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बिहार में रातों-रात तालाब गायब, भू-माफियाओं ने मिट्टी भरकर बना दी झोपड़ी, अब जांच के आदेश

Pond Missing In Darbhanga: बिहार में कभी रेल इंजन, कभी लोहे का पुल, कभी रेलवे की पटरी, कभी सरकारी अस्पताल और कभी पंचायत भवन की चोरी हो जाती है. वहीं अब रातों-रात दरभंगा में तालाब की चोरी हो गई और प्रशासन को भनक तक नहीं लगी. जब मामला सामने आया, तब प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया. डीएम ने जांच का आदेश दिया है.

दरभंगा में तालाब गायब
दरभंगा में तालाब गायब
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 3, 2024, 8:15 AM IST

Updated : Jan 3, 2024, 2:55 PM IST

देखें रिपोर्ट

दरभंगा: बिहार के दरभंगा में तालाब गायब हो गया है. ये मामला शहर के विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या चार स्थित नीम पोखर का है. जहां करीब 36 डिस्मिल तालाब को भू माफिया ने रातों-रात चोरी-छुपे मिट्टी भरकर समतल बना दिया. इस जमीन पर अब अपना कब्जा जमाने के लिए वहां एक झोपड़ी और बांस की चाहरदीवारी भी बना दिया है. लोगों का आरोप है कि प्रशासन की मिलीभगत से तालाब को भरा गया है.

क्या कहना है लोगों का?: स्थानीय निवासी सत्तो कुमार सहनी ने बताया कि आज से 10-15 साल पहले मछुआ समिति के कुछ लोग इस तालाब में मछली पालन करते थे लेकिन बाद में किसी कारण से मछली पालन नहीं हुआ. जिसके चलते पोखर कचरा हो गया. पूरा पोखर दलदल हो गया. इसके बाद आदमी सब थोड़ा-थोड़ा भरना शुरू कर दिया. करीब 6 महीने पहले एक आदमी ने आधा कट्ठा जमीन को भर लिया.

दरभंगा में तालाब गायब
दरभंगा में तालाब गायब

'चाय पत्ती व्यवसायी ने ठोका था दावा': आज से 2 साल पहले भी जब काम हो रहा था, तब एक चाय पत्ती के व्यवसायी ने इस पोखर पर दावा ठोका था. उस समय विश्वविद्यालय की थाना यहां आई थी और कागज मांगा गया था। इसके बाद अगला आदमी वहां पेपर जमा किया, उसके बाद कोर्ट में मामला चल गया. कोर्ट से अगली पार्टी डिग्री लेकर बोल रहा है कि हमारा जमीन है. वहीं उन्होंने बताया कि मिट्टी भराई का काम आज से ठीक आठ नौ दिन पहले हुआ है.

'पुलिस की भी मिलीभगत': स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तालाब को अब मिट्टी से भर दिया गया है, उसमें मछुआरों द्वारा मछली, पानी फल सिंघहारा होता था. तालाब का टेंडर संबंधित विभाग से होता था. लोगों की मानें तो एक हफ्ते के अंदर देखते ही देखते तालाब गायब हो गया. पुलिस-प्रशासन को भी पता था लेकिन कभी कोई रोकने नहीं आया, जबकि दिन-रात यहां मिट्टी भरने का काम होता था.

दरभंगा में तालाब की चोरी
तालाब को समतल कर झोपड़ी का निर्माण

"हम यहां पिछले 35 सालों से रह रहे हैं. यहां सरकारी डबरा (तालाब) था. इसे एक सप्ताह के अंदर मिट्टी से भर दिया गया है. भू माफिया के द्वारा दिन-रात हर वक्त मिट्टी से भरा जाता था. भरने के समय यहां भीड़ रहती थी लेकिन पुलिस भी नहीं आती थी"- सुनील कुमार, स्थानीय निवासी

क्या कहते हैं जानकार?: वहीं तालाब बचाओ अभियान के संयोजक नारायण चौधरी ने कहा कि पटना लेवल पर इन लोगों ने सिस्टम नहीं डेवलप किया है, जिससे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. वह कहते हैं कि स्थानीय लोगों की भागीदारी से ही तालाब को बचाया जा सकता है. मैं पिछले 12-13 सालों से चिट्ठी लिख रहा हूं लेकिन किसी ने एक भी धन्यवाद पत्र भी मुझे नहीं दिया है. अगर हम शिकायत भी करते हैं कि तालाब भरा जा रहा है तो भी 15 से 20 दिन या महीनों के अंदर उस पर कार्रवाई नहीं होती.

