भुवनेश्वर : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रेल मंत्रालय के अनुरोध, ओडिशा सरकार की सहमति और डीओपीटी (भारत सरकार) के अगले आदेशों पर कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना से संबंधित एक मामला दर्ज किया है. सीबीआई ने इस दुर्घटना के संबंध में जीआरपीएस केस संख्या 64 की जांच अपने हाथ में ले ली है. गौरतलब है कि सीबीआई की एक टीम ओडिशा के बालासोर में है, जो इस मामले की जांच कर रही है.
बता दें कि सीबीआई की एक 10-सदस्यीय टीम मंगलवार को ओडिशा के बालासोर में ट्रेन दुर्घटना स्थल पर पहुंची, जो 2 जून को हुई हादसे की जांच कर रही है. इस बाद हादसे में 275 लोगों की मौत हुई है. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा था कि रेलवे बोर्ड ने इस दुखद दुर्घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. मंत्री ने यह भी कहा था कि दुर्घटना "इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव" के कारण हुई.
गौरतलब है कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नल तंत्र से पटरियों की व्यवस्था के माध्यम से ट्रेन के सुरक्षित संचलन की सुविधा प्रदान करती है. इस प्रणाली का उद्देश्य यह है कि जब तक मार्ग सुरक्षित न हो तब तक किसी भी ट्रेन को आगे बढ़ने का संकेत नहीं मिलता है. रेलवे भी हादसे की जांच कर रहा है. बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन पर तीन अलग-अलग पटरियों पर बेंगलुरू-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हुई थी.
इससे पहले, ओडिशा सरकार रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने ओडिशा ट्रेन दुर्घटना के संबंध में रेलवे अधिनियम 1989 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. प्राथमिकी रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे अधिनियम की धारा 154, 175 और 153 के तहत और भारतीय दंड संहिता की धारा 337, 338, 304 ए और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
(एएनआई)
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