नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखीमपुर खीरी मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. यह जानकारी पुलिस महानिरीक्षक (लखनऊ) लक्ष्मी सिंह ने दी.
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और लखीमपुर खीरी घटना के आरोपी आशीष अगर पूछताछ के लिए हाजिर नहीं होते तो कानूनी प्रक्रिया अपनाई जाएगी. लक्ष्मी सिंह ने कहा कि आशीष मिश्रा के साथ एक और व्यक्ति को पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में आशीष पांडेय एवं लवकुश नामक दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. इसके अतिरिक्त तीन अन्य संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लेकर उनसे एक अज्ञात स्थान पर पूछताछ की जा रही है. लखनऊ की आईजी लक्ष्मी ने बयान दिया है कि वे जल्द आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लेंगी.
आईजी ने कहा कि जिले में इंटरनेट सेवा तब तक बहाल नहीं की जा सकती, जब तक कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होने की संभावनाएं हैं. जब स्थितियां समान्य हो जाएंगी तो इंटरनेट सेवाएं भी बहाल कर दी जाएंगी. इंटरनेट चलने से तमाम तरीके की अफवाहें फैलने का खतरा है, जिसकी वजह से अभी इंटरनेट बहाल नहीं किया जा सकता है. हमें उम्मीद है जल्द सब ठीक होगा.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की और राज्य सरकार से कहा कि वह यह बताए कि प्राथमिकी में किन लोगों के नाम हैं और उन्हें गिरफ्तार किया गया है या नहीं. प्राथमिकी में दावा किया गया है कि आशीष मिश्रा ने लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गोलियां चलाई थीं और वह किसानों को कुचलने वाली कार में भी मौजूद थे.
उन्होंने कहा कि हमें घटना से संबंधित कुछ जरूरी क्लू मिले हैं. घटना के दिन मारे गए तीनों लोगों का घटना में क्या रोल था इसके बारे में भी कुछ जानकारियां मिली हैं. घटना कैसे हुई क्या हुआ इन सब पहलुओं पर विस्तार से पूछताछ हो रही. मुख्य आरोपी मंत्री पुत्र के बारे में आईजी ने कहा कानून सबके लिए बराबर है.
इससे पहले आशीष मिश्रा ने संवाददाताओं से कह कि मैं सुबह नौ बजे से इवेंट के अंत तक बनवारीपुर में था. उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और मैं इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करता हूं और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.
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गौरतलब है कि रविवार को किसान महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज के खेल मैदान में केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए एकत्र हुए थे. उन्होंने केंद्रीय मंत्री और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाने की योजना बनाई थी, जो एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वहां गए थे.
जब किसान विरोध कर रहे थे, उसी समय आशीष मिश्रा की कार ने कथित तौर पर तेज गति से गुजरते हुए कई किसानों को कुचल दिया था, जिससे चार किसानों की मौके पर ही मौत हो गई थी. बाद में लखीमपुर खीरी में मौके पर ही हिंसा भड़क गई, जिसमें चार और लोगों की मौत हो गई.