पटनाः हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संरक्षक और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि राम से ज़्यादा महान और विद्वान रावण थे. रावण का कम महिमा मंडन किया गया जो गलत है, रावण के साथ अन्याय किया गया है. मांझी ने अपने पुराने बयानों को दोहराते हुए यह भी कहा कि राम और रावण दोनों काल्पनिक थे.
"राम और रावण दोनों काल्पनिक है लेकिन काल्पनिक में भी जो बताया गया है उसमें राम से रावण को नीचा दिखाया गया है जबकि रावण ज्यादा कर्मकांडी विद्वान है उसके बावजूद राम को महिमामंडित किया गया है. राम के लिए अलौकिक स्थिति दर्शाई गई है"- जीतन राम मांझी, पूर्व सीएम
मांझी ने रावण को बताया राम से ज्यादा कर्मठ : पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि तुलसी के रामायण में बहुत ही गलत बातें हैं. बाल्मीकि रामायण की पूजा नहीं होती है तुलसी रामायण की पूजा होती है. मनु वादियों ने यह व्यवस्था कर दी है. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने ये भी कहा कि रामायण में बहुत सी गलत बातें हैं, उसको निकालना चाहिए. आज कल आस्था का आधार लेकर लोगों को बरगलाने का काम किया जा रहा है. जीतन राम मांझी ने कहा कि राहुल सांकृत्यायन, लोकमान्य तिलक और डिस्कवरी ऑफ इंडिया में भी कहा गया है कि राम काल्पनिक हैं, वो सभी ब्राह्मण थे तो कुछ नहीं और हम कह रहे हैं तो लोगों को दुख हो रहा है.
महागठबंधन को खतरे में डालने वाला बयान: मांझी का ये बयान महागठबंधन को खतरे में डाल सकता है. महागठबंधन में शामिल जीतन राम मांझी का ये बयान हिंदूओं की भावना को आहत करने वाला है. वैसे तो उनका इस तरह का बयान कोई नया नहीं है, वो अक्सर ऐसे बयान देते पहे हैं और लगातार उनके बयानों की निंदा भी होती रही है. अब जबकि सभी पार्टियां 2024 के चुनाव को लेकर कमर कस चुकी हैं और महागठबंधन लागातार बीजेपी को हराने की बात करती है, तो ऐसे में महागठबंधन के एक नेता का भगवान राम को लेकर दिया गया ये बयान गठबंधन को कितना नुकसान पहुंचा सकता है, ये तो वक्त ही बताएगा. उधर नीतीश कुमार तो पहले ही कह चुके हैं कि मांझी गठबंधन छोड़कर नहीं जाएंगे. वो गठबंधन के साथ ही रहेंगे.