ETV Bharat / bharat

मोहन भागवत पर पवार का तंज, बोले- उनकी टिप्पणी से होता है हमारा ज्ञानवर्धन

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने हिंदू और मुस्लिमों के पूर्वजों के समान होने की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दी है. पढ़ें पूरी खबर...

sharad pawar
sharad pawar
author img

By

Published : Sep 7, 2021, 11:02 PM IST

Updated : Sep 8, 2021, 1:32 AM IST

पुणे : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने हिंदू और मुस्लिमों के पूर्वजों के समान होने की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा, 'यह मेरे ज्ञान में वृद्धि है.'

उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के विभिन्न नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई राज्य सरकार के अधिकारों का अतिक्रमण करने और राजनीतिक विरोधियों को हतोत्साहित करने का प्रयास है.

ईडी राज्य के पूर्व गृह मंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख तथा एकनाथ खडसे के खिलाफ अलग-अलग धनशोधन मामलों की जांच कर रहा है. केंद्रीय एजेंसी ने पिछले हफ्ते धनशोधन मामले में शिवसेना सांसद भावना गवली से जुड़े कई परिसरों पर भी छापे मारे थे.

महाराष्ट्र में राकांपा शिवसेना और कांग्रेस के साथ सत्ता में है.

पवार ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, 'महाराष्ट्र में विगत में ईडी की इतनी कार्रवाई के बारे में कभी नहीं सुना. एक कार्रवाई खडसे के खिलाफ चल रही है, दूसरी अनिल देशमुख के खिलाफ और भावना गवली के खिलाफ भी. इन एजेंसियों को औजार के रूप में उपयोग करके राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण और विरोधियों को हतोत्साहित करने का यह प्रयास है.'

पढ़ें :- पवार का आह्वान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता में भरोसा रखने वाले साथ आएं

भावना गवली से जुड़े परिसरों पर ईडी की छापेमारी के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि यह मामला शैक्षणिक संस्थानों का है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने कहा, 'जब इस तरह के संस्थानों के खिलाफ आरोप होते हैं, तो चैरिटी आयुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज की जा सकती है. अगर चैरिटी आयुक्त नहीं तो राज्य सरकार की एजेंसियां ​​हैं, लेकिन यहां सीधे ईडी शामिल हो गया था.' कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, 'मैंने कई ऐसे कार्यक्रम देखे हैं जहां (कोविड​​​​-19) दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है.' उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राजनीतिक दलों को भीड़ से बचने के लिए आंदोलन, बैठकों और अन्य कार्यक्रमों को तुरंत रोकने के लिए कहा है, इसलिए वह बड़ी सभाओं वाले कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे.

उन्होंने कहा, 'मैं केवल सीमित संख्या में लोगों के साथ घर के अंदर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होऊंगा.

पवार ने आरबीआई की नीतियों की आलोचना की
शरद पवार ने सहकारी बैंकों के प्रति रिजर्व बैंक की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि इस क्षेत्र की बागडोर लोगों के एक विशिष्ट समूह को सौंपकर सहकारिता आंदोलन को 'कमजोर' करने का प्रयास किया जाता है.

पवार ने कहा कि ऐसा लगता है कि भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) की नीति धीरे-धीरे सहकारी बैंकों की संख्या को कम करने की है, जो मुश्किल समय में आम आदमी की मदद करते हैं. सहकारी बैंकों का अन्य बैंकों के साथ विलय भी किया जा रहा है. यह सब न केवल सहकारिता आंदोलन के लिए हानिकारक है बल्कि आम आदमी के लिए भी नुकसानदेह है.'

महाराष्ट्र में सहकारी संस्थानों का एक मजबूत नेटवर्क है, जो राकांपा और कांग्रेस के लिए एक समर्थन आधार भी बनाता है. राकांपा प्रमुख ने कहा कि सहकारी बैंकों के प्रति शीर्ष बैंक का दृष्टिकोण बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है.' सितंबर 2020 में संसद द्वारा मंजूर बैंकिंग विनियमन कानून में बदलाव किए जाने के बाद से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी आरबीआई द्वारा सहकारी बैंकों की निगरानी का विरोध कर रही है.

