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'नेतृत्व की कमी के कारण बिहार की दुर्दशा', बोले एमपी सीएम मोहन यादव- 'दूसरे दलों में देखा जाता है वंशवाद'

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 18, 2024, 7:48 PM IST

CM Mohan Yadav Bihar Visit : लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे बिहार में राजनेताओं की आवाजाही बढ़ गई है. वोट बैंक की सियासत को देखते हुए भाजपा अपने नेताओं को बिहार के बैटलग्राउंड में उतार रही है. एमपी के मुख्यमंत्री मोहन यादव बिहार दौरे पर आये और भाजपा के सियासत को धार देने की कोशिश हो रही है.

पुष्प वर्षा कर हुआ एमपी सीएम का स्वागत
पुष्प वर्षा कर हुआ एमपी सीएम का स्वागत
मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश

पटना : बिहार के दौरे पर आए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बिहार की दुर्दशा की वजह को नेतृत्व की कमी बताया. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में वंशवाद की राजनीति की वजह से बिहार का हाल बुरा है. बिहार इसीलिए बीमारू राज्य से बाहर नहीं निकल पाया. बता दें कि सीएम मोहन यादव बिहार में यादव समाज के कार्यक्रम में शिरकत करने आए हुए थे. चुनावी साल में यहां आकर उन्होंने हुंकार भरी.

मोहन यादव के कंधे पर बिहार का यादव वोटबैंक : मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया. साथ ही मोहन यादव के कंधों पर वोट बैंक में इजाफे की जिम्मेदारी डाल दी गई. मुख्यमंत्री बनते ही मोहन यादव बिहार दौरे पर आए. बिहार में यदुवंशी समाज के लोगों ने मोहन यादव का बड़े उत्साह के साथ स्वागत किया. बिहार भाजपा के यादव समाज से आने वाले छोटे और बड़े तमाम नेता मोहन यादव की ब्रांडिंग करते देखे गए.

पुष्प वर्षा कर हुआ एमपी सीएम का स्वागत : मोहन यादव पहले श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल पहुंचे जहां उन्होंने पुष्प वर्षा कर समर्थकों का अभिवादन किया. आए हुए तमाम समर्थकों ने मोहन यादव को मोमेंटो देकर स्वागत किया. श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे, जहां आधे घंटे रहने के बाद इस्कॉन मंदिर के लिए रवाना हो गए.

परिवार वादी पार्टियों पर निशाना : मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा कि पटना बीजेपी ऑफिस में आ कर लग रहा है अपने घर में आ गया हूं. देश दुनिया में कई पार्टी है, लेकिन एक बीजेपी पार्टी है जो कब किस कार्यक्रता को पीएम और सीएम बना दे यह पता नहीं. दूसरे दल में पहले यह देखा जायेगा किस वंश के हैं और किस परिवार के हैं. बिहार में किसी चीज की कोई कमी नहीं. बिहार में सबसे अधिक IAS-IPS निकलते हैं. यहां के लोग अपने मेहनत से आगे बढ़ते हैं और नई पहचान बनाते हैं. हर क्षेत्र में बिहार के लोगों की विशेष पहचान है.

''बिहार के स्वभाव, मानसिकता, प्रतिभा में सभी प्रकार की संभावना छिपी हुई है. कमी सिर्फ ली़डरशीप की है. नेताओं की वजह से हमारा राज्य अटक रहा है. मुझे लगता है कि मोदी जी के नेतृत्व में अगर ठीक से प्रयास करेंगे तो बिहार भी आगे बढ़ेगा. बिहार के लिए मोदी जी का, बीजेपी का बहुत आगे ले जाने का आग्रह है.''- मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश

'नेतृत्व क्षमता की वजह से बिहार पिछड़ा' : मोहन यादव ने कहा कि आपातकाल के समय भी बिहार की धरती से शंखनाद हुआ था. आज बिहार अभी और आगे जा सकता था. 5 बीमारू राज्य में 4 आगे बढ़ गए, लेकिन बिहार वहीं खड़ा है. यहां नेतृत्व क्षमता और अवरवादी के कारण बिहार पिछड़ा है. बिहार को आगे बढ़ने में एमपी हर मदद को तैयार है. मध्य प्रदेश आने के लिए बिहार के भाई बहनों को आमंत्रण देता हूं.

