद के लाना पड़ा था. अस्पताल में रुई तक के लिए पैसा लिया गया. कर्मियों के प्रति उनका व्यवहार भी सही नहीं था. जिनके खिलाफ उन्होंने अस्पताल अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज कराई है.

गौरतलब है कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल उत्तर बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल है. इस अस्पताल में आसपास के जिले सहित पड़ोसी देश नेपाल के भी मरीज इलाज करवाने पहुंचते हैं. ऐसे में इस तरह की बड़ी लापरवाही यहां के चिकित्सक और कार्य प्रणाली पर दोनों पर सवाल खड़े करती है.

दरभंगा: दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में लापरवाही का एक और मामला सामने आया है. डॉक्टरों ने एक मरीज के बाएं हाथ के बजाए दाहिनी हाथ में प्लास्टर चढ़ा दिया. जिसके बाद मरीज के परिजनों ने हंगामा करना शुरू किया. लेकिन, अस्पताल प्रबंधन तब भी अपनी गलती स्वीकार करने को राजी नहीं हुआ.

पीड़ित फैजान की मां और अस्पताल अधीक्षक का बयान

पूरा मामला
डीएमसीएच आए दिन अपने कारनामों को लेकर चर्चा में रहता है. इस बार यहां के डॉक्टरों ने 7 वर्षीय फैजान के टूटे हुए बायें हाथ के बदले दहिने हाथ में प्लास्टर कर दिया. जिसके बाद पीड़ित परिवार अपनी शिकायत लेकर अस्पताल अधीक्षक के पास पहुंचा.

पेड़ पर चढ़ने के क्रम में टूटा हाथ
पीड़ित फैजान जिले के हनुमान नगर प्रखंड के गोदाईपट्टी का निवासी है. तीन दिन पहले आम के पेड़ पर चढ़ने के क्रम में वह गिर गया और उसका हाथ टूट गया. जिसके बाद परिजनों ने इलाज के लिए उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया. जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया गया. लेकिन, रविवार होने के कारण फैजान का इलाज नहीं हो पाया और वह सोमवार को अस्पताल पहुंचा. जहां लगभग पूरे दिन की भागदौड़ के बाद फैजान के हाथ पर प्लास्टर चढ़ाया गया. वह भी गलत हाथ पर लगा.

darbhanga
बच्चे को देखते अस्पताल अधीक्षक

परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप
फैजान की मां ने अस्पताल पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्लास्टर के लिए रुई और दवा भी बाहर से खरीद के लाना पड़ा था. अस्पताल में रुई तक के लिए पैसा लिया गया. कर्मियों के प्रति उनका व्यवहार भी सही नहीं था. जिनके खिलाफ उन्होंने अस्पताल अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज कराई है.

गौरतलब है कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल उत्तर बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल है. इस अस्पताल में आसपास के जिले सहित पड़ोसी देश नेपाल के भी मरीज इलाज करवाने पहुंचते हैं. ऐसे में इस तरह की बड़ी लापरवाही यहां के चिकित्सक और कार्य प्रणाली पर दोनों पर सवाल खड़े करती है.

Intro:दरभंगा मेडिकल कालेज एंड हॉस्पिटल आये दिन अपने कारनामो को लेकर चर्चा में रहता है। इस बार यहां के डॉक्टरों ने 7 वर्षीय फैजान के टूटे हुए बायें हाथ के बदले दहिने हाथ में प्लास्टर कर दिया। वही जब पीड़ित परिवार ने जब इसकी शिकायत करनी चाही तो वहां के डॉक्टरों ने उनसे बात तक करना मुनासिफ नही समझा। जिसके बाद पीड़ित परिवार अपनी शिकायत लेकर अस्पताल अधीक्षक के पास पहुंचकर अपनी गुहार लगाई। वही अस्पताल अधीक्षक ने बेहतर इलाज का भरोसा दिलाते हुए, लापरवाह डॉक्टर पर करवाई की बात कही।


Body:दरअसल दरभंगा जिला के हनुमान नगर प्रखंड के गोदाईपट्टी निवासी मो शहजाद के 7 वर्षीय पुत्र फैजान तीन दिन पहले आम के पेड़ पर चढ़ने के क्रम में गिर गया और उसका हाथ टूट गया। जिसके बाद उनके परिजनों के द्वारा तत्काल इलाज के स्थानीय अस्पताल ले गए, जहां प्राथमिक इलाज के बाद उसे डीएमसीएच रेफर कर दिया। लेकिन रविवार होने के चलते फैजान के परिजन ने सोमवार को डीएमसीएच इलाज करने के लिए पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने शाम के 6 बजे उसका प्लास्टर किया। लेकिन जब फैजान को लेकर उनके परिजन घर पहुंचे तो पता चला कि डॉक्टरों ने गलत हाथ मे प्लास्टर कर दिया। जिसके बाद फैजान के परिजन तुरंत डीएमसीएच आकर इस बात की शिकायत की, लेकिन किसी ने उनकी शिकायत पर सुनवाई नही की।

वही फैजान के मां नजहत और शहजाद ने अस्पताल पर अस्पताल आरोप लगाते हुए कहा कि प्लास्टर के लिए रुई और दवा भी बाहर से खरीद के लाना पड़ा। यहां तक कि अस्पताल में रुई और कॉटन तक के वहां मौजूद कर्मियों ने रुपया लिया। साथ ही उन्होंने कहा कि इलाज के दौरान उन्हें काफी परेशान भी किया गया और जब वे इस बाबत शिकायत करने की कोशिश की तो उन्हें किसी अस्पताल के अधिकारी से मिलने नही दिया गया। वही आज हम अस्पताल अधीक्षक से इस बात की शिकायत की, तो उन्होंने बेहतर इलाज व दोषी कर्मी के खिलाफ करवाई की बात कही है। वही उन्होंने कहा कि हम चाहते है कि इस प्रकार की घटना फिर ना घाटे इसके लिए मैं अस्पताल प्रशासन से इंसाफ की मांग करते है।


Conclusion:वहीं अस्पताल अधीक्षक डॉ राज रंजन प्रसाद ने कहा कि सूचना मिलते ही मैंने उस वक्त ड्यूटी पर तैनात कर्मीयो से स्पष्टीकरण टाइप करा कर भेजते हुए कहा है कि फैजान नाम का लड़का का प्लास्टर गलत ढंग से लगा है। जो बाएं हाथ में लगना था उसके जगह दाहिने हाथ में लगा हुआ है। यह त्रुटि आपसे हुई है क्यों हुआ कैसे हुआ अगर कुछ भी भूल हुई है तो उसे 1 घंटे के अंदर स्पष्ट करें। साथ ही उन्होंने कहा कि इस बच्चे का सही ढंग से इलाज करवाया जाएगा तथा जिसने इस प्रकार की गलती की है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

गैरतलब है कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल उत्तर बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल है और यहां के आस पास के जिले सहित पड़ोसी देश नेपाल के भी मरीज इलाज करवाने यहां आते है। ऐसे में इस प्रकार की बड़ी लापरवाही यहां के चिकित्सक के कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है।

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नजहत, मां
मो शहजाद, पिता
राज रंजन प्रसाद, अस्पताल अधीक्षक

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