दरभंगा में तालाब गायब
मौके पर मौजूद अधिकारी

डीएम ने क्या बोला?: वहीं तालाब चोरी होने के मामले सामने आने के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है. दरभंगा डीएम राजीव रौशन ने जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि पोखर से संबंधित मामला अपर उप समाहर्ता न्यायालय में चल रहा था. जमाबंदी रद्द करने के संबंध में वहां से परिवादी के संबंध में जो आदमी है, उनके पक्ष में निर्णय हुआ. उन्होंने कहा कि सदर अंचलाधिकारी को सुझाव दिया गया है कि इस मामले को शीघ्र मेरे न्यायालय में अपील दायर करे और तत्काल स्थल सभी तरह की गतिविधि पर रोक लगाई जाए.

"सदर अंचलाधिकारी को मैंने कहा है कि इस मामले को शीघ्र मेरे न्यायालय में अपील दायर करें. साथ ही तत्काल उस स्थल पर कोई भी आदमी उसको भरने या उसमें निर्माण की कोई गतिविधि ना करें, ये सुनिश्चित करें. जहां तक तालाब की सुरक्षा का सवाल है तो हमारे जितने भी सार्वजनिक तालाब और पोखर हैं, वह जलजीवन हरियाली का हिस्सा है. इसके तहत उसे अतिक्रमण मुक्त कराना है. निजी पोखर या तालाब के स्वामित्व पर कोर्ट का डिसीजन है कि उसके स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं करना है"- राजीव रौशन, जिलाधिकारी, दरभंगा

दरभंगा में तालाब की चोरी
36 डिस्मिल तालाब को मिट्टी से भरा

रेवेन्यू अधिकारी को डीएम का निर्देश: इसके साथ ही डीएम ने कहा कि रेवेन्यू अधिकारी को तालाब के अतिक्रमण पर ध्यान देने की अवश्यकता है. जो हमारा जल निकाय है, उसका स्वरूप बदलने से हमारे पर्यावरण पर नकारात्मक असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि जमाबंदी रद्दीकरण का मामला अपर समाहर्ता के न्यायालय में था. उसमें क्या दस्तावेज दिखलाया गया है लेकिन जमावंदी रद्द करने के प्रस्ताव को खारिज किया गया है और जमाबंदी जारी रखने की बात की गई है. इसको लेकर मैंने सीओ को आदेश दिया है कि अगर अपर समाहर्ता का कोई आदेश है तो उसके विरुद्ध अपील मेरे न्यायालय में दाखिल कर सकते हैं.

दरभंगा में तालाब गायब
तालाब को मिट्टी से भर दिया

अबतक 200 तालाब नक्शे से गायब: अगर दरभंगा में तालाबों की संख्या की बात करें तो दरभंगा राज और पुराने रिकॉर्ड के मुताबिक पूरे जिले में 9 हजार 113 तालाब थे. उसमें से सिर्फ दरभंगा शहर में सरकारी दस्तावेजों के अनुसार 350 से 400 तालाब थे लेकिन समय-समय पर भू माफिया सरकारी तंत्र के सहारे तालाबों पर कब्जा कर मिट्टी भरते गए. वर्तमान में नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार तालाब की संख्या 100 से 125 तक सिमट कर रह गई है. अबतक तकरीबन 200 तालाबों को भर दिया गया है.

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देखें रिपोर्ट

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क्या कहना है लोगों का?: स्थानीय निवासी सत्तो कुमार सहनी ने बताया कि आज से 10-15 साल पहले मछुआ समिति के कुछ लोग इस तालाब में मछली पालन करते थे लेकिन बाद में किसी कारण से मछली पालन नहीं हुआ. जिसके चलते पोखर कचरा हो गया. पूरा पोखर दलदल हो गया. इसके बाद आदमी सब थोड़ा-थोड़ा भरना शुरू कर दिया. करीब 6 महीने पहले एक आदमी ने आधा कट्ठा जमीन को भर लिया.

दरभंगा में तालाब गायब
दरभंगा में तालाब गायब

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'पुलिस की भी मिलीभगत': स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तालाब को अब मिट्टी से भर दिया गया है, उसमें मछुआरों द्वारा मछली, पानी फल सिंघहारा होता था. तालाब का टेंडर संबंधित विभाग से होता था. लोगों की मानें तो एक हफ्ते के अंदर देखते ही देखते तालाब गायब हो गया. पुलिस-प्रशासन को भी पता था लेकिन कभी कोई रोकने नहीं आया, जबकि दिन-रात यहां मिट्टी भरने का काम होता था.

दरभंगा में तालाब की चोरी
तालाब को समतल कर झोपड़ी का निर्माण

"हम यहां पिछले 35 सालों से रह रहे हैं. यहां सरकारी डबरा (तालाब) था. इसे एक सप्ताह के अंदर मिट्टी से भर दिया गया है. भू माफिया के द्वारा दिन-रात हर वक्त मिट्टी से भरा जाता था. भरने के समय यहां भीड़ रहती थी लेकिन पुलिस भी नहीं आती थी"- सुनील कुमार, स्थानीय निवासी

क्या कहते हैं जानकार?: वहीं तालाब बचाओ अभियान के संयोजक नारायण चौधरी ने कहा कि पटना लेवल पर इन लोगों ने सिस्टम नहीं डेवलप किया है, जिससे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. वह कहते हैं कि स्थानीय लोगों की भागीदारी से ही तालाब को बचाया जा सकता है. मैं पिछले 12-13 सालों से चिट्ठी लिख रहा हूं लेकिन किसी ने एक भी धन्यवाद पत्र भी मुझे नहीं दिया है. अगर हम शिकायत भी करते हैं कि तालाब भरा जा रहा है तो भी 15 से 20 दिन या महीनों के अंदर उस पर कार्रवाई नहीं होती.

दरभंगा में तालाब गायब
मौके पर मौजूद अधिकारी

डीएम ने क्या बोला?: वहीं तालाब चोरी होने के मामले सामने आने के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया है. दरभंगा डीएम राजीव रौशन ने जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने बताया कि पोखर से संबंधित मामला अपर उप समाहर्ता न्यायालय में चल रहा था. जमाबंदी रद्द करने के संबंध में वहां से परिवादी के संबंध में जो आदमी है, उनके पक्ष में निर्णय हुआ. उन्होंने कहा कि सदर अंचलाधिकारी को सुझाव दिया गया है कि इस मामले को शीघ्र मेरे न्यायालय में अपील दायर करे और तत्काल स्थल सभी तरह की गतिविधि पर रोक लगाई जाए.

"सदर अंचलाधिकारी को मैंने कहा है कि इस मामले को शीघ्र मेरे न्यायालय में अपील दायर करें. साथ ही तत्काल उस स्थल पर कोई भी आदमी उसको भरने या उसमें निर्माण की कोई गतिविधि ना करें, ये सुनिश्चित करें. जहां तक तालाब की सुरक्षा का सवाल है तो हमारे जितने भी सार्वजनिक तालाब और पोखर हैं, वह जलजीवन हरियाली का हिस्सा है. इसके तहत उसे अतिक्रमण मुक्त कराना है. निजी पोखर या तालाब के स्वामित्व पर कोर्ट का डिसीजन है कि उसके स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं करना है"- राजीव रौशन, जिलाधिकारी, दरभंगा

दरभंगा में तालाब की चोरी
36 डिस्मिल तालाब को मिट्टी से भरा

रेवेन्यू अधिकारी को डीएम का निर्देश: इसके साथ ही डीएम ने कहा कि रेवेन्यू अधिकारी को तालाब के अतिक्रमण पर ध्यान देने की अवश्यकता है. जो हमारा जल निकाय है, उसका स्वरूप बदलने से हमारे पर्यावरण पर नकारात्मक असर पड़ता है. उन्होंने कहा कि जमाबंदी रद्दीकरण का मामला अपर समाहर्ता के न्यायालय में था. उसमें क्या दस्तावेज दिखलाया गया है लेकिन जमावंदी रद्द करने के प्रस्ताव को खारिज किया गया है और जमाबंदी जारी रखने की बात की गई है. इसको लेकर मैंने सीओ को आदेश दिया है कि अगर अपर समाहर्ता का कोई आदेश है तो उसके विरुद्ध अपील मेरे न्यायालय में दाखिल कर सकते हैं.

दरभंगा में तालाब गायब
तालाब को मिट्टी से भर दिया

अबतक 200 तालाब नक्शे से गायब: अगर दरभंगा में तालाबों की संख्या की बात करें तो दरभंगा राज और पुराने रिकॉर्ड के मुताबिक पूरे जिले में 9 हजार 113 तालाब थे. उसमें से सिर्फ दरभंगा शहर में सरकारी दस्तावेजों के अनुसार 350 से 400 तालाब थे लेकिन समय-समय पर भू माफिया सरकारी तंत्र के सहारे तालाबों पर कब्जा कर मिट्टी भरते गए. वर्तमान में नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार तालाब की संख्या 100 से 125 तक सिमट कर रह गई है. अबतक तकरीबन 200 तालाबों को भर दिया गया है.

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Last Updated : Jan 3, 2024, 2:55 PM IST
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