बता दें कि 5 राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद तीन राज्यों में भाजपा की सरकार बनी और भाजपा ने जातिगत आधार पर मुख्यमंत्रियों के नाम तय किए. एमपी में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया. बिहार में हुई जातिगत जनगणना का यह साइड इफेक्ट था कि भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर यदुवंशी समाज को मैसेज देने के लिए मध्य प्रदेश के अंदर यादव जाति के नेता को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा.

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मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश

पटना : बिहार के दौरे पर आए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बिहार की दुर्दशा की वजह को नेतृत्व की कमी बताया. उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि बिहार में वंशवाद की राजनीति की वजह से बिहार का हाल बुरा है. बिहार इसीलिए बीमारू राज्य से बाहर नहीं निकल पाया. बता दें कि सीएम मोहन यादव बिहार में यादव समाज के कार्यक्रम में शिरकत करने आए हुए थे. चुनावी साल में यहां आकर उन्होंने हुंकार भरी.

मोहन यादव के कंधे पर बिहार का यादव वोटबैंक : मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया. साथ ही मोहन यादव के कंधों पर वोट बैंक में इजाफे की जिम्मेदारी डाल दी गई. मुख्यमंत्री बनते ही मोहन यादव बिहार दौरे पर आए. बिहार में यदुवंशी समाज के लोगों ने मोहन यादव का बड़े उत्साह के साथ स्वागत किया. बिहार भाजपा के यादव समाज से आने वाले छोटे और बड़े तमाम नेता मोहन यादव की ब्रांडिंग करते देखे गए.

पुष्प वर्षा कर हुआ एमपी सीएम का स्वागत : मोहन यादव पहले श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल पहुंचे जहां उन्होंने पुष्प वर्षा कर समर्थकों का अभिवादन किया. आए हुए तमाम समर्थकों ने मोहन यादव को मोमेंटो देकर स्वागत किया. श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंचे, जहां आधे घंटे रहने के बाद इस्कॉन मंदिर के लिए रवाना हो गए.

परिवार वादी पार्टियों पर निशाना : मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने कहा कि पटना बीजेपी ऑफिस में आ कर लग रहा है अपने घर में आ गया हूं. देश दुनिया में कई पार्टी है, लेकिन एक बीजेपी पार्टी है जो कब किस कार्यक्रता को पीएम और सीएम बना दे यह पता नहीं. दूसरे दल में पहले यह देखा जायेगा किस वंश के हैं और किस परिवार के हैं. बिहार में किसी चीज की कोई कमी नहीं. बिहार में सबसे अधिक IAS-IPS निकलते हैं. यहां के लोग अपने मेहनत से आगे बढ़ते हैं और नई पहचान बनाते हैं. हर क्षेत्र में बिहार के लोगों की विशेष पहचान है.

''बिहार के स्वभाव, मानसिकता, प्रतिभा में सभी प्रकार की संभावना छिपी हुई है. कमी सिर्फ ली़डरशीप की है. नेताओं की वजह से हमारा राज्य अटक रहा है. मुझे लगता है कि मोदी जी के नेतृत्व में अगर ठीक से प्रयास करेंगे तो बिहार भी आगे बढ़ेगा. बिहार के लिए मोदी जी का, बीजेपी का बहुत आगे ले जाने का आग्रह है.''- मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश

'नेतृत्व क्षमता की वजह से बिहार पिछड़ा' : मोहन यादव ने कहा कि आपातकाल के समय भी बिहार की धरती से शंखनाद हुआ था. आज बिहार अभी और आगे जा सकता था. 5 बीमारू राज्य में 4 आगे बढ़ गए, लेकिन बिहार वहीं खड़ा है. यहां नेतृत्व क्षमता और अवरवादी के कारण बिहार पिछड़ा है. बिहार को आगे बढ़ने में एमपी हर मदद को तैयार है. मध्य प्रदेश आने के लिए बिहार के भाई बहनों को आमंत्रण देता हूं.

बता दें कि 5 राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद तीन राज्यों में भाजपा की सरकार बनी और भाजपा ने जातिगत आधार पर मुख्यमंत्रियों के नाम तय किए. एमपी में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया. बिहार में हुई जातिगत जनगणना का यह साइड इफेक्ट था कि भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर यदुवंशी समाज को मैसेज देने के लिए मध्य प्रदेश के अंदर यादव जाति के नेता को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा.

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