नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने प्रधानमंत्री कार्यालय को सशस्त्र बलों के कर्मियों के वेतन एवं पेशन पर पूर्व विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी की अगुवाई में मंत्रियों के एक समूह की 14 साल पुरानी रिपोर्ट का खुलासा करने से इनकार करने के फैसले पर 'पुनर्विचार' करने का निर्देश दिया है. पीएमओ ने इस रिपोर्ट को 'अत्यधिक संवेदनशील' बताते हुए सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत इसका खुलासा करने से इनकार कर दिया था.
यह निर्देश तब दिया गया है जब आरटीआई आवेदक ने आयोग से कहा कि रक्षा मंत्रालय द्वारा इस रिपोर्ट के कुछ हिस्सों का पहले ही खुलासा किया जा चुका है. पीएमओ ने इस रिपोर्ट को 'अत्यधिक संवेदनशील' तथा 'भारत की संप्रभुत्ता एवं अखंडता पर प्रतिकूल असर' डालने वाली बताया था. एस वाई सवुर ने 31 जनवरी 2021 को दिए अपने आरटीआई आवेदन में मुखर्जी द्वारा 19 दिसंबर 2008 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मंजूरी के लिए दी गयी रिपोर्ट की प्रति तथा अन्य दस्तावेज मांगे हैं.
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पीएमओ ने रिपोर्ट तथा अन्य दस्तावेजों का खुलासा करने से इनकार करते हुए कहा था कि यह सूचना 'अत्यधिक संवेदनशील' है तथा उसने इसके खुलासे से इनकार करने के लिए आरटीआई कानून की धारा 8(1)(अ) का हवाला दिया था. जब मामला सीआईसी के पास पहुंचा तो सवुर ने कहा कि मंत्रियों के समूह की 2008 की इस रिपोर्ट का रक्षा मंत्रालय द्वारा पहले ही खुलासा किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि समूह की ज्यादातर सिफारिशों को सार्वजनिक किया जा चुका है.
मुख्य सूचना आयुक्त वाई के सिन्हा ने आदेश दिया कि पूर्वगामी चर्चा के मद्देनजर आयोग प्रतिवादी (पीएमओ) को आवेदक की लिखित दलीलों के मद्देनजर तत्काल आरटीआई आवेदन पर पुनर्विचार करने तथा सूचना के प्रसार के आरटीआई कानून की शर्तों में गुंजाइश की तलाश करते हुए फिर से नया जवाब देने का निर्देश देता है.