नई दिल्ली : लोकसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक पारित होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया सामने आई है. बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने जहां कहा कि इस बिल के वापस होने का श्रेय मृत सात सौ किसानों को जाता है.
उन्होंने कहा कि जिन सात सौ किसानों की मृत्यु हुई उनको ही इस बिल के वापस होने का श्रेय जाता है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price-MSP) भी एक बीमारी है. सरकार व्यापारियों को फसलों की लूट की छूट देना चाहती है. किसानों के हक के लिए आंदोलन जारी रहेगा.
चार दिसंबर को तय होगा नया अजेंडा
संवाददाताओं से बातचीत में टिकैत ने कहा कि चार दिसम्बर को बैठक बुलाई गई है, जिसमें किसान आंदोलन का नया अजेंडा तय किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भले ही सरकार ने कृषि कानूनों की वापसी सुनिश्चित कर दी है, लेकिन अब भी फसलों के MSP समेत कई अन्य मुद्दों पर सरकार चुप्पी साधी हुई है.
पढ़ें : farm law repeal : लोक सभा में कृषि कानून निरस्त करने वाला बिल पारित
लोकसभा में बगैर चर्चा के कृषि कानूनों की वापसी का विधेयक ध्वनिमत से पारित होने को लेकर टिकैत ने कहा कि इस पर अब क्या चर्चा हो सकती है. यह बीमारी थी जो हट गई.
उन्होंने विपक्ष के हंगामे का समर्थन करते हुए कहा कि विपक्ष कह रहा था कि MSP और किसानों के अन्य मुद्दों पर चर्चा हो. विपक्ष अगर MSP की बात कर रहा है तो ठीक ही कर रहा है.