नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र स्टेट बैकवर्ड क्लास कमीशन (Maharashtra State Backward Class Commission- MSBCC) की अंतरिम रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं करे. बता दें कि MSBCC ने स्थानीय निकायों के चुनाव में 27% ओबीसी कोटा (Maharashtra OBC Quota) देने की सिफारिश की थी और कहा था कि स्थानीय निकाय चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना कराए जाएंगे.
गौरतलब है कि गत फरवरी में महाराष्ट्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (एसबीसीसी) ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें कहा गया है कि स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जा सकता है, बशर्ते आरक्षण का कुल कोटा 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक नहीं होगा.
राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत में दायर एक आवेदन में कहा है कि अंतरिम रिपोर्ट के आलोक में, भविष्य के चुनाव को ओबीसी आरक्षण के साथ आयोजित करने की अनुमति दी जानी चाहिए. अदालत महाराष्ट्र में स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वकील सचिन पाटिल ने कहा कि न्यायालय के पूर्व के आदेश के अनुसार, उन्होंने आयोग के समक्ष डेटा पेश किया है.
पाटिल ने कहा कि आयोग ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है जिसमें कहा गया है कि ओबीसी को 27 प्रतिशत तक आरक्षण दिया जा सकता ह्रै, लेकिन यह सीमा 50 प्रतिशत के कुल कोटा के आंकड़े को पार नहीं करनी चाहिए. यह मामला न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सीटी कुमार की पीठ के समक्ष सोमवार को सुनवाई के लिए आया. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए दो मार्च की तारीख मुकर्रर की है.
(एजेंसी)