अमृतसर : पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम मजीठिया के खिलाफ पंजाब पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी किया है. जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए पंजाब पुलिस तलाशी अभियान तेज कर दिया है. वहीं, पुलिस टीम ने उसके सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर चुकी है, लेकिन अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है.
गौरतलब है कि पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज होने की जानकारी थी. इसी के चलते उसने अपने मोबाइल लोकेशन से पंजाब पुलिस को चकमा दिया. उसकी गिरफ्तारी के लिए टीम ने छापा मारा तो मोबाइल मिला लेकिन मजीठिया नहीं था. सरकार की योजना मामला दर्ज होते ही मजीठिया को गिरफ्तार करने की थी. इसके लिए उसने मजीठिया के मोबाइल की लोकेशन ट्रैक की थी. वह लगातार चंडीगढ़ में अपने सरकारी फ्लैट की लोकेशन बता रहा था. इससे सरकार को लगा कि मजीठिया को मामले की जानकारी नहीं है और वह चंडीगढ़ में रह रहा है. हालांकि सोमवार की आधी रात को मामला दर्ज करने के बाद पुलिस टीम ने वहां छापेमारी की लेकिन मजीठिया की जगह उसका मोबाइल फोन मिला.
एसआईटी कर रही मजीठिया की तलाश
पंजाब पुलिस की तीन सदस्यीय एसआईटी मजीठिया की तलाश कर रही है. इसके लिए उन्हें अलग-अलग टीमें दी गई हैं. एसआईटी का नेतृत्व एआईजी बलराज सिंह कर रहे हैं जबकि उनके साथ डीएसपी राजेश कुमार और कुलवंत सिंह को शामिल किया गया है. मामला दर्ज करने के बाद टीम ने मजीठिया के अन्य ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की लेकिन उनका पता नहीं चला.
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सूत्रों के मुताबिक मजीठिया ने पहले ही पंजाब पुलिस की सुरक्षा छोड़ दी थी. नशा मामले में उनके खिलाफ की गई कार्रवाई पर अकाली दल सरकार लगातार नजर रखे हुए थी. जब जांच ब्यूरो ने एडीजीपी एसके अस्थाना का डीजीपी को एक पत्र लीक किया, तो मजीठिया ने महसूस किया कि पुलिस उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए तैयार है. पंजाब सरकार दावा कर रही है कि जल्द ही मजीठिया को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा. हालांकि अकाली दल मजीठिया को गिरफ्तार करने की सरकार को चुनौती भी दे रहा है. कुल मिलाकर इस चुनाव पूर्व राजनीतिक परिदृश्य ने राज्य में राजनीतिक हलचल मचा दी है.