पटना: नीतीश कुमार विपक्षी एकता को धार देने के लिए देशभर में घूम-घूमकर बीजेपी के खिलाफ सभी को लामबंद करने में लगे हुए हैं. इस कड़ी में अबतक वे दिल्ली, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, झारखंड, ओडिशा समेत कई राज्यों के विपक्षी दलों के नेताओं और मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर चुके हैं. 9 मई 2023 को सीएम नीतीश ने भुवनेश्वर में ओडिशा के सीएम और बीजेडी अध्यक्ष नवीन पटनायक से भी मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद सीएम नीतीश ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि सकारात्मक बात हुई है. हालांकि पटनायक ने कहा था कि कोई राजनीतिक बात नहीं हुई. अब नवीन पटनायक ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद बड़ा बयान दिया है. इस बयान से नीतीश कुमार की मुहिम को बड़ा झटका लगा है.
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नवीन पटनायक ने सीएम नीतीश को दिया तगड़ा झटका: नवीन पटनायक ने पीएम मोदी से मुलाकात के बाद मीडिया के सवालों का जवाब दिया. जब उनसे पूछा गया कि क्या पीएम से कोई राजनीतिक चर्चा हुई है तो उन्होंने कहा कि नहीं हुई. वहीं जब उनसे नीतीश कुमार से हुई मुलाकात और थर्ड फ्रंट को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने लोकसभा चुनाव में विपक्ष के साथ हाथ मिलाने की संभावनाओं को नकार दिया और कहा कि मैं अकेले लोकसभा के साथ ही विधानसभा का चुनाव लड़ूंगा. नवीन पटनायक के इस बयान के बात एक बार फिर से बिहार का राजनीतिक पारा चढ़ गया है. विपक्षी एकता के नीतीश के अभियान पर सियासत जारी है.
"पीएम मोदी से मेरी कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है. आम चुनाव और राज्य का विधानसभा चुनाव, बीजू जनता दल अकेले लड़ेगी."- नवीन पटनायक, मुख्यमंत्री, ओडिशा
नीतीश से मुलाकात के बाद पटनायक ने कही थी ये बात : दरअसल नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद अगले दिन नवीन पटनायक ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. उन्होंने इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया. जब उनसे विपक्ष के साथ जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने नीतीश को झटका देते हुए साफ किया कि केंद्र और विपक्ष से समान दूरी की हमारी योजना हमेशा से रही है. इससे पहले 9 मई को नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद भी नवीन पटनायक ने कहा था कि "हम दोनों पुराने दोस्त हैं. सालों से एक दूसरे को जानते हैं. किसी तरह के गठबंधन पर चर्चा नहीं हुई." पटनायक के बयान से नीतीश कुमार को उस दिन भी मायूसी हाथ लगी थी लेकिन उम्मीद बरकरार थी. लेकिन अब नवीन पटनायक साफ साफ बयान से नीतीश कुमार और दूसरे विपक्षी दलों को बड़ा झटका लगा है.
नीतीश की विपक्षी एकता पर सियासत जारी: वहीं नीतीश कुमार के विपक्षी एकजुटता के अभियान पर बयानबाजी जारी है. जदयू और आरजेडी जहां यह कह रही है कि 2024 में केंद्र में सत्ता परिवर्तन होगा. वहीं बीजेपी कह रही है कि नीतीश कुमार को चुनाव के समय पीएम बनने का कीड़ा काटता है और बाद में सीएम की कुर्सी बचाने में लगे जाते हैं. जेडीयू प्रवक्ता ने कहा है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अहंकार में कहते हैं कि क्षेत्रिय दलों की भूमिका खत्म कर देंगे, तो क्षेत्रिय दलों का जनाधार और कांग्रेस समेत तमाम वामपंथी पार्टियों की एकजुटता के साथ राजनीतिक का ऐसा इंजेक्शन आपको (बीजेपी) पड़ेगा कि 2024 में आपकी पार्टी राजनीति के अंतिम पायदान पर पहुंचेगी. वहीं आरजेडी ने भी कहा कि 2024 में कहीं नहीं टिकेगी.
''हमारे नेता नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं. हमारी इच्छा सिर्फ इतनी है कि 2024 में ऐसी हुकूमत जिसने नौकरी के नाम पर फर्जीवाड़ा किया, सामाजिक सरोकार के नाम पर फर्जीवाड़ा किया, जो राज्यों के असमान विकास का पर्याय बन गया है. ऐसे जुमलेबाज को सत्ता से हटाना है. यह गैर बीजेपी दलों की एकजुटता है. हमारा राजनीतिक करेंट का असर यह है कि उसका असर महाराष्ट्र में भी देखने को मिल रहा है.'' - नीरज कुमार, मुख्य प्रवक्ता, जेडीयू
''कई बार यह चर्चा हुई है. नीतीश कुमार ने कहा है कि यह कोई थर्ड फ्रंट और सेकेंड फ्रंट का सवाल नहीं है. यह मेन फ्रंट होगा. जो बीजेपी मुक्त भारत बनाएगा. इसलिए जो लोग सवाल खड़े कर रहे है. वो अच्छी तरह जानते है कि अगर गैर बीजेपी विपक्षी दलों की एकजुटता हुई तो बीजेपी कहीं नहीं टिकेगी. यहीं फ्रंट 2024 में जनता का आशीर्वाद प्राप्त करेगा.''- मृत्युंजय तिवारी, आरजेडी, प्रवक्ता