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वर्चुअल कार्यवाही के साथ सुप्रीम कोर्ट सच्चा राष्ट्रीय न्यायालय बन गया : शीर्ष अदालत - virtual proceedings

पीठ ने एक पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता सुभाष झा से कहा, हमारा मानना ​​है कि आप मुंबई से बहस कर रहे हैं. वर्चुअल सुनवाई के जरिए देश में कहीं से भी लोग उच्चतम न्यायालय में पेश हो रहे हैं. हम सही मायने में एक राष्ट्रीय अदालत बन गए हैं.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Feb 5, 2022, 7:06 AM IST

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वर्चुअल कार्यवाही के जरिये वह एक सच्चा राष्ट्रीय न्यायालय बन गया है क्योंकि देश में कहीं से भी वकील और वादी उसके सामने पेश हो सकते हैं. इसने कहा कि जल्द ही अदालत तीसरे पक्ष के सर्वर के बजाय अपने सर्वर से अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने का प्रस्ताव करने जा रही है.

बंबई उच्च न्यायालय के सर्कुलर को चुनौती देने वाले वकील घनश्याम उपाध्याय द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने यह टिप्पणी की. बंबई उच्च न्यायालय ने कोविड-19 ​​​​के कारण अदालत के काम के घंटे दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक सीमित कर दिए गए थे.

पीठ ने एक पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता सुभाष झा से कहा, हमारा मानना ​​है कि आप मुंबई से बहस कर रहे हैं. वर्चुअल सुनवाई के जरिए देश में कहीं से भी लोग उच्चतम न्यायालय में पेश हो रहे हैं. हम सही मायने में एक राष्ट्रीय अदालत बन गए हैं.

पढ़ें: ममता के चुनाव एजेंट हत्या के मामले की जांच से बच रहें: सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से कहा

इस दौरान पीठ को अवगत कराया गया कि अब बंबई उच्च न्यायालय अपने पुराने समय सुबह 10.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक काम कर रहा है. शीर्ष अदालत ने इसके बाद याचिका का निपटारा कर दिया.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वर्चुअल कार्यवाही के जरिये वह एक सच्चा राष्ट्रीय न्यायालय बन गया है क्योंकि देश में कहीं से भी वकील और वादी उसके सामने पेश हो सकते हैं. इसने कहा कि जल्द ही अदालत तीसरे पक्ष के सर्वर के बजाय अपने सर्वर से अदालती कार्यवाही के सीधे प्रसारण के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करने का प्रस्ताव करने जा रही है.

बंबई उच्च न्यायालय के सर्कुलर को चुनौती देने वाले वकील घनश्याम उपाध्याय द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने यह टिप्पणी की. बंबई उच्च न्यायालय ने कोविड-19 ​​​​के कारण अदालत के काम के घंटे दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक सीमित कर दिए गए थे.

पीठ ने एक पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता सुभाष झा से कहा, हमारा मानना ​​है कि आप मुंबई से बहस कर रहे हैं. वर्चुअल सुनवाई के जरिए देश में कहीं से भी लोग उच्चतम न्यायालय में पेश हो रहे हैं. हम सही मायने में एक राष्ट्रीय अदालत बन गए हैं.

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इस दौरान पीठ को अवगत कराया गया कि अब बंबई उच्च न्यायालय अपने पुराने समय सुबह 10.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक काम कर रहा है. शीर्ष अदालत ने इसके बाद याचिका का निपटारा कर दिया.

पीटीआई-भाषा

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