नई दिल्ली : खारकीव शहर ( Kharkiv) में भीषण गोलाबारी के दौरान एक भारतीय छात्र की मौत पर यूक्रेन ने मंगलवार को दुख जताया और दुनियाभर के देशों के नेताओं से रूस के हमलों को रोकने के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाने की अपनी अपील दोहराई. नई दिल्ली में यूक्रेन दूतावास में मीडिया को संबोधित करते हुए यूक्रेन के राजदूत डॉ. इगोर पोलिखा ने कहा, 'मैं भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं, जो यूक्रेन के खारकीव शहर में गोलाबारी में मारे गए. पहले सैन्य स्थलों पर गोलाबारी और बमबारी होती थी, लेकिन अब नागरिक क्षेत्रों में भी हो रही है.'
यूक्रेन के राजदूत इगोर पोलिखा (Ukraine ambassador to India Dr Igor Polikha) ने अपने देश को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए भारत का शुक्रिया भी अदा किया. उन्होंने कहा कि राहत सामग्री लेकर गया पहला विमान आज रात पोलैंड में उतर सकता है. राजदूत ने यूक्रेन पर रूस के हमलों की तुलना 'राजपूतों के खिलाफ मुगलों के नरसंहार' से भी की. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'हम मोदी जी समेत सभी प्रभावशाली वैश्विक नेताओं से अपील कर रहे हैं कि वे अपने संसाधनों का पुतिन के खिलाफ इस्तेमाल करें ताकि यूक्रेन पर हमले रोक दिये जाएं. रूस को बम हमले और गोलाबारी बंद करना चाहिए.'
खारकीव में भारतीय छात्र की मौत पर यूक्रेन ने दुख जताया
गौरतलब है कि यूक्रेन पर जारी रूसी हमले के बीच मंगलवार को कर्नाटक के हावेरी के रहने वाले छात्र नवीन शेखरप्पा की मौत हो गई. यूक्रेन के खारकीव में हुए बम विस्फोट में छात्र की मौत हुई. आज यूक्रेन के राजदूत को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने तलब किया था. बैठक के बारे में इगोर पोलिखा ने कहा कि मानवीय सहायता के तौर-तरीकों पर चर्चा की. उन्होंने कहा, 'हम इस सहायता को शुरू करने के लिए भारत के आभारी हैं.' उन्होंने कहा 'पहला विमान आज पोलैंड में उतरने की उम्मीद है. मुझे विदेश सचिव द्वारा आश्वासन दिया गया था कि यूक्रेन को अधिकतम मानवीय सहायता मिलेगी.'
उन्होंने विदेश सचिव को यूक्रेन में वर्तमान स्थिति, विशेष रूप से बड़े यूक्रेनी शहरों की गोलाबारी के बारे में भी जानकारी दी. पोलिखा ने विदेश सचिव को नागरिक क्षेत्रों पर हमलों के बारे में भी बताया.
यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय छात्र की हाल ही में हुई मौत पर कोई विशेष चर्चा हुई, पोलिखा ने जवाब दिया, 'मैं एक बहुत ही सरल सवाल पूछूंगा कि किसकी मिसाइलों ने नवीन को मारा? और उन दर्जनों यूक्रेनियनों के बारे में क्या जिन्होंने नवीन के साथ अपनी जान गंवाई?' इस बीच, विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत पहले ही रूसी और यूक्रेनी दूतावासों से खारकीव और अन्य शहरों से छात्रों सहित भारतीय नागरिकों के लिए सुरक्षित निकलने का मुद्दा उठा चुका है. 24 फरवरी को इस संघर्ष की शुरुआत के बाद से रूस और यूक्रेन से यह मांग बार-बार की जा रही है. विदेश मंत्रालय ने कहा, यह मुद्दा नई दिल्ली में उनके दोनों राजदूतों के साथ-साथ उनकी राजधानियों में उठाया गया है.
सूत्रों के मुताबिक, यूक्रेन की सीमा के पास रूसी शहर बेलगोरोड में एक भारतीय टीम को तैनात किया गया है, हालांकि, खारकीव और आसपास के शहरों में संघर्ष की स्थिति के कारण अभियान में बाधा आ रही है. भारत ने इस घटना के बाद रूस और यूक्रेन दोनों के राजदूतों से कहा कि अब भी खारकीव और यूक्रेन के युद्ध प्रभावित अन्य शहरों में फंसे भारतीय नागरिकों को तत्काल सुरक्षित तरीके से निकाला जाए.
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