पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ देशभर में विपक्षी एकजुटता की मुहिम चला रहे हैं. विपक्षी एकजुटता के लिए विपक्षी दलों की बैठक नीतीश कुमार, कांग्रेस के साथ करना चाहते हैं. पहले कहा गया कि कर्नाटक चुनाव रिजल्ट के बाद विपक्षी दलों की बैठक होगी. बैठक पटना में होने की चर्चा होने लगी. पिछले दिनों जब नीतीश कुमार कांग्रेस के आला नेताओं राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे से मुलाकात की थी तो उस समय जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने 2 दिनों में बैठक तय करने की बात कही थी, लेकिन अब 3 दिन हो गए अभी भी कांग्रेस के फैसले का इंतजार हो रहा है.
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बोले संजय झा- 'कांग्रेस का नहीं आया जवाब': नीतीश कुमार के नजदीकी जल संसाधन मंत्री संजय झा का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कांग्रेस के नेताओं से मिलने के बाद कहा था कांग्रेस ने 2 दिन का समय मांगा है. कांग्रेस तिथि तय करेगी तो अब तीन दिन हो गया. हम लोग इंतजार कर रहे हैं. वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह विपक्षी दलों की बैठक कब होगी, इस सवाल पर अब कह रहे हैं कि जब बैठक की तिथि तय हो जाएगी तो आप लोगों को बता दिया जाएगा. कुल मिलाकर देखें तो बैठक की तिथि और स्थान कांग्रेस जब तय कर देगी उसके बाद सभी विपक्षी दलों को आमंत्रण भेजा जाएगा.
"मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी से सीएम नीतीश की मुलाकात के बाद ललन सिंह ने कहा था कि कांग्रेस बैठक की तिथि बताएगी. कांग्रेस ने एक दो दिन का समय लिया था. अब तो तीन दिन हो गए, कोई जानकारी नहीं आई है."- संजय झा, जल संसाधन मंत्री, बिहार
"हम तो बता ही चुके हैं. जब तय होगा तो आपको बता दिया जाएगा."- ललन सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेडीयू
कांग्रेस के फैसले का नीतीश को इंतजार: फिलहाल विपक्षी दलों की एकजुटता की बैठक पर सस्पेंस बना हुआ है. विपक्षी दलों के नेताओं से मिलने नीतीश कुमार अब तक चार बार दिल्ली जा चुके हैं. एक बार कोलकाता, एक बार भुवनेश्वर, एक बार रांची और एक बार मुंबई भी गए हैं. नवीन पटनायक को छोड़कर सभी दलों के नेताओं ने विपक्षी एकजुटता का समर्थन किया है लेकिन आगे की रणनीति कांग्रेस के साथ होने वाली बैठक में तैयार होगी लेकिन बैठक की तिथि और स्थान ही तय नहीं हो पा रहा है. फैसला कांग्रेस को करना है और इसलिए नीतीश कुमार कांग्रेस के फैसले का फिलहाल इंतजार कर रहे हैं.
सीएम नीतीश का मिशन 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए सीएम विपक्ष को एक मंच पर लाना चाहते हैं. इससे पहले भी नीतीश कुमार ने पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि विपक्षी एकता की मुहिम को लेकर कांग्रेस को सोचना चाहिए. काफी देर हो चुकी है. अगर विपक्ष साथ आ जाए तो बीजेपी के जीत के रथ को रोका जा सकता है. हालांकि नीतीश कुमार की इस मुहिम में विपक्षी दलों की महत्वाकांक्षाएं आपस में टकराती दिख रही हैं. राहुल गांधी को छोड़कर कांग्रेस, नीतीश को पीएम पद के उम्मीदवार के तौर पर आगे करेगी, ऐसी संभावना कम ही दिखती है. वहीं अरविंद केजरीवाल गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी विपक्ष चाहते हैं. साथ ही केजरीवाल ने अलग से भी विपक्षी नेताओं से मुलाकात कर नीतीश की परेशानी बढ़ा दी है. कुल मिलाकर नीतीश कुमार की विपक्षी एकजुटता की मुहिम में कई पेंच नजर आ रहे हैं. अब इसको लेकर कांग्रेस के जवाब का इंतजार किया जा रहा है.