केंद्र सरकार ने हाल में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया, जिसके प्रमुख केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं. पवार ने पूर्व में कहा था कि सहकारी समितियां राज्य सरकार के दायरे में आती हैं और केंद्र सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती.

(पीटीआई-भाषा)

पुणे : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने हिंदू और मुस्लिमों के पूर्वजों के समान होने की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा, 'यह मेरे ज्ञान में वृद्धि है.'

उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के विभिन्न नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई राज्य सरकार के अधिकारों का अतिक्रमण करने और राजनीतिक विरोधियों को हतोत्साहित करने का प्रयास है.

ईडी राज्य के पूर्व गृह मंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख तथा एकनाथ खडसे के खिलाफ अलग-अलग धनशोधन मामलों की जांच कर रहा है. केंद्रीय एजेंसी ने पिछले हफ्ते धनशोधन मामले में शिवसेना सांसद भावना गवली से जुड़े कई परिसरों पर भी छापे मारे थे.

महाराष्ट्र में राकांपा शिवसेना और कांग्रेस के साथ सत्ता में है.

पवार ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, 'महाराष्ट्र में विगत में ईडी की इतनी कार्रवाई के बारे में कभी नहीं सुना. एक कार्रवाई खडसे के खिलाफ चल रही है, दूसरी अनिल देशमुख के खिलाफ और भावना गवली के खिलाफ भी. इन एजेंसियों को औजार के रूप में उपयोग करके राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण और विरोधियों को हतोत्साहित करने का यह प्रयास है.'

पढ़ें :- पवार का आह्वान, लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता में भरोसा रखने वाले साथ आएं

भावना गवली से जुड़े परिसरों पर ईडी की छापेमारी के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि यह मामला शैक्षणिक संस्थानों का है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने कहा, 'जब इस तरह के संस्थानों के खिलाफ आरोप होते हैं, तो चैरिटी आयुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज की जा सकती है. अगर चैरिटी आयुक्त नहीं तो राज्य सरकार की एजेंसियां ​​हैं, लेकिन यहां सीधे ईडी शामिल हो गया था.' कोविड की तीसरी लहर की आशंका के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा, 'मैंने कई ऐसे कार्यक्रम देखे हैं जहां (कोविड​​​​-19) दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है.' उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राजनीतिक दलों को भीड़ से बचने के लिए आंदोलन, बैठकों और अन्य कार्यक्रमों को तुरंत रोकने के लिए कहा है, इसलिए वह बड़ी सभाओं वाले कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे.

उन्होंने कहा, 'मैं केवल सीमित संख्या में लोगों के साथ घर के अंदर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होऊंगा.

पवार ने आरबीआई की नीतियों की आलोचना की
शरद पवार ने सहकारी बैंकों के प्रति रिजर्व बैंक की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि इस क्षेत्र की बागडोर लोगों के एक विशिष्ट समूह को सौंपकर सहकारिता आंदोलन को 'कमजोर' करने का प्रयास किया जाता है.

पवार ने कहा कि ऐसा लगता है कि भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) की नीति धीरे-धीरे सहकारी बैंकों की संख्या को कम करने की है, जो मुश्किल समय में आम आदमी की मदद करते हैं. सहकारी बैंकों का अन्य बैंकों के साथ विलय भी किया जा रहा है. यह सब न केवल सहकारिता आंदोलन के लिए हानिकारक है बल्कि आम आदमी के लिए भी नुकसानदेह है.'

महाराष्ट्र में सहकारी संस्थानों का एक मजबूत नेटवर्क है, जो राकांपा और कांग्रेस के लिए एक समर्थन आधार भी बनाता है. राकांपा प्रमुख ने कहा कि सहकारी बैंकों के प्रति शीर्ष बैंक का दृष्टिकोण बिल्कुल तर्कसंगत नहीं है.' सितंबर 2020 में संसद द्वारा मंजूर बैंकिंग विनियमन कानून में बदलाव किए जाने के बाद से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी आरबीआई द्वारा सहकारी बैंकों की निगरानी का विरोध कर रही है.

केंद्र सरकार ने हाल में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया, जिसके प्रमुख केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं. पवार ने पूर्व में कहा था कि सहकारी समितियां राज्य सरकार के दायरे में आती हैं और केंद्र सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Sep 8, 2021, 1:32 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.