पटना : आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है. आज के दिन बिहार के अस्पतालों में 400 से अधिक बच्चों ने जन्म लिया है. अकेले पटना जिले में आंकड़ा 150 तक पहुंच गया है. इसके अलावा विभिन्न जिलों में नवजातों का जन्म हुआ है. कयास लगाया जा रहा है कि रात तक यह आंकड़ा हजार को पार कर जाएगा.
कृष्ण जन्माष्टमी पर बच्चों का जन्म : दरअसल, बिहार में अब एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है. यदि प्रसव के समय के आसपास कोई पर्व-त्योहार हो तो दंपती चाहते हैं कि उसी दिन बच्चे का जन्म हो. ऐसे में अगर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी करीब हो तो क्या कहने. जिन महिलाओं को सिजेरियन ही कराना है, उनके लिए एक-दो दिन आगे-पीछे करना मुश्किल नहीं होता है. डॉक्टर से बात कर उसी दिन सिजेरियन कराने का डेट तय कर लेती हैं.
PMCH, NMCH, कुर्जी में भीड़ : राजधानी पटना में सर्वाधिक डिलीवरी डॉक्टर सारिका राय की क्लीनिक पर जन्माष्टमी के मौके पर कराई जा रही है. 35 से अधिक बच्चों की डिलीवरी जन्माष्टमी के मौके पर कराई जा रही है. वहीं पीएमसीएच, एनएमसीएच और कुर्जी होली फैमिली हॉस्पिटल में 20 के करीब बच्चों की डिलीवरी होनी है. पीएमसीएच में सात बच्चों की डिलीवरी हुई है. वहीं एनएमसीएच में चार बच्चों की डिलीवरी हुई है.
जन्माष्टमी पर बच्चों के जन्म पर डॉक्टर की राय : पटना की प्रख्यात गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर सारिका राय ने बताया कि कोई भी हिंदू त्यौहार हो इन दोनों दो दिन मनाया जा रहा है और इस कारण उनके यहां जन्माष्टमी की दो दिनों तक डिलीवरी होगी. 10 की डिलीवरी कर चुकी है. 40 की अभी होनी है. जिसमें कई नॉर्मल डिलीवरी होने वाली है और कुछ सिजेरियन डिलीवरी भी होगी. उन्होंने बताया कि मेडिकल एडवांसमेंट के कारण कई ऐसी दवाइयां आ गई है कि 4 से 5 दिन के डिलीवरी डेट को आगे पीछे आसानी से किया जा सकता है.
दवाइयां देकर पेशेंट को नॉर्मल रखी : डॉक्टर सारिका राय ने कहा कि, एक पेशेंट ऐसे हैं जिनकी पहले से डिमांड है कि जन्माष्टमी के मौके पर रात 12:00 बजे ही बच्चे की डिलीवरी करानी है. ऐसे में वह लोग उसे पेशेंट को दवाइयां पर स्टेबल करके रखी हैं और रात 11:15 में लेबर रूम में ले जाएंगी, रात 12:00 बजे बच्चों की डिलीवरी कराई जाएगी और अब परिवार वाले अपना तय करेंगे कि बच्चे का जन्मदिवस 6 सितंबर को मनाएं या फिर 7 सितंबर को.
''कई ऐसे भी पेशेंट आए जिनके डिलीवरी में अभी 10-15 दिन का समय है और वह जन्माष्टमी के मौके पर ही डिलीवरी चाहते थे लेकिन उन लोगों को मना कर दिया गया. गर्भ में बच्चों की स्थिति को देखने के बाद ही वह बच्चों के डिलीवरी का समय तय करती हैं और प्रीमेच्योर डिलीवरी नहीं कराती.'' - डॉक्टर सारिका राय, गाइनेकोलॉजिस्ट
सरकारी और निजी अस्पतालों में भीड़ : बिहार के कई सरकारी और निजी अस्पतालों के साथ ही नर्सिंग होम में गर्भवती महिलाएं डिलिवरी कराने के लिए पहुंची. इनमें अधिकतर की नार्मल तो कुछ की सिजेरियन डिलिवरी कराई गयी है. कुछ बड़े प्राइवेट अस्पतालों में तो भीड़ जैसी स्थिति है. हम आपको बिहार के जिलावार स्थिति से रूबरू करवाते हैं.
भागलपुर, भोजपुर, जमुई में 61 बच्चों का जन्म : भागलपुर में 26 बच्चों ने जन्म लिया. जिसमें से मायागंज में 6 लड़की और 5 लड़के, नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में 8 लड़की और 7 लड़के का जन्म हुआ है. अस्पताल प्रबंधक रमन सिंह ने यह जानकारी दी. भोजपुर सदर अस्पताल में 18 बच्चों का जन्म हुआ है. जिसमें 12 लड़का है और 6 लड़की हैं. जमुई जिले में 17 बच्चे का जन्म हुआ है. जिसमें 11 लड़का और 6 लड़की शामिल है. इसमें एक जुड़वा भी शामिल है.
घरों में जन्मे कान्हा व राधा : भागलपुर की मनीषा बताती हैं कि ''जन्माष्टमी के दिन उनके घर बाल गोपाल आए हैं. पूरा परिवार खुशी से झूम उठा. बड़े बुजुर्ग इसे भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद मान रहे हैं. वह बहुत भाग्यशाली हैं. बेटे को कान्हा कहकर उसका स्वागत किया गया.'' मनीषा के पति राघव बताते हैं कि उनके यहां दो बेटियों के बाद उनके घर कान्हा आए हैं.
अररिया, गोपालगंज, वैशाली में 54 बच्चों का जन्म : अररिया सदर अस्पताल में 24 बच्चों का जन्म हुआ. जिनमें 13 लड़के और 11 लड़कियां शामिल हैं. अस्पताल सुपरिटेंडेंट के अनुसार सभी जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं. गोपालगंज सदर अस्पताल में 13 बच्चों का जन्म हुआ है. हाजीपुर सदर अस्पताल में 17 बच्चों का जन्म हुआ है. रात तक आंकड़ा 40 के करीब पहुंचने की संभावना है.
'भगवान की कृपा उन पर बरसी है' : गोपालगंज के बरौली थाना क्षेत्र के पिपरिया गांव की पूनम देवी बताती हैं कि ''श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर उनके आंगन में बेटी पैदा हुई. भगवान की कृपा उन पर बरसी है.'' वहीं, गोपालगंज की ही ममता देवी ने बताया कि ''श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर उनके आंगन में बेटी पैदा हुई. भगवान की कृपा उन पर बरसी है.''
पूर्वी और पश्चिम चंपारण में 50 बच्चों का जन्म : बेतिया के जीएमसीएएच में 23 बच्चों का जन्म हुआ है. जिसमें 16 लड़के और 7 लड़की हैं. बगहा अनुमंडल अस्पताल में 13 नवजातों का जन्म हुआ है. जिसमें से 7 लड़का और 6 लड़की शामिल हैं. वहीं मोतिहारी सदर अस्पताल में 14 बच्चों का जन्म हुआ. जिसमें 4 लड़का और 10 लड़कियां हैं.
पूर्णिया, कटिहार, सारण में 41 बच्चों का जन्म : पूर्णिया मेडिकल कॉलेज में 18 नवजात शिशु का जन्म हुआ है. जिसमें 10 बच्ची हैं और 8 बच्चे हैं. कटिहार में सदर अस्पताल में 13 नवजातों का जन्म हुआ है. जिसमें सात लड़के और छह लड़की हैं. छपरा सदर अस्पताल में 10 बच्चों का जन्म हुआ है. जिसमें 8 लड़के और 2 लड़कियां हैं.
समस्तीपुर, बेगूसराय, बक्सर में 40 बच्चों का जन्म : समस्तीपुर सदर अस्पताल में 16 बच्चों का जन्म हुआ है. जिसमें से 10 लड़के एवं 6 लड़कियां हैं. बेगूसराय सदर अस्पताल में 14 बच्चों ने जन्म लिया है. जिसमें 8 लड़के और 6 लड़कियां शामिल हैं. बक्सर में 10 बच्चों ने जन्म लिया है.
रोहतास-मधुबनी में 17 बच्चों का जन्म: रोहतास के सासाराम सदर अस्पताल में 8 बच्चों का जन्म हुआ है. जिसमें से 5 बच्चियां हैं तथा 3 लड़के हैं. मधुबनी सदर अस्पताल में 6 बच्चों ने जन्म लिया. जिसमें 4 लड़के 2 लड़की हुई हैं. वहीं अनुमंडल अस्पताल झंझारपुर में 3 बच्चों का जन्म हुआ है.
नोट : ये आंकड़ा दोपहर तीन बजे तक का है. आंकड़ों में बढ़ोतरी होगी. ये आंकड़े सरकारी अस्पताल के हैं. अगर निजी अस्पताल के आंकड़ों को मिला दिया जाए तो यह आंकड़ा हजार के पार पहुंच जाएगा.