नई दिल्ली: बिहार (छपरा) जहरीली शराब कांड की एसआईटी जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिका में अवैध शराब के निर्माण, व्यापार और बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए एक स्वतंत्र जांच और कार्य योजना तैयार करने की मांग की गई है. पीआईएल में पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग गई है. मामले में कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया है. आर्यवर्त महासभा फाउंडेशन नाम के NGO ने इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नीति बनाने की भी मांग की है. वहीं जनवरी 2023 में सुनवाई के लिए ये मामला लग सकता है.
बिहार (छपरा) जहरीली शराब कांड की एसआईटी जांच की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिका में अवैध शराब के निर्माण, व्यापार और बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए एक स्वतंत्र जांच और कार्य योजना तैयार करने की मांग की गई है. पीआईएल में पीड़ितों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग गई है.
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इससे पहले बिहार में शराबबंदी कानून तथा सारण जिले में जहरीली शराब से हुई लोगों की मौत को लेकर बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया. इस दौरान भाजपा के सदस्यों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सदन में विपक्षी सदस्यों को लेकर की गई एक टिप्पणी को लेकर इस्तीफे और माफी की मांग की. विधानसभा की गुरुवार को कार्यवाही प्रारंभ होते ही भाजपा के सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाने लगे. इस दौरान भाजपा के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हाथ में पोस्टर लेकर सदन के बीच में आ गए.
विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने विपक्षी सदस्यों को अपने स्थान पर जाकर अपनी बात कहने की अपील करते रहे. उन्होंने विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा से भी अपने सदस्यों को शांतिपूर्ण कार्यवाही चलाने में सहयोग करने की अपील करते रहे, लेकिन हंगामा जारी रहा. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मार्शल से हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों के हाथों से पोस्टर हटाने का आदेश दिया. इस बीच, हालांकि सदन की कार्यवाही चलती रही और सत्ता पक्ष के सदस्य प्रश्नोत्तर काल में भाग लिया. इस दौरान विपक्ष के नेता ने कहा कि उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि भाजपा ने आसन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया और सदन के बाहर विधानसभा के बरामदे में धरने पर बैठ गए. भाजपा के सदस्यों ने जहरीली शराब से मरने वाले परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने सदन से बाहर कहा कि सारण में 40 से अधिक लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो गई है, इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने सरकार पर तानाशाही करने का आरोप लगाया. सदन के अंदर प्रतिपक्ष के नेता के रूप में बोलने नहीं दिया. यह लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून का नहीं जहरीली शराब से मौत का मामला है.