पटना: पटना में बांग्ला और मधुबनी पेंटिंग की 10 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस मौके पर बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के कला विभाग की अध्यक्ष पल्लवी विश्वास ने बताया कि इस कार्यशाला में हम पेंटिंग्स के माध्यम से कविता को भी इंक्लूड कर रहे हैं. एक कविता की विधा है हाईको, जो जापान की विधा है. आज की तारीख में यह भारत में बहुत ज्यादा प्रचलित है. यह अक्षरों की कविताएं होती है पंक्तियों की कविताएं नहीं होती. इसी प्रकार पेंटिंग पर जो कविता लिखी जाती है उसको हाईगा कहते हैं.
भारत की पहली हाईगा ब्लॉग एडिटर बिहार से
भारत की पहली हाईगा ब्लॉग एडिटर शेखर मधु है और वह बिहार की ही हैं. बता दें कि वह इस पेंटिंग कार्यशाला में प्रशिक्षण ले रही है. इस कार्यशाला के समाप्ति के बाद हम ये गर्व से कह सकेंगे कि बिहार की सबसे पहली हाईगा साड़ी कहीं तैयार हुई है तो वह इसी पेंटिंग कार्यशाला में तैयार हुई है और ये हमारे लिए सौभाग्य की बात होगी.
दूसरे प्रांतों की कलाओं की जानकारी देना मुख्य उद्देश्य
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि बिहार के लोग दूसरे प्रांतों की चीजों को भी सीख सकें. दूसरे प्रांतों के कलाओं के बारे में यहां के बच्चे और स्त्रियां जान सके. बता दें कि इस सम्मेलन में एक साथ कई कलाओं के साथ काम करता है.