वैशाली: बिहार के हाजीपुर सदर अस्पताल में कैदियों के लिए कॉल गर्ल की व्यवस्था (Call Girl In Hajipur Sadar Hospital) की जाती थी. इस बात का खुलासा तब हुआ जब एसडीपीओ ने गुप्त सूचना के आधार पर वहां छापेमारी की. रेड के दौरान पता चला कि हाजीपुर सदर अस्पताल में कैदियों के मौज-मस्ती के लिए सजायाफ्ता कैदी के लिए कॉल गर्ल की व्यवस्था की गई थी. जिसके बाद बंदी वार्ड में रंगरलियां मनाई जा रही थी. मोबाइल लोकेशन के आधार पर करताहा थाना की पुलिस अस्पताल पहुंची तो वार्ड में कॉल गर्ल्स के साथ कैदी मस्ती कर रहे थे. सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे सदर SDPO ने कार्रवाई करते हुए कॉल गर्ल्स, वार्ड ब्वॉय समेत कई और अन्य लोगों को पकड़ा है. सभी से पूछताछ की जा रही है.
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अस्पताल के कैदी वार्ड में कैदियों के लिए कॉल गर्ल्स : दरअसल, यह पूरा मामला हाजीपुर के सदर अस्पताल का है. जहां कैदी वार्ड में जिस्मफरोशी का धंधा (Sex Racket In Prisoner Ward At Vaishali) चल रहा था. यहां इलाज के लिए लाये गए सजायाफ्ता कैदी के लिए दूसरे प्रदेश से एक कॉल गर्ल को बुलाया गया था. जिसके साथ कैदी वार्ड में रंगरलियां मनाई जा रही थी. हालांकि यह सुविधा किस सजायाफ्ता बंदी के लिए की गई थी, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. बताया जा रहा है कि अमित राय नाम के एक कैदी के लिए स्पेशल व्यवस्था की गई थी. जांच हुई तो हत्या के मामले में सजायाफ्ता कैदी वार्ड की बजाय अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र के एसी कमरे में में पार्टी करता मिला.
अस्पताल में मौज करते पकड़ा गया मर्डर का आरोपी : बुधवार रात करताहा थाना पुलिस ने मोबाइल लूट की लोकेशन की जांच करते हुए यहां छापा मारा था. पुलिस जब पहुंची, तो उस समय वार्ड में कैदी और कॉल गर्ल की जमकर मस्ती चल रही थी. जिसके बाद रात करीब 2 बजे सदर एसडीपीओ ओम प्रकाश अस्पताल पहुंचे और फिर वैशाली एसपी मनीष भी जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंचे. लेकिन दोनों ही अधिकारियों ने इस विषय पर कुछ भी बोलने से साफ तौर पर इंकार किया है. इन अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद ही कुछ बताया जा सकता है.सदर SDPO ने इस मामले पर कार्रवाई करते हुए कॉल गर्ल, कैदी और वार्ड वॉय को डिटेन किया है. वहीं, महेश कुमार नाम के अस्पताल कर्मी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है.
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अस्पताल के कैदी वार्ड में कॉल गर्ल्स कैसे पहुंची? : सूत्रों की मानें तो काफी सुनियोजित तरीके से कैदियों के लिए तमाम व्यवस्थाएं मुहैया कराई जाती हैं. जिसमें अस्पताल कर्मी से लेकर पुलिसकर्मी तक की मिलीभगत रहती है. दरअसल कैदी वार्ड और नशा मुक्ति केंद्र दोनों आसपास में ही है. ऐसे में जिस कैदी के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है. उनको रात के अंधेरे में नशा मुक्ति केंद्र लाया जाता है. जहां उसके खाने-पीने और अय्याशी की सारी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती है. इसके बदले उन कैदियों को मोटी रकम चुकानी पड़ती है.
'एक कैदी अमित कुमार अपने वार्ड से गायब था. उसे किसी दूसरे रुम में पाया गया, जहां पहले से एक महिला भी साथ में थी, उसके बाद आरोपी के साथ चार पुलिसकर्मी और स्वास्थ्य कर्मचारी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है. जिसके बाद उन सारे लोगों को जेल भेज दिया गया है. अब उनलोगों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी'. - डॉ अमरेन्द्र नारायण साही, सिविल सर